क्या कुंडली भविष्यवाणी कर सकती है कि हमारे जीवन में समस्याएँ क्यों आ रही हैं

क्या कुंडली भविष्यवाणी कर सकती है कि हमारे जीवन में समस्याएँ क्यों आ रही हैं?

कुंडली या जन्म पत्रिका, जिसे ज्योतिषी की भाषा मेंJanam kundliभी कहा जाता है, प्राचीन भारतीय पद्धति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति पर आधारित होती है, और यह जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में सहायक हो सकती है। कुंडली से हमें यह भी जानकारी मिलती है कि हमारी ज़िन्दगी में समस्याएँ क्यों रही हैं और उनका समाधान क्या हो सकता है।

आजकल लोग ज्योतिषी से अपने जीवन की समस्याओं का हल खोजने के लिए कुंडली का अध्ययन करते हैं। इन समस्याओं में स्वास्थ्य से लेकर करियर, विवाह, वित्तीय संकट, व्यापार, और परिवार में परेशानियाँ शामिल हो सकती हैं। ड़ॉ विनय बजरंगी से जानेंगे कि कुंडली भविष्यवाणी कैसे कर सकती है, और किस प्रकार के दोष व्यक्ति के जीवन में समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं।

1. कुंडली दोष क्या है?

कुंडली दोष एक प्रकार की असंतुलित स्थिति होती है, जो व्यक्ति की जन्म कुंडली में ग्रहों की गलत स्थिति या दोषपूर्ण स्थिति के कारण उत्पन्न होती है। यह दोष जीवन के विभिन्न पहलुओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुंडली दोष का प्रभाव व्यक्ति की किस्मत और भविष्य पर गहरा असर डालता है।

2. ग्रह दोष क्या है?

ग्रह दोष का मतलब है ग्रहों की गलत स्थिति। जब ग्रहों की स्थिति कुंडली में सही स्थान पर नहीं होती, तो यह ग्रह दोष उत्पन्न करता है। ग्रह दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसमें प्रमुख दोष जैसेशनि दोष“, “मंगल दोष“, “बुध दोष“, “राहु केतु दोषआदि शामिल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि शनि का स्थान कुंडली में कमजोर होता है, तो व्यक्ति को जीवन में कई रुकावटें, आर्थिक संकट और मानसिक तनाव हो सकते हैं।

3. प्रमुख ग्रह दोष

कुंडली में प्रमुख ग्रह दोषों में कुछ खास दोष होते हैं, जिनका व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। ये दोष जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समस्याएँ उत्पन्न करते हैं। कुछ प्रमुख ग्रह दोष हैं:

·         मंगल दोष: यह दोष विवाह के मामले में मुख्य रूप से माना जाता है। अगर किसी की कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में होता है, तो विवाह में बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

·         शनि दोष: शनि का प्रभाव लंबे समय तक रहता है, और अगर यह कुंडली में अशुभ स्थिति में है, तो यह करियर, वित्त, और स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है।

·         राहु और केतु दोष: राहु और केतु के अशुभ स्थान में होने से जीवन में भ्रम, असमंजस और मानसिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यह करियर में भी रुकावटें डाल सकते हैं।

4. कालसर्प दोष क्या है?

कालसर्प दोष तब उत्पन्न होता है जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे मानसिक तनाव, वैवाहिक जीवन में समस्याएँ, आर्थिक संकट, और करियर में रुकावटें। इस दोष को नष्ट करने के लिए विशेष उपायों की आवश्यकता होती है, जिनका सुझाव ज्योतिषी देते हैं।

5. पितृ दोष क्या है?

पितृ दोष तब उत्पन्न होता है जब व्यक्ति की कुंडली में उसके पूर्वजों के पापों का असर दिखाई देता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में पारिवारिक समस्याएँ, धन की कमी, और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। पितृ दोष को नष्ट करने के लिए पितृ तर्पण और अन्य धार्मिक उपाय किए जाते हैं।

6. बच्चे के जन्म की भविष्यवाणी

कुंडली का उपयोग यह जानने के लिए भी किया जाता है कि व्यक्ति के जीवन में संतान सुख कब मिलेगा और उस संतान का भविष्य कैसा होगा। यदि कुंडली में संतान सुख के लिए कोई दोष हो, तो ज्योतिषी उपायों के माध्यम से उसे ठीक करने की कोशिश करते हैं। संतान सुख के अलावा, बच्चे के जन्म के बाद की समस्याओं को भी कुंडली के माध्यम से जाना जा सकता है।

7. व्यापार संबंधी मुद्दे

व्यापार और नौकरी में सफलता और असफलता का प्रभाव भी व्यक्ति की कुंडली पर निर्भर करता है। यदि किसी की कुंडली में व्यापार संबंधी ग्रह कमजोर हैं, तो व्यवसाय में रुकावटें सकती हैं। कुंडली में ग्रहों का सही स्थान व्यापार में उन्नति और वित्तीय समृद्धि लाने में मदद करता है।

8. स्वास्थ्य की भविष्यवाणी

कुंडली में स्वास्थ्य समस्या पता लगाया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र, राहु, या शनि जैसे ग्रह अशुभ स्थिति में हों, तो यह स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। ये ग्रह किसी व्यक्ति की शारीरिक कमजोरी, लंबी बीमारियाँ या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत देते हैं।

9. करियर चयन

कुंडली से यह भी जाना जा सकता है कि व्यक्ति के लिए कौन सा करियर उपयुक्त है। ग्रहों की स्थिति यह निर्धारित करने में मदद करती है कि व्यक्ति किस क्षेत्र में सफल हो सकता है। यदि किसी की कुंडली में सूर्य और बुध अच्छे स्थिति में हैं, तो यह करियर में सफलता और नेतृत्व की क्षमता को दर्शाता है।

10. संपत्ति ज्योतिष

कुंडली से यह भी जाना जा सकता है कि व्यक्ति के जीवन में संपत्ति योग कब आएगा। यदि व्यक्ति की कुंडली में शुक्र और गुरु अच्छे स्थान पर हैं, तो उसे संपत्ति मिल सकती है, चाहे वह घर हो, जमीन हो, या अन्य कोई बड़ी संपत्ति।

11. विवाहित जीवन के मुद्दे

विवाह में समस्याएँ आना एक आम समस्या होती है, और यह कुंडली से समझा जा सकता है। यदि किसी की कुंडली में मंगल या शनि अशुभ स्थान पर होते हैं, तो इससे विवाह में समस्याएँ सकती हैं। इसके लिए उपाय और पूजन की आवश्यकता होती है।

12. वित्त ज्योतिष

वित्तीय समस्याएँ भी कुंडली से संबंधित होती हैं। यदि कुंडली में धन और समृद्धि के ग्रह सही स्थान पर नहीं होते, तो व्यक्ति को आर्थिक परेशानियाँ हो सकती हैं। इसके लिए वित्त ज्योतिषी उपाय और दान के बारे में सुझाव देते हैं।

कुल मिलाकर, जन्म कुंडली एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो यह समझने में मदद करता है कि जीवन में समस्याएँ क्यों रही हैं और उनका समाधान क्या हो सकता है। किसी भी प्रकार की परेशानी के लिए ज्योतिष उपायों का पालन करना व्यक्ति के जीवन को बेहतर बना सकता है।

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