Astrology Calculators for Life Problems – ज्योतिष कैलकुलेटर
मनुष्य स्वभावतः एक जिज्ञासु प्राणी है. आकाश में टिमटिमाते ग्रहों नक्षत्रों को देखकर उसके मन में अनेक प्रकार के प्रश्न व जिज्ञासाएं उत्पन्न हुई. इन्हीं प्रश्नों का उत्तर खोजने के लिए उसने आकाश में स्थित ग्रह-नक्षत्रों का अवलोकन करना प्रारभ किया.धीरे-धीरे ग्रहों-नक्षत्रों का प्रभाव मनुष्य की समझ में आना लगा और वह अपने आस-पास की घटनाओं को ग्रहों-नक्षत्रों की गतिविधियों से जोड़कर देखने लगा. इस प्रकार एक विद्या का अविष्कार हुआ जिसे हम आज ज्योतिष शास्त्र के नाम से जानते हैं. ज्योतिष कैलकुलेटर ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित एक कैलकुलेटर जिसके माध्यम से आप विभिन्न प्रकार की ज्योतिषीय गणनाएं कर सकते हैं.
Ascendant Calculator/ लग्न कैलकुलेटर
किसी भी जातक के जन्म के समय जन्मस्थान के पूर्वी क्षितिज में उदय होने वाली राशि को लग्न राशि कहते हैं. लग्न राशि की गणना जन्म की तिथि, समय और स्थान के आधार पर की जाती है. लग्न कैल्कुलेटर ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित एक सटीक ज्योतिषीय उपकरण है. लग्न कैलकुलेटर से अपनी लग्न राशि जानने के लिए आपको अपनी जन्मतिथि, जन्म समय व जन्म स्थान डालना पड़ता है. यह ज्योतिषीय उपकरण न सिर्फ आपको अपनी लग्न राशि से अवगत करवाता है बल्कि लग्न राशि के आधार पर आपके स्वभाव, व्यकित्व, स्वास्थ्य व आयु से जुड़ी जानकारी भी देता है.
Gemstone Calculator/ रत्न कैलकुलेटर
रत्न एक प्रकार के कीमती पत्थर होते हैं. रत्नों में ग्रहों की उर्जा सूक्ष्म रूप से निहित होती है. जब भी हम किसी शुभ ग्रह का रत्न धारण करते हैं तब उस ग्रह से संबंधित उर्जा रत्न के द्वारा हमारे शरीर में प्रवाहित होने लगती है और हम उस ग्रह की शुभ उर्जा से प्रभावित होने लगते हैं. आधुनिक अनुसंधानों से यह पता चलता है कि रत्न धारण करने के अनेक सकारात्मक प्रभाव होते हैं. हमारा रत्न कैलकुलेटर आपकी जन्मकुंडली के आधार पर आपके लिए शुभ और अनुकूल रत्नों का सुझाव देता है.
Rudraksha Calculator/ रुद्राक्ष कैलकुलेटर
सनातन संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत अधिक महत्व माना गया है. प्राचीन ग्रंथों व मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है. मान्यता है कि रुद्राक्ष में अध्यात्मिक व सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. रुद्राक्ष का उपयोग मंत्र जाप करने हेतु किया जाता है. कुछ लोग अध्यात्मिक लाभ पाने के लिए रुद्राक्ष को शरीर पर भी धारण करते हैं. रुद्राक्ष मूलरूप से नेपाल और भारत में पाया जाता है. रुद्राक्ष पर विभिन्न प्रकार की रेखाएं व धारियां होती हैं. इन्हें रुद्राक्ष का मुख कहा जाता है. आजकल 1 से लेकर 21 मुखी रुद्राक्ष पाए जाते हैं और धार्मिक दृष्टिकोण से इनका अलग-अलग महत्व होता है. हमारा रुद्राक्ष कैलकुलेटर आपकी ग्रह स्थिति व कुंडली के आधार पर आपके लिए अनुकूल रुद्राक्ष की जानकारी देता है.
Kaal Sarp Dosha Calculator/ कालसर्प दोष कैलकुलेटर
वैदिक ज्योतिष में राहु को सर्प का मुहं और केतु को उसकी पूँछ माना जाता है. राहु और केतु मिलकर कुंडली में काल सर्प दोष का निर्माण करते हैं. प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में राहु केतु हमेशा एक दूसरे से सातवीं राशि में रहते हैं. किसी भी कुंडली में यदि बाकी सात ग्रह राहु-केतु की एक तरफ आ जाएं और दूसरी तरह कोई भी ग्रह न हो तो कालसर्प योग का निर्माण होता है. कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को डरावने सपने आते हैं. उसे सपनों में अक्सर सांप, प्राचीन खंडर दिखाई देते हैं. अत्यधिक परिश्रम करने के बाद भी उसे अपने कार्यक्षेत्र में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है या नहीं, इसकी जानकारी अब आप हमारे कालसर्प दोष कैलकुलेटर के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं.
Numerology Calculator / अंक ज्योतिष कैलकुलेटर
अंक ज्योतिष ज्योतिष शास्त्र की तरह एक प्राचीन विद्या है. अंक ज्योतिष अंकों पर आधारित होता है. अंक ज्योतिष में 1 से लेकर 09 तक के अंकों का प्रयोग भविष्यकथन के लिए किया जाता है. 1 से लेकर 9 तक के अंक नवग्रहों की उर्जा से संचालित होते हैं. प्रत्येक अंक में एक ग्रह विशेष की ऊर्जा छुपी होती है. अंक ज्योतिष में जन्म की तिथि, मास व वर्ष के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है. न्यूमेरोलॉजी कैलकुलेटर अंक ज्योतिष पर आधारित एक ऐप है जिसकी मदद से आपके भविष्य का पता चल सकता है.
Sadesati Calculator/ साढ़ेसाती कैलकुलेटर
साढ़ेसाती का अर्थ होता है साढ़े सात वर्ष की समयावधि। शनि प्रत्येक राशि को पार करने में ढाई वर्ष का समय लगाता है. इस प्रकार शनि तीन राशियों को पार करने में साढ़ेसात वर्ष का समय लेता है. जब भी किसी व्यक्ति की चंद्र राशि से बारहवीं राशि में शनि गोचर करता है तब उस व्यक्ति की साढ़ेसाती प्रारंभ होती है. जब शनि चंद्र राशि से गुजरता है तब वह साढ़ेसाती का मध्य चरण कहलाता है और जब शनि चंद्र राशि से द्वितीय राशि में गोचर करता है तब वह साढ़ेसाती का अंतिम चरण होता है. प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़ेसाती लगभग 2 से 3 बार ही आती है. आप अपनी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती की जांच करने के लिए साढ़ेसाती कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं |
Pitra Dosha Calculator/ पितृ दोष कैलकुलेटर
वैदिक ज्योतिष के अनुसार पितृ दोष को काफी अशुभ माना जाता है. पितृ दोष की उत्पत्ति पितरों के रुष्ट या कुपित होने के कारण होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य पिता को, चंद्रमा माता को, गुरु और शनि बड़े-बुजुर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं. पितृ दोष के निर्माण में राहु-केतु की प्रमुख भूमिका होती है. किसी भी पत्रिका में राहु या केतु की युति सूर्य, चंद्रमा, गुरु या शनि से हो तो पितृ दोष बनता है. पंचम व नवम भाव में राहु व केतु की स्थिति भी पितृ दोष का निर्माण करती है. पितृ दोष कैलकुलेटर के माध्यम से आप अपनी कुंडली में पितृ दोष की जांच कर सकते हैं.
Manglik Dosha Calculator/ मांगलिक दोष कैलकुलेटर
किसी भी कुंडली में सप्तम, अष्टम, द्वादश, चतुर्थ व द्वितीय भाव विवाह से संबंधित होते हैं. मांगलिक दोष का निर्माण मंगल ग्रह से होता है. जब भी किसी पत्रिका में मंगल सप्तम, अष्टम, द्वादश, द्वितीय या चतुर्थ भाव में से किसी एक भाव में स्थित हो तो मांगलिक दोष का निर्माण होता है. मंगल एक क्रूर व हिंसात्मक ग्रह है. मंगल से विवाद, लडाई झगडे, मुकदमेबाजी आदि का विचार किया जाता है. जब मंगल विवाह से संबंधित इन भावों में स्थित होता है तब जातक के विवाह में अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं. मांगलिक दोष कैलकुलेटर के माध्यम से आप अपनी कुंडली में मांगलिक दोष की जांच कर सकते हैं.
Moon Sign Calculator/ चंद्र राशि कैलकुलेटर
वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय पर चंद्रमा जन्म कुंडली में जिस राशि में स्थित होता है, वह उस व्यक्ति की जन्म राशि कहलाती है. जन्म राशि का फलकथन में बहुत अधिक महत्व होता है. चंद्रमा मन, मस्तिष्क व भावनाओं का कारक ग्रह माना जाता है इसलिए चंद्र राशि से किसी भी व्यक्ति की मानसिक स्थिति व मनोवृत्ति का पता चलता है. चंद्र राशि को जन्म राशि भी कहा जाता है. चंद्र राशि के आधार पर गोचर फल भी देखा जाता है. चंद्र राशि कैलकुलेटर के माध्यम से आपको अपनी चंद्र राशि का सरलता से ज्ञान हो सकता है.