योनि क्या है जानिये कि योनि मिलान क्यों जरूरी है

योनि क्या है? जानिये कि योनि मिलान क्यों जरूरी है?

ज्योतिष शास्त्र में विवाह से पहले कुंडली मिलान को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। इसमें गुण मिलान की प्रक्रिया के तहत योनि मिलान एक महत्वपूर्ण घटक होता है। योनि मिलान का सीधा संबंध पतिपत्नी के आपसी सामंजस्य, शारीरिक आकर्षण और मानसिक समझ से होता है। डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, सही योनि मिलान वैवाहिक जीवन की सुखशांति को सुनिश्चित करता है।

योनि क्या है?

जन्म कुंडली में चंद्र राशि के आधार पर व्यक्ति की योनि निर्धारित होती है। योनि, व्यक्ति के स्वभाव, आचरण और व्यवहार को दर्शाती है। यह 14 प्रकार की होती है, जो मुख्य रूप से पशु योनि पर आधारित होती है। हर योनि का अपना विशिष्ट गुण और विशेषता होती है।

योनि के प्रकार और उनका महत्व

1.    अश्व (Horse) – ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक। इस योनि के जातक स्वभाव से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर होते हैं।

2.    गज (Elephant) – धैर्य और शक्ति का प्रतीक। इस योनि के जातक जीवन में स्थिरता और नेतृत्व क्षमता रखते हैं।

3.    मेष (Sheep) – कोमलता और मासूमियत का प्रतीक। ये जातक संवेदनशील होते हैं।

4.    सर्प (Snake) – रहस्यमय और आकर्षक व्यक्तित्व। इनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर होता है।

5.    श्वान (Dog) – निष्ठा और विश्वास का प्रतीक। ये जातक विश्वसनीय और सच्चे साथी होते हैं।

6.    मृग (Deer) – सौंदर्य और कला प्रेमी। इन जातकों में रचनात्मकता होती है।

7.    मार्जार (Cat) – चतुर और सतर्क। इन जातकों में जल्दी निर्णय लेने की क्षमता होती है।

8.    मूषक (Mouse) – व्यावहारिक और मितव्ययी। ये जातक हर परिस्थिति में सामंजस्य बैठाने में सक्षम होते हैं।

9.    गौ (Cow) – सरलता और करुणा का प्रतीक। इन जातकों में दूसरों की सहायता करने की भावना प्रबल होती है।

10. महिष (Buffalo) – मेहनती और दृढ़ संकल्पी। ये जातक कठिन परिश्रम से सफलता प्राप्त करते हैं।

11. व्याघ्र (Tiger) – साहसी और आत्मविश्वासी। इन जातकों में नेतृत्व करने की विशेष योग्यता होती है।

12. हरिण (Deer) – सौम्यता और आकर्षण का प्रतीक। ये जातक अत्यंत मिलनसार होते हैं।

13. सिंह (Lion) – आत्मविश्वास और गर्व का प्रतीक। ये जातक महत्वाकांक्षी और प्रभावशाली होते हैं।

14. वानर (Monkey) – चपलता और हंसमुख स्वभाव। ये जातक बुद्धिमान और कल्पनाशील होते हैं।

योनि मिलान क्यों जरूरी है?

1.    वैवाहिक सामंजस्य: योनि मिलान से दंपति के बीच आपसी तालमेल का अनुमान लगाया जा सकता है।

2.    शारीरिक आकर्षण: सही योनि मिलान होने पर पतिपत्नी के बीच शारीरिक आकर्षण और संतुष्टि बनी रहती है।

3.    मानसिक शांति: अनुकूल योनि मिलान से मानसिक शांति और प्रेम में वृद्धि होती है।

4.    कलह और विवाद से बचाव: असंगत योनि मिलान से दांपत्य जीवन में तनाव और विवाद की संभावना बढ़ जाती है।

योनि दोष और उसके उपाय

यदि कुंडली/Janam kundali में योनि दोष पाया जाता है, तो ज्योतिष में इसके लिए कई उपाय बताए गए हैं। जैसे:

·  विशेष पूजा और मंत्र जाप: नियमित रूप से भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करना शुभ होता है।

·  रुद्राभिषेक या नवग्रह पूजा: यह दोष निवारण के लिए प्रभावी माना जाता है।

·  दान और व्रत: ज्योतिषीय उपाय के रूप में अनुकूल ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए दान करना लाभकारी होता है।

·  कुंडली के अनुसार रत्न धारण करना: (हालांकि, किसी रत्न को धारण करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें)

कैसे करें सही योनि मिलान?

योनि मिलान करने के लिए अष्टकूट मिलान/Kundali Matching पद्धति का उपयोग किया जाता है। इसमें कुल 36 गुण होते हैं, जिसमें योनि मिलान को 4 अंक दिए जाते हैं। यदि योनि मिलान में उच्च अंक प्राप्त होते हैं, तो वैवाहिक जीवन में प्रेम और समझ बनी रहती है।

·  समान योनि: उत्तम मिलान माना जाता है। दांपत्य जीवन में सुखशांति रहती है।

·  शत्रु योनि: इसे अशुभ माना जाता है। इससे जीवन में संघर्ष और असहमति बढ़ सकती है।

·  मैत्री योनि: मध्यम मिलान माना जाता है। इससे संबंधों में सामंजस्य बना रहता है।

निष्कर्ष

योनि मिलान का उद्देश्य दांपत्य जीवन को सुखी और समृद्ध बनाना है। यदि आप विवाह से पहले अपने जीवनसाथी के साथ कुंडली मिलान करवाना चाहते हैं, तो अनुभवी ज्योतिषी डॉ. विनय बजरंगी से परामर्श कर सकते हैं। वे आपकी कुंडली का गहराई से अध्ययन कर उचित मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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