कुंडली में तलाक के योग कब बनते हैं?
वैवाहिक जीवन में सुख और दुख दोनों ही ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के माध्यम से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति के जीवन में वैवाहिक समस्याएं कब और कैसे उत्पन्न हो सकती हैं। कई बार ग्रहों की विपरीत स्थिति विवाह में तनाव, अलगाव या तलाक तक ले जा सकती है। ड़ॉ विनय बजरंगी से जानेंगे कि कुंडली में तलाक के योग कैसे बनते हैं और इससे बचने के लिए कौन–से उपाय किए जा सकते हैं।
कुंडली में तलाक के योग दर्शाने वाले प्रमुख भाव
1. सप्तम भाव (7th House): यह भाव विवाह, जीवनसाथी और वैवाहिक जीवन को दर्शाता है। यदि यह भाव पाप ग्रहों से प्रभावित हो या कमजोर हो तो तलाक की संभावना बढ़ जाती है।
2. द्वितीय भाव (2nd House): यह भाव परिवार और धन को दर्शाता है। यहां अशुभ ग्रहों की उपस्थिति पारिवारिक समस्याएं पैदा कर सकती है।
3. चतुर्थ भाव (4th House): यह भाव घरेलू सुख और मानसिक शांति को दर्शाता है।
4. अष्टम भाव (8th House): यह भाव अचानक घटनाओं, विवादों और जीवन में आने वाली बाधाओं को दर्शाता है।
तलाक के योग बनाने वाले ग्रह और उनकी स्थिति
· शुक्र (Venus): विवाह का कारक ग्रह है। यदि शुक्र नीच का हो या पाप ग्रहों के प्रभाव में हो तो वैवाहिक जीवन में समस्याएं हो सकती हैं।
· मंगल (Mars): मंगल दोष (मांगलिक दोष) वैवाहिक कलह का कारण बन सकता है।
· राहु और केतु: ये छाया ग्रह भ्रम और अविश्वास पैदा करते हैं, जिससे तलाक की संभावना बढ़ सकती है।
· शनि (Saturn): यदि शनि सप्तम भाव में स्थित हो या इसका अशुभ प्रभाव हो तो वैवाहिक जीवन में देरी, तनाव और अलगाव हो सकता है।
तलाक के संकेत दर्शाने वाली प्रमुख स्थितियां
1. सप्तम भाव में पाप ग्रहों की स्थिति: यदि राहु, केतु, मंगल या शनि सप्तम भाव में स्थित हों, तो वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं।
2. शुक्र और मंगल का अशुभ संयोग: यह संबंध वैवाहिक जीवन में झगड़े और आक्रोश को जन्म दे सकता है।
3. सप्तम भाव का स्वामी छठे, आठवें या बारहवें भाव में: यह स्थिति वैवाहिक असंतोष और तलाक का संकेत देती है।
4. चंद्रमा और शुक्र पर राहु या केतु की दृष्टि: यह मानसिक तनाव और विश्वास की कमी को दर्शाता है।
तलाक के योग को कैसे करें कम?
ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं जिनकी सहायता से वैवाहिक जीवन में सुधार लाया जा सकता है।
1. मंत्र और पूजा
· शिव–पार्वती पूजा: वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए शिव–पार्वती की पूजा करें।
· श्री सूक्त का पाठ: शुक्रवार को श्री सूक्त का पाठ करें और माँ लक्ष्मी की पूजा करें।
2. रत्न धारण करें
· शुक्र के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए हीरा या ओपल धारण करें।
· मंगल दोष से मुक्ति के लिए मूंगा रत्न धारण करें।
3. दान और सेवा
· शनिवार को जरूरतमंदों को काले कपड़े और तेल का दान करें।
· मंगलवार को हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाएं।
4. ग्रह शांति उपाय
· ग्रह शांति पूजा कराएं और नवग्रहों की अराधना करें।
· राहु और केतु के लिए नारियल प्रवाहित करना लाभकारी होता है।
कुंडली मिलान से बच सकते हैं तलाक के योग
शादी से पहले कुंडली मिलान करवाना बेहद महत्वपूर्ण है। गुण मिलान, मंगल दोष और दोष–निर्माण की जांच करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। अगर किसी भी प्रकार का दोष पाया जाता है, तो विवाह से पहले उचित उपाय किए जा सकते हैं।
निष्कर्ष
कुंडली में तलाक के योग होना अनिवार्य रूप से तलाक का कारण नहीं बनता। सही समय पर उचित ज्योतिषीय उपाय और समझदारी भरा व्यवहार वैवाहिक जीवन को बचा सकता है। यदि आप अपने रिश्ते में तनाव महसूस कर रहे हैं, तो किसी अनुभवी तलाक ज्योतिषी से परामर्श लेना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।
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