Navmansh Kundali

Navmansh Kundali: जानें नवमांश कुंडली क्यों खास होती है?

जब भी हम जन्म कुंडली की बात करते हैंतो अधिकतर लोग मुख्य कुंडली (लग्न कुंडलीपर ही ध्यान देते हैं। लेकिन एक और कुंडली होती है जो भविष्यवाणी की दृष्टि से उतनी हीबल्कि कई बार उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती हैवह है नवमांश कुंडली आज हम आपको बताएंगे कि Navmansh Kundali क्या हैऔर नवमांश कुंडली क्यों खास होती है

नवमांश कुंडली क्या होती है?

Navmansh Kundali को संस्कृत मेंनवांश‘ कहा जाता हैजिसका अर्थ होता है – नव भागों में विभाजित। यानी जब किसी ग्रह की राशि को 9 भागों में बाँटा जाता हैतो उससे प्राप्त नक्शा Navmansh chart कहलाता है। इसे D-9 चार्ट भी कहते हैं।

नवमांश कुंडली को विशेष रूप से विवाहजीवनसाथीभाग्य और धर्म के मामलों में देखा जाता है। यह जन्म कुंडली की पुष्टि करती है और ग्रहों की असली शक्ति को दर्शाती है।

नवमांश कुंडली क्यों होती है खास?

1. ग्रहों की वास्तविक स्थिति: मुख्य कुंडली में कोई ग्रह कितना भी बलवान दिखेअगर वह Navmansh Kundali में कमजोर हैतो उसका फल उतना प्रभावी नहीं होगा। इसी तरहअगर कोई ग्रह मुख्य कुंडली में कमजोर है लेकिन नवमांश में बलवान हैतो उसका फल जीवन में धीरेधीरे बेहतर हो सकता है।

2.    विवाह और जीवनसाथी की जानकारी: Navmansh chart for marriage अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। विवाह योगजीवनसाथी का स्वभाववैवाहिक जीवन में तालमेलइन सबकी गहराई से जानकारी नवांश कुंडली से मिलती है।

3.भाग्य और आध्यात्मिक उन्नति: Navmansh chart व्यक्ति के धर्मभाग्यऔर आध्यात्मिक विकास की स्थिति को दर्शाता है। यह बताता है कि व्यक्ति के जीवन में कब और कैसे भाग्य का साथ मिलेगा।

4.    करियर और पेशे में सफलता: यद्यपि करियर के लिए दशमांश कुंडली (D-10) देखी जाती हैलेकिन Navmansh Kundali भी यह संकेत देती है कि व्यक्ति अपनी कर्मठता के साथ भाग्य का कितना साथ पाएगा।

डॉविनय बजरंगी के अनुसार नवमांश कुंडली का महत्व

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य Dr. Vinay Bajrangi के अनुसार, “किसी भी जन्म कुंडली का पूरा मूल्यांकन तब तक अधूरा रहता है जब तक आप Navmansh chart का विश्लेषण  करें। यह एक व्यक्ति के जीवन की असल दिशा और दशा का संकेत देता है।

वे यह भी कहते हैं कि कई बार मुख्य कुंडली व्यक्ति को सफल दिखाती हैलेकिन नवमांश कमजोर हो तो वह सफलता टिकती नहीं है। इसलिए किसी भी महत्वपूर्ण फैसले जैसे विवाहकरियर चयनसाझेदारी आदि से पहले Navmansh Kundali Analysis अवश्य कराना चाहिए।

नवांश कुंडली से विवाह के योग कैसे जानें?

·  सप्तम भाव का स्वामी यदि नवमांश में शुभ भाव में हो तो अच्छे विवाह योग बनते हैं।

·  शुक्र और गुरु की स्थिति नवमांश में देखें – ये वैवाहिक सुख के कारक ग्रह हैं।

·  यदि Navmansh chart matching के अनुसार दोनों जातकों की कुंडलियों में तालमेल हो तो विवाह जीवन सफल होता है।

FAQs: नवमांश कुंडली से जुड़े सामान्य प्रश्न

Q1: क्या नवमांश कुंडली विवाह के लिए सबसे जरूरी है?

उत्तर: हांविवाह से जुड़े योगों और जीवनसाथी की प्रकृति को जानने के लिए Navmansh Kundali marriage prediction के लिए अत्यंत आवश्यक होती है।

Q2: नवांश कुंडली कब से प्रभावी होती है?

उत्तर: कई ज्योतिषों के अनुसारनवमांश कुंडली का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में लगभग 30 वर्ष की उम्र के बाद अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

Q3: क्या सभी ग्रहों को नवमांश में देखना जरूरी होता है?

उत्तर: हांखासकर लग्नेशसप्तमेशगुरुशुक्र और चंद्रमा को Navmansh chart में जरूर देखना चाहिए क्योंकि ये ग्रह जीवन की दिशा तय करते हैं।

Q4: क्या केवल नवांश कुंडली देखकर भविष्यवाणी की जा सकती है?

उत्तर: नहींनवांश कुंडली मुख्य कुंडली की पुष्टि करती है। दोनों को एक साथ देखकर ही सटीक भविष्यवाणी की जाती है।

निष्कर्ष

Navmansh Kundali ज्योतिष शास्त्र का वह आईना है जिसमें जीवन के गूढ़ रहस्यों की झलक मिलती है। यह  केवल विवाहभाग्य और जीवनसाथी की स्थिति दर्शाती हैबल्कि व्यक्ति के संपूर्ण जीवन का मार्गदर्शन भी करती है। यदि आप अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए मार्गदर्शन चाहते हैंतो किसी योग्य ज्योतिषी से Navmansh chart analysis जरूर करवाएं। इस दिशा में Dr. Vinay Bajrangi जैसे अनुभवी ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली को सही रूप में समझने में सहायक हो सकते हैं।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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