KundliHindi https://kundlihindi.com/ My WordPress Blog Fri, 28 Mar 2025 09:26:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://i0.wp.com/kundlihindi.com/wp-content/uploads/2022/11/cropped-kundlihindi.png?fit=32%2C32&ssl=1 KundliHindi https://kundlihindi.com/ 32 32 214685846 कैसे जानें कि आपका विवाहित जीवन कैसा होगा? https://kundlihindi.com/blog/how-your-marriage-life-will-be/ https://kundlihindi.com/blog/how-your-marriage-life-will-be/#respond Fri, 28 Mar 2025 09:25:32 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3478 विवाह जीवन हर किसी की जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और यह न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है बल्कि पारिवारिक और सामाजिक संबंधों पर भी असर डालता है। ज्योतिष में विवाह के बारे में भविष्यवाणी करने के लिए कुंडली का विशेष महत्व है। कुंडली के माध्यम से हम यह जान सकते हैं...

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विवाह जीवन हर किसी की जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और यह केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है बल्कि पारिवारिक और सामाजिक संबंधों पर भी असर डालता है। ज्योतिष में विवाह के बारे में भविष्यवाणी करने के लिए कुंडली का विशेष महत्व है। कुंडली के माध्यम से हम यह जान सकते हैं कि हमारा विवाहित जीवन कैसा रहेगा, और हमें किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे ज्योतिष द्वारा विवाहित जीवन के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है और इसके लिए कौन से उपाय किए जा सकते हैं।

विवाहित जीवन ज्योतिष और कुंडली द्वारा भविष्यवाणी

जब किसी व्यक्ति का विवाह होने वाला होता है, तो उसका विवाह कुंडली के आधार पर विश्लेषण किया जाता है। कुंडली के विभिन्न ग्रह, नक्षत्र और ग्रहों की स्थिति विवाह जीवन के बारे में कई संकेत देती है। विवाह के लिए कुंडली मिलान एक पुरानी परंपरा है, जो जीवनसाथी के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसमें दोनों व्यक्तियों की कुंडली की तुलना की जाती है, ताकि यह देखा जा सके कि दोनों के बीच क्या सामंजस्य होगा और क्या उनके रिश्ते में कोई ग्रह दोष हो सकता है।

कुंडली द्वारा विवाह भविष्यवाणी में मुख्य रूप से निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है:

  1. ग्रहों की स्थिति: विवाह के लिए उपयुक्त ग्रहों की स्थिति का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है। शुक्र और बृहस्पति जैसे ग्रहों की स्थिति का असर शादी पर पड़ता है। इनके शुभ स्थान पर होने से विवाह जीवन सुखमय और सफल होता है।
  2. लग्न और नवांश: लग्न और नवांश (द्वादशांश) में ग्रहों की स्थिति से भी विवाह जीवन के बारे में जानकारी मिलती है। इस विश्लेषण से जीवनसाथी के स्वभाव और व्यक्तित्व का अंदाजा लगाया जा सकता है।
  3. विवाह के घर का विश्लेषण: कुंडली में सातवां घर विवाह से संबंधित होता है। अगर इस घर में शुभ ग्रह होते हैं, तो यह विवाह जीवन को सुखी और समृद्ध बनाता है। वहीं, यदि इसमें अशुभ ग्रह हैं, तो विवाह में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  4. कुंडली दोष: कई बार किसी व्यक्ति की कुंडली में दोष होते हैं, जैसेकुंडली दोषयामंगल दोष,” जो विवाह जीवन में समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं। इन दोषों को ज्योतिषीय उपायों से ठीक किया जा सकता है।

विवाह के लिए ज्योतिषीय उपाय

यदि किसी की कुंडली में विवाह जीवन में समस्याएँ रही हैं या विवाह के बाद कोई खास परेशानी हो रही है, तो ज्योतिषी कुछ उपायों की सलाह देते हैं:

  1. मंगल दोष: यदि किसी की कुंडली में मंगल दोष हो, तो इस दोष को दूर करने के लिए कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं, जैसे मंगलवार को व्रत रखना या हनुमान जी की पूजा करना।
  2. विवाह के घर की पूजा: विवाह के घर (सातवां घर) में शुभ ग्रहों की स्थिति बनाए रखने के लिए उस घर की पूजा करवाई जा सकती है।
  3. व्रत और उपवास: कुछ ज्योतिषी विवाह के लिए उपवास रखने की सलाह भी देते हैं। इससे अच्छे ग्रहों का समर्थन मिलता है और विवाह के रास्ते में रही बाधाएँ दूर हो सकती हैं।
  4. ग्रह शांति पूजा: ग्रहों की स्थिति को सुधारने के लिए विशेष पूजा करवाई जा सकती है, जैसे शांति के लिए ग्रहों के अनुसार पूजा, यज्ञ और हवन आदि।

सुखद विवाह के लिए ज्योतिषीय उपाय

सुखी और संतुष्ट विवाहित जीवन के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर दांपत्य जीवन को बेहतर और खुशहाल बनाया जा सकता है:

  1. प्रेम और विश्वास को बढ़ाना: कुंडली में जो ग्रह विवाह जीवन के बारे में नकारात्मक संकेत देते हैं, उन्हें शांत करने के उपाय किए जा सकते हैं, जिससे दांपत्य जीवन में प्रेम और विश्वास बढ़े।
  2. सप्तपदी के बाद विश्लेषण: विवाह के बाद सप्तपदी में जो ग्रह दोष हो सकते हैं, उनका विश्लेषण करके निवारण के उपाय किए जा सकते हैं। इससे दांपत्य जीवन में शांति और सुख बना रहता है।
  3. शुभ समय पर विवाह करना: ज्योतिष के अनुसार विवाह के लिए शुभ समय (मुहूर्त) का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। सही मुहूर्त में विवाह करने से जीवन में समृद्धि और खुशी आती है।
  4. मातापिता की कुंडली मिलाना: विवाह के पहले, यह भी महत्वपूर्ण है कि मातापिता की कुंडली मिलाई जाए, ताकि पारिवारिक समस्याएँ भी सुलझाई जा सकें और जीवन में शांति बनी रहे।

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FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. क्या कुंडली मिलान से विवाह में सफलता सुनिश्चित होती है?

कुंडली मिलान/kundli matching से यह पता चलता है कि दोनों व्यक्तियों के बीच कितनी सामंजस्यता है। यह विवाह में सफलता को पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं करता, लेकिन यह एक मजबूत आधार प्रदान करता है।

2. क्या मंगल दोष के कारण विवाह में कठिनाई आती है?

हां, मंगल दोष विवाह जीवन में समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है, लेकिन इसका निवारण ज्योतिषीय उपायों द्वारा किया जा सकता है, जैसे हनुमान पूजा, व्रत, या मंगली उपाय।

3. क्या शादी के बाद भी कुंडली का विश्लेषण जरूरी है?

शादी के बाद भी कुंडली का विश्लेषण महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर अगर विवाह में कोई समस्या हो रही हो। इससे जीवनसाथी के स्वभाव और रिश्ते में सुधार करने के उपाय मिल सकते हैं।

4. विवाह के लिए कौन सा समय शुभ होता है?

विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना महत्वपूर्ण होता है। ज्योतिषी व्यक्ति की कुंडली देखकर सबसे उपयुक्त समय का चयन करते हैं।

5. क्या ज्योतिष उपाय विवाह के लिए असरदार होते हैं?

जी हां, ज्योतिषीय उपाय विवाह जीवन में सुधार ला सकते हैं, बशर्ते कि वे सही तरीके से और सही समय पर किए जाएं।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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क्या जन्म कुंडली से हम नौकरी या करियर के बारे में जान सकते हैं? https://kundlihindi.com/blog/career-in-kundli/ https://kundlihindi.com/blog/career-in-kundli/#respond Wed, 26 Mar 2025 09:51:36 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3475 आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में हर व्यक्ति अपने करियर और नौकरी को लेकर चिंतित रहता है। ऐसे में यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या जन्म कुंडली से हम अपने करियर की सही दिशा जान सकते हैं? वैदिक ज्योतिष के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के करियर और नौकरी से जुड़ी संभावनाओं को उनकी कुंडली में मौजूद ग्रहों और योगों के माध्यम से देखा...

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आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में हर व्यक्ति अपने करियर और नौकरी को लेकर चिंतित रहता है। ऐसे में यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या जन्म कुंडली से हम अपने करियर की सही दिशा जान सकते हैंवैदिक ज्योतिष के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के करियर और नौकरी से जुड़ी संभावनाओं को उनकी कुंडली में मौजूद ग्रहों और योगों के माध्यम से देखा जा सकता है। प्रख्यात ज्योतिषाचार्य डॉ. विनय बजरंगी बताते हैं कि जन्म कुंडली में नौकरी या करियर के बारे में जान सकते हैं

जन्म कुंडली में करियर और नौकरी के संकेत

ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति की दशम भाव (10वां घर) को करियर और पेशे से संबंधित माना जाता है। यह घर बताता है कि व्यक्ति किस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेगा। कुछ महत्वपूर्ण ग्रह और उनकी भूमिका इस प्रकार है:

·  सूर्य: सरकारी नौकरी, प्रशासनिक सेवाएँ, नेतृत्व क्षमता।

·  चंद्रमा: रचनात्मक क्षेत्र, मनोविज्ञान, होटल मैनेजमेंट।

·  मंगल: सेना, पुलिस, इंजीनियरिंग, खेल।

·  बुध: लेखन, मीडिया, मार्केटिंग, व्यापार।

·  गुरु: शिक्षा, अध्यापन, सलाहकार, आध्यात्मिक क्षेत्र।

·  शुक्र: फिल्म, फैशन, सौंदर्य उद्योग।

·  शनि: निर्माण, फैक्ट्री, तकनीकी क्षेत्र।

कौनसी दशा और गोचर नौकरी दिलाने में सहायक होते हैं?

महादशा और अंतर्दशा का प्रभाव व्यक्ति के करियर पर गहरा पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ ग्रहों की दशा चल रही हो, तो उसे करियर में तरक्की मिलती है। वहीं, जब शनि, राहु या केतु की प्रतिकूल दशा होती है, तो करियर में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, सही ज्योतिषीय उपाय और कुंडली के विश्लेषण से करियर में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

सरकारी नौकरी के योग

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्यशनिमंगल और गुरु मजबूत स्थिति में हों, तो सरकारी नौकरी के योग बनते हैं। विशेषकर यदि दशम भाव का स्वामी शुभ ग्रहों से प्रभावित हो और दशम भाव में शुभ ग्रह हों, तो सरकारी नौकरी मिलने की संभावना अधिक होती है।

व्यवसाय (बिज़नेस) के योग

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सप्तम भाव (व्यवसाय का घर) और दशम भाव का संबंध बन रहा हो, तो उसे नौकरी से अधिक बिज़नेस में सफलता मिलने की संभावना होती है। बुध और शुक्र मजबूत स्थिति में हों, तो व्यक्ति एक सफल व्यापारी बन सकता है।

नौकरी और करियर में सफलता के ज्योतिषीय उपाय

1.    शनि मंत्र का जाप करें, खासकर शनिवार के दिन।

2.    सूर्य को अर्घ्य दें, जिससे सरकारी नौकरी के योग मजबूत होंगे।

3.    करियर में बाधाओं को दूर करने के लिए मंगल का अनुष्ठान करें।

4.    गुरु ग्रह की शांति के लिए पीले रंग का प्रयोग बढ़ाएँ और गुरुवार का व्रत करें।

5.    राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए रुद्राक्ष धारण करें।

6.    बुध के मजबूत प्रभाव के लिए हरी मूंग का दान करें और बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएँ।

7.    शनि के कुप्रभाव को कम करने के लिए लोहे की अंगूठी धारण करें।

8.    मंगल दोष से बचने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।

विभिन्न ग्रहों की दशा में करियर का प्रभाव

·  सूर्य की दशा: व्यक्ति को सरकारी क्षेत्र में सफलता दिला सकती है।

·  चंद्रमा की दशा: रचनात्मक क्षेत्रों में प्रगति देती है।

·  मंगल की दशा: सेना, पुलिस, इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता दिलाती है।

·  बुध की दशा: व्यापार और संचार से जुड़े क्षेत्रों में तरक्की मिलती है।

·  गुरु की दशा: शिक्षा और अध्यात्म में विशेष सफलता देती है।

·  शुक्र की दशा: फिल्म, कला, फैशन और सौंदर्य क्षेत्र में लाभ देती है।

·  शनि की दशा: मेहनत और धैर्य से सफलता मिलती है।

·  राहु और केतु की दशा: करियर में अनिश्चितता और बदलाव ला सकती है।

सही करियर चुनने के लिए ज्योतिषीय मार्गदर्शन क्यों ज़रूरी है?

आज के समय में लोग सही करियर का चुनाव करने में असमंजस में रहते हैं। कई बार गलत क्षेत्र में जाने के कारण व्यक्ति को असफलता का सामना करना पड़ता है। डॉ. विनय बजरंगी बताते हैं कि कुंडली का सही अध्ययन करके यह जाना जा सकता है कि व्यक्ति के लिए कौन सा करियर उपयुक्त रहेगा। यदि कोई व्यक्ति करियर में संघर्ष कर रहा है, तो उसे कुंडली का विश्लेषण कराकर सही करियर चुनने उचित उपाय अपनाने चाहिए।

निष्कर्ष

जन्म कुंडली का गहरा प्रभाव हमारे करियर और नौकरी पर पड़ता है। सही ज्योतिषीय मार्गदर्शन से हम अपने करियर की दिशा तय कर सकते हैं और सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप अपने करियर को लेकर दुविधा में हैं, तो डॉ. विनय बजरंगी से परामर्श लेकर अपने भविष्य को सही दिशा में ले जा सकते हैं।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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योनि क्या है? जानिये कि योनि मिलान क्यों जरूरी है? https://kundlihindi.com/blog/yoni-milan/ https://kundlihindi.com/blog/yoni-milan/#respond Tue, 25 Mar 2025 11:07:07 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3472 ज्योतिष शास्त्र में विवाह से पहले कुंडली मिलान को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। इसमें गुण मिलान की प्रक्रिया के तहत योनि मिलान एक महत्वपूर्ण घटक होता है। योनि मिलान का सीधा संबंध पति–पत्नी के आपसी सामंजस्य, शारीरिक आकर्षण और मानसिक समझ से होता है। डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, सही योनि मिलान वैवाहिक जीवन की सुख–शांति को सुनिश्चित करता है।...

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ज्योतिष शास्त्र में विवाह से पहले कुंडली मिलान को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। इसमें गुण मिलान की प्रक्रिया के तहत योनि मिलान एक महत्वपूर्ण घटक होता है। योनि मिलान का सीधा संबंध पतिपत्नी के आपसी सामंजस्य, शारीरिक आकर्षण और मानसिक समझ से होता है। डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, सही योनि मिलान वैवाहिक जीवन की सुखशांति को सुनिश्चित करता है।

योनि क्या है?

जन्म कुंडली में चंद्र राशि के आधार पर व्यक्ति की योनि निर्धारित होती है। योनि, व्यक्ति के स्वभाव, आचरण और व्यवहार को दर्शाती है। यह 14 प्रकार की होती है, जो मुख्य रूप से पशु योनि पर आधारित होती है। हर योनि का अपना विशिष्ट गुण और विशेषता होती है।

योनि के प्रकार और उनका महत्व

1.    अश्व (Horse) – ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक। इस योनि के जातक स्वभाव से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर होते हैं।

2.    गज (Elephant) – धैर्य और शक्ति का प्रतीक। इस योनि के जातक जीवन में स्थिरता और नेतृत्व क्षमता रखते हैं।

3.    मेष (Sheep) – कोमलता और मासूमियत का प्रतीक। ये जातक संवेदनशील होते हैं।

4.    सर्प (Snake) – रहस्यमय और आकर्षक व्यक्तित्व। इनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर होता है।

5.    श्वान (Dog) – निष्ठा और विश्वास का प्रतीक। ये जातक विश्वसनीय और सच्चे साथी होते हैं।

6.    मृग (Deer) – सौंदर्य और कला प्रेमी। इन जातकों में रचनात्मकता होती है।

7.    मार्जार (Cat) – चतुर और सतर्क। इन जातकों में जल्दी निर्णय लेने की क्षमता होती है।

8.    मूषक (Mouse) – व्यावहारिक और मितव्ययी। ये जातक हर परिस्थिति में सामंजस्य बैठाने में सक्षम होते हैं।

9.    गौ (Cow) – सरलता और करुणा का प्रतीक। इन जातकों में दूसरों की सहायता करने की भावना प्रबल होती है।

10. महिष (Buffalo) – मेहनती और दृढ़ संकल्पी। ये जातक कठिन परिश्रम से सफलता प्राप्त करते हैं।

11. व्याघ्र (Tiger) – साहसी और आत्मविश्वासी। इन जातकों में नेतृत्व करने की विशेष योग्यता होती है।

12. हरिण (Deer) – सौम्यता और आकर्षण का प्रतीक। ये जातक अत्यंत मिलनसार होते हैं।

13. सिंह (Lion) – आत्मविश्वास और गर्व का प्रतीक। ये जातक महत्वाकांक्षी और प्रभावशाली होते हैं।

14. वानर (Monkey) – चपलता और हंसमुख स्वभाव। ये जातक बुद्धिमान और कल्पनाशील होते हैं।

योनि मिलान क्यों जरूरी है?

1.    वैवाहिक सामंजस्य: योनि मिलान से दंपति के बीच आपसी तालमेल का अनुमान लगाया जा सकता है।

2.    शारीरिक आकर्षण: सही योनि मिलान होने पर पतिपत्नी के बीच शारीरिक आकर्षण और संतुष्टि बनी रहती है।

3.    मानसिक शांति: अनुकूल योनि मिलान से मानसिक शांति और प्रेम में वृद्धि होती है।

4.    कलह और विवाद से बचाव: असंगत योनि मिलान से दांपत्य जीवन में तनाव और विवाद की संभावना बढ़ जाती है।

योनि दोष और उसके उपाय

यदि कुंडली/Janam kundali में योनि दोष पाया जाता है, तो ज्योतिष में इसके लिए कई उपाय बताए गए हैं। जैसे:

·  विशेष पूजा और मंत्र जाप: नियमित रूप से भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करना शुभ होता है।

·  रुद्राभिषेक या नवग्रह पूजा: यह दोष निवारण के लिए प्रभावी माना जाता है।

·  दान और व्रत: ज्योतिषीय उपाय के रूप में अनुकूल ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए दान करना लाभकारी होता है।

·  कुंडली के अनुसार रत्न धारण करना: (हालांकि, किसी रत्न को धारण करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें)

कैसे करें सही योनि मिलान?

योनि मिलान करने के लिए अष्टकूट मिलान/Kundali Matching पद्धति का उपयोग किया जाता है। इसमें कुल 36 गुण होते हैं, जिसमें योनि मिलान को 4 अंक दिए जाते हैं। यदि योनि मिलान में उच्च अंक प्राप्त होते हैं, तो वैवाहिक जीवन में प्रेम और समझ बनी रहती है।

·  समान योनि: उत्तम मिलान माना जाता है। दांपत्य जीवन में सुखशांति रहती है।

·  शत्रु योनि: इसे अशुभ माना जाता है। इससे जीवन में संघर्ष और असहमति बढ़ सकती है।

·  मैत्री योनि: मध्यम मिलान माना जाता है। इससे संबंधों में सामंजस्य बना रहता है।

निष्कर्ष

योनि मिलान का उद्देश्य दांपत्य जीवन को सुखी और समृद्ध बनाना है। यदि आप विवाह से पहले अपने जीवनसाथी के साथ कुंडली मिलान करवाना चाहते हैं, तो अनुभवी ज्योतिषी डॉ. विनय बजरंगी से परामर्श कर सकते हैं। वे आपकी कुंडली का गहराई से अध्ययन कर उचित मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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कुंडली देखने का तरीका, जानें कैसे देखते हैं जन्म कुंडली? https://kundlihindi.com/blog/how-to-read-kundli-in-hindi/ https://kundlihindi.com/blog/how-to-read-kundli-in-hindi/#respond Mon, 24 Mar 2025 11:33:34 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3468 ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का विशेष महत्व है। यह जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को दर्शाती है, जिससे किसी व्यक्ति के जीवन की दिशा और संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि कुंडली देखने का तरीका क्या है और इसे कैसे समझा जाता है, तो यह ब्लॉग आपके...

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ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का विशेष महत्व है। यह जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को दर्शाती है, जिससे किसी व्यक्ति के जीवन की दिशा और संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि कुंडली देखने का तरीका क्या है और इसे कैसे समझा जाता है, तो यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित होगा। डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, कुंडली का सही विश्लेषण जीवन की कई उलझनों को सुलझाने में मदद कर सकता है।

कुंडली क्या होती है?

कुंडली/kundali एक ज्योतिषीय चार्ट होता है, जो व्यक्ति के जन्म समय और स्थान के आधार पर तैयार किया जाता है। इसे जन्म पत्रिका या होरोस्कोप भी कहा जाता है। कुंडली में 12 भाव (हाउस) और 9 ग्रह होते हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं।

कुंडली देखने के लिए आवश्यक जानकारी

कुंडली बनाने और देखने के लिए निम्नलिखित जानकारियां आवश्यक होती हैं:

·  जन्म तिथि

·  जन्म समय

·  जन्म स्थान

इन जानकारियों के आधार पर कुंडली का सटीक निर्माण किया जाता है।

कुंडली के 12 भाव और उनका महत्व

हर कुंडली में 12 भाव होते हैं, और प्रत्येक भाव जीवन के एक विशेष क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है।

1.    प्रथम भाव (लग्न भाव) – व्यक्तित्व और आत्मछवि

2.    द्वितीय भावधन, परिवार और वाणी

3.    तृतीय भावसाहस, भाईबहन और संचार

4.    चतुर्थ भावमाता, घर और सुख

5.    पंचम भावशिक्षा, संतान और प्रेम संबंध

6.    षष्ठ भावरोग, ऋण और शत्रु

7.    सप्तम भावविवाह और साझेदारी

8.    अष्टम भावआयु, रहस्य और दुर्घटनाएं

9.    नवम भावधर्म, भाग्य और आध्यात्म

10. दशम भावकरियर और पेशा

11. एकादश भावआय और लाभ

12. द्वादश भावहानि, व्यय और मोक्ष

ग्रहों की भूमिका

जन्म कुंडली में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु ये 9 ग्रह होते हैं। हर ग्रह एक विशेष ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है और उसका प्रभाव संबंधित भाव पर पड़ता है।

कुंडली देखने का तरीका

1.    लग्न निर्धारित करें: सबसे पहले कुंडली में लग्न को देखें, क्योंकि यह व्यक्ति के मूल स्वभाव और जीवन की दिशा को दर्शाता है।

2.    ग्रहों की स्थिति: हर ग्रह किस भाव में स्थित है और उनकी दृष्टि किस भाव पर पड़ रही है, इसका आकलन करें।

3.    भावों का विश्लेषण: हर भाव में उपस्थित ग्रह और उनकी स्थिति को ध्यान में रखकर जीवन के विभिन्न पहलुओं की भविष्यवाणी की जाती है।

4.    दशा और गोचर का अध्ययन: वर्तमान ग्रहों की दशा और गोचर (ट्रांजिट) को देखकर समयानुसार भविष्य की घटनाओं का अनुमान लगाया जाता है।

कुंडली विश्लेषण में किन बातों का ध्यान रखें?

·  ग्रहों की स्थिति और उनकी दृष्टि

·  योग और दोष का आकलन

·  महादशा और अंतरदशा का प्रभाव

·  गोचर में ग्रहों की चाल

निष्कर्ष

कुंडली देखने का तरीका जानना केवल ज्योतिष में रुचि रखने वालों के लिए उपयोगी है, बल्कि यह जीवन में बेहतर निर्णय लेने में भी सहायक हो सकता है। यदि आप अपनी कुंडली का सटीक विश्लेषण करवाना चाहते हैं, तो डॉ. विनय बजरंगी जैसे अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श कर सकते हैं।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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कुंडली में व्यवसाय का योग है या नहीं, यह कैसे पता करें? https://kundlihindi.com/blog/kundali-me-business-ka-yog/ https://kundlihindi.com/blog/kundali-me-business-ka-yog/#respond Sat, 22 Mar 2025 05:59:40 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3464 जन्म कुंडली का विश्लेषण करके यह जाना जा सकता है कि किसी व्यक्ति के जीवन में व्यापार करने की संभावनाएँ अधिक हैं या नौकरी करने की। वित्तीय ज्योतिष के अनुसार, किसी व्यक्ति की कुंडली में व्यवसाय का योग विभिन्न ग्रहों और भावों की स्थिति से निर्धारित होता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि कुंडली अनुसार व्यापार का चयन कैसे किया...

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जन्म कुंडली का विश्लेषण करके यह जाना जा सकता है कि किसी व्यक्ति के जीवन में व्यापार करने की संभावनाएँ अधिक हैं या नौकरी करने की। वित्तीय ज्योतिष के अनुसार, किसी व्यक्ति की कुंडली में व्यवसाय का योग विभिन्न ग्रहों और भावों की स्थिति से निर्धारित होता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि कुंडली अनुसार व्यापार का चयन कैसे किया जाए और इसमें सफलता प्राप्त करने के क्या उपाय हैं।

कुंडली में व्यवसाय योग की पहचान कैसे करें?

1. लग्न और दशम भाव की स्थिति:

व्यवसाय की संभावनाओं के लिए जन्म कुंडली में व्यवसाय देखने के लिए सबसे पहले लग्न और दशम भाव (10वां घर) का अध्ययन किया जाता है। यदि इन भावों में मजबूत ग्रह स्थित हों, तो व्यक्ति व्यवसाय में सफल हो सकता है।

2. सप्तम भाव और व्यापार:

कुंडली में व्यवसाय की पहचान के लिए सप्तम भाव (7वां घर) भी महत्वपूर्ण होता है। यदि यह भाव मजबूत हो और शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो व्यक्ति को व्यापार में लाभ मिल सकता है।

3. ग्रहों की भूमिका:

·  बुध: व्यापार और बुद्धिमत्ता का कारक ग्रह है। यदि बुध मजबूत स्थिति में हो, तो व्यापारिक निर्णय सही होते हैं।

·  शुक्र: यह विलासिता और लाभ का ग्रह है, जो व्यापार में सफलता दिला सकता है।

·  राहु और केतु: यदि ये ग्रह दशम या सप्तम भाव में शुभ स्थिति में हों, तो व्यक्ति को व्यवसाय में लाभ हो सकता है।

·  शनि: यह ग्रह स्थिरता और परिश्रम का प्रतीक है। यदि यह दशम भाव में मजबूत हो, तो व्यक्ति दीर्घकालिक व्यापार में सफलता प्राप्त कर सकता है।

·  गुरु (बृहस्पति): ज्ञान, नैतिकता और वित्त का कारक ग्रह है। यदि यह अनुकूल हो तो व्यवसाय में निरंतर वृद्धि होती है।

4. जन्म तिथि के अनुसार वित्तीय भविष्यवाणी:

जन्म तिथि के अनुसार वित्तीय भविष्यवाणी करने के लिए दशाओं और गोचर ग्रहों का अध्ययन किया जाता है। किसी व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति यह तय करती है कि उसे व्यापार में सफलता मिलेगी या नहीं।

कौनसा व्यापार करें?

1. कुंडली अनुसार व्यापार का चयन:

व्यक्ति की कुंडली अनुसार बिजनेस में सफलता निम्नलिखित ग्रहों से तय किए जा सकते हैं:

·  बुध प्रधान व्यक्ति: शिक्षा, लेखन, संचार, मार्केटिंग और व्यापार

·  शुक्र प्रधान व्यक्ति: फैशन, सौंदर्य प्रसाधन, कला, फिल्म और मनोरंजन

·  मंगल प्रधान व्यक्ति: रियल एस्टेट, मशीनरी, टेक्नोलॉजी, खेल और सुरक्षा

·  शनि प्रधान व्यक्ति: लौह उद्योग, निर्माण, तेल, पेट्रोलियम, खनन और अनुशासन आधारित कार्य

·  गुरु प्रधान व्यक्ति: शिक्षा, वित्तीय सलाह, धार्मिक और परामर्श सेवाएँ

2. व्यवसाय का नाम जन्म कुंडली के अनुसार:

व्यक्ति के मूलांक और राशि के आधार पर उसके व्यवसाय का नाम रखना शुभ माना जाता है। इससे व्यापार में स्थिरता और वृद्धि के योग बनते हैं।

कुंडली से व्यापार में सफलता कैसे प्राप्त करें?

·  सही वित्त ज्योतिष उपाय अपनाएं, जैसे कि व्यापारिक सफलता के लिए विशेष रत्न धारण करें।

·  सही मुहूर्त में व्यापार शुरू करें।

·  ग्रहों की दशा अनुसार व्यापार में बदलाव करें।

·  नकारात्मक ग्रहों की शांति के लिए उपाय करें।

·  व्यवसायिक स्थल पर वास्तु नियमों का पालन करें।

·  नियमित रूप से देवीदेवताओं की पूजा और मंत्र जाप करें।

व्यवसाय के लिए विशेष उपाय:

1.    बुध मजबूत करने के लिए – पन्ना रत्न धारण करें और बुधवार को गणपति जी की पूजा करें।

2.    शुक्र मजबूत करने के लिए – हीरा या ओपल धारण करें और शुक्रवार को देवी लक्ष्मी का पूजन करें।

3.    शनि से अनुकूलता पाने के लिए – नीलम धारण करें और शनिवार को शनि देव की पूजा करें।

4.    राहुकेतु के दोष निवारण के लिए – महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और राहुकेतु के लिए उपाय करें।

निष्कर्ष:

अगर आप जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में व्यवसाय का योग है या नहीं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लें। प्रसिद्ध ज्योतिषी Dr Vinay Bajrangi इस विषय में गहरी जानकारी रखते हैं और आपकी वित्तीय ज्योतिष से जुड़ी सभी शंकाओं का समाधान कर सकते हैं।

यदि आप भी अपने लिए सही व्यवसाय का चयन करना चाहते हैं, तो अपनी कुंडली अनुसार व्यापार का चयन करें और सफलता की ओर बढ़ें।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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कुंडली में तलाक के योग कब बनते हैं? https://kundlihindi.com/blog/divorce-yoga-in-kundli/ https://kundlihindi.com/blog/divorce-yoga-in-kundli/#respond Thu, 20 Mar 2025 06:03:45 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3461 वैवाहिक जीवन में सुख और दुख दोनों ही ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के माध्यम से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति के जीवन में वैवाहिक समस्याएं कब और कैसे उत्पन्न हो सकती हैं। कई बार ग्रहों की विपरीत स्थिति विवाह में तनाव, अलगाव या तलाक...

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वैवाहिक जीवन में सुख और दुख दोनों ही ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के माध्यम से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति के जीवन में वैवाहिक समस्याएं कब और कैसे उत्पन्न हो सकती हैं। कई बार ग्रहों की विपरीत स्थिति विवाह में तनाव, अलगाव या तलाक तक ले जा सकती है।  ड़ॉ विनय बजरंगी से जानेंगे कि कुंडली में तलाक के योग कैसे बनते हैं और इससे बचने के लिए कौनसे उपाय किए जा सकते हैं।

कुंडली में तलाक के योग दर्शाने वाले प्रमुख भाव

1.    सप्तम भाव (7th House): यह भाव विवाह, जीवनसाथी और वैवाहिक जीवन को दर्शाता है। यदि यह भाव पाप ग्रहों से प्रभावित हो या कमजोर हो तो तलाक की संभावना बढ़ जाती है।

2.    द्वितीय भाव (2nd House): यह भाव परिवार और धन को दर्शाता है। यहां अशुभ ग्रहों की उपस्थिति पारिवारिक समस्याएं पैदा कर सकती है।

3.    चतुर्थ भाव (4th House): यह भाव घरेलू सुख और मानसिक शांति को दर्शाता है।

4.    अष्टम भाव (8th House): यह भाव अचानक घटनाओं, विवादों और जीवन में आने वाली बाधाओं को दर्शाता है।

तलाक के योग बनाने वाले ग्रह और उनकी स्थिति

·  शुक्र (Venus): विवाह का कारक ग्रह है। यदि शुक्र नीच का हो या पाप ग्रहों के प्रभाव में हो तो वैवाहिक जीवन में समस्याएं हो सकती हैं।

·  मंगल (Mars): मंगल दोष (मांगलिक दोष) वैवाहिक कलह का कारण बन सकता है।

·  राहु और केतु: ये छाया ग्रह भ्रम और अविश्वास पैदा करते हैं, जिससे तलाक की संभावना बढ़ सकती है।

·  शनि (Saturn): यदि शनि सप्तम भाव में स्थित हो या इसका अशुभ प्रभाव हो तो वैवाहिक जीवन में देरी, तनाव और अलगाव हो सकता है।

तलाक के संकेत दर्शाने वाली प्रमुख स्थितियां

1.    सप्तम भाव में पाप ग्रहों की स्थिति: यदि राहु, केतु, मंगल या शनि सप्तम भाव में स्थित हों, तो वैवाहिक जीवन में परेशानियां सकती हैं।

2.    शुक्र और मंगल का अशुभ संयोग: यह संबंध वैवाहिक जीवन में झगड़े और आक्रोश को जन्म दे सकता है।

3.    सप्तम भाव का स्वामी छठे, आठवें या बारहवें भाव में: यह स्थिति वैवाहिक असंतोष और तलाक का संकेत देती है।

4.    चंद्रमा और शुक्र पर राहु या केतु की दृष्टि: यह मानसिक तनाव और विश्वास की कमी को दर्शाता है।

तलाक के योग को कैसे करें कम?

ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं जिनकी सहायता से वैवाहिक जीवन में सुधार लाया जा सकता है।

1. मंत्र और पूजा

·  शिवपार्वती पूजा: वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए शिवपार्वती की पूजा करें।

·  श्री सूक्त का पाठ: शुक्रवार को श्री सूक्त का पाठ करें और माँ लक्ष्मी की पूजा करें।

2. रत्न धारण करें

·  शुक्र के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए हीरा या ओपल धारण करें।

·  मंगल दोष से मुक्ति के लिए मूंगा रत्न धारण करें।

3. दान और सेवा

·  शनिवार को जरूरतमंदों को काले कपड़े और तेल का दान करें।

·  मंगलवार को हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाएं।

4. ग्रह शांति उपाय

·  ग्रह शांति पूजा कराएं और नवग्रहों की अराधना करें।

·  राहु और केतु के लिए नारियल प्रवाहित करना लाभकारी होता है।

कुंडली मिलान से बच सकते हैं तलाक के योग

शादी से पहले कुंडली मिलान करवाना बेहद महत्वपूर्ण है। गुण मिलानमंगल दोष और दोषनिर्माण की जांच करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। अगर किसी भी प्रकार का दोष पाया जाता है, तो विवाह से पहले उचित उपाय किए जा सकते हैं।

निष्कर्ष

कुंडली में तलाक के योग होना अनिवार्य रूप से तलाक का कारण नहीं बनता। सही समय पर उचित ज्योतिषीय उपाय और समझदारी भरा व्यवहार वैवाहिक जीवन को बचा सकता है। यदि आप अपने रिश्ते में तनाव महसूस कर रहे हैं, तो किसी अनुभवी तलाक ज्योतिषी से परामर्श लेना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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कुंडली मिलान: खुशहाल शादीशुदा जीवन के लिए क्यों ज़रूरी https://kundlihindi.com/blog/kundli-milan-kyu-hai-jaruri-khushal-jeevan-ke-liye/ https://kundlihindi.com/blog/kundli-milan-kyu-hai-jaruri-khushal-jeevan-ke-liye/#respond Tue, 18 Mar 2025 06:59:23 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3458 शादी, जीवन का एक महत्वपूर्ण निर्णय है, और भारतीय संस्कृति में इसे दो आत्माओं का पवित्र मिलन माना जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शादी से पहले कुंडली मिलान क्यों किया जाता है? यह प्राचीन वैदिक ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो दंपति के बीच सामंजस्य, सुख–शांति और दीर्घकालिक वैवाहिक सुख...

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शादी, जीवन का एक महत्वपूर्ण निर्णय है, और भारतीय संस्कृति में इसे दो आत्माओं का पवित्र मिलन माना जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शादी से पहले कुंडली मिलान क्यों किया जाता है? यह प्राचीन वैदिक ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो दंपति के बीच सामंजस्य, सुखशांति और दीर्घकालिक वैवाहिक सुख सुनिश्चित करने में मदद करता है।

कुंडली मिलान क्या है?

कुंडली मिलान का हिंदी मेंगुण मिलानभी कहा जाता है। इसमें वर और वधू की जन्म कुंडलियों का एकदूसरे की तुलना की जाती है ताकि उनका सामंजस्य होने या होने पर इसका विश्लेषण किया जाए। ज्योतिष शास्त्र के बाद, 36 गुणों का मिलान कुंडली मिलान में किया जाता है, जिनमें प्राथमिक रूप से मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक सामंजस्य देखने को मिलता है।

कुंडली मिलान क्यों आवश्यक है?

1. सामंजस्य का आकलन कुंडली मिलान, पतिपत्नी के बीच के स्वभाव, सोचनेसमझने की क्षमता और जीवन के प्रति दृष्टिकोण को समझने में सहायता करता है।
2.
वैवाहिक सुख और स्थिरता एक अच्छी तरह से मेल खाने वाली कुंडली वैवाहिक जीवन में सुखशांति और समृद्धि लाने में सहायक होती है।
3.
संभावित समस्याओं की पहचान कुंडली मिलान से यह भी पता चल सकता है कि जोड़े को आने वाले भविष्य में किन संभावित दुष्कारणों का सामना करना पड़ेगा और उसका समाधान क्या हो सकता है।

4. मंगल दोष और उसके उपाय यदि किसी एक या दोनों की कुंडली में मंगल दोष है, तो इसे विशेष उपायों द्वारा संतुलित किया जा सकता है। इससे वैवाहिक जीवन में संभावित संघर्षों से बचा जा सकता है।

गुण मिलान के मुख्य घटक

गुण मिलान में निम्नलिखित आठ प्रकार के मिलान किए जाते हैं:

1. वरना (Varna) – आत्मिक संगतता

2. वास्य (Vasya) – नियंत्रण और आकर्षण

3. तारा (Tara) – स्वास्थ्य और आयु

4. योनि (Yoni) – शरीर का मेलाव

5. ग्रह मैत्री (Graha Maitri) – मनोभावों का अनुकूलान

6. गण (Gana) – गुणवानता का मेलान

7. भकूट (Bhakoot) – मैरिजेशन का हार्मोनी और चाइल्डमून

8. नाड़ी (Nadi) – सेहत और हरित युवा प्रधानता

 
कुंडली मिलान में कितने गुणों का मिलान योग्य रहता है?
 
– 36
में से कम से कम 18 गुणों का मिलान आवश्यक माना जाता है।
– 24
से 32 गुणों का मिलान को आदर्श माना जाता है और इससे विवाह सुखी और सफल होने की संभावना ज्यादा होती है।
– 32
से ज्यादा गुणों का मिलान बहुत शुभ होता है।

क्या कुंडली मिलान के बिना शादी संभव है?

कुंडली मिलान ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, लेकिन यह अंतिम निर्णय नहीं होता। अगर वर और वधू एकदूसरे को भलीभांति समझते हैं और उनका रिश्ता मजबूत है, तो कुंडली मिलान के कम गुण मिलने के बावजूद उपायों के माध्यम से समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।


कुंडली मिलान में किन चीजों का ध्यान रखें?

समय और स्थान की ठीक जानकारी जन्म समय का सही होना कुंडली बनाने और मिलान करने में आवश्यक है।
ज्योतिषी का अनुभव केवल एक अनुभवी ज्योतिषी ही कुंडली का सही आकलन कर सकता है।

उपायों का पालन अगर कुंडली में दोष हो, तो समय पर सही उपाय करें।


निष्कर्ष
कुंडली मिलान ही वैवाहिक जीवन में सुखशांति लाने में मददगार होता है, बल्कि यह दंपति को एकदूसरे को बेहतर तरीके से समझने और जीवन के हर पहलू में एकदूसरे का सहयोग करने का रास्ता भी खोलता है। इसलिए, शादी से पहले कुंडली मिलान/kundali matching करवाना एक समझदारी भरा कदम होता है।

अगर आप भी अपने विवाह के लिए कुंडली मिलान करवाना चाहते हैं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से संपर्क करें और अपने खुशहाल भविष्य की नींव रखें।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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वैदिक ज्योतिष स्वास्थ्य चुनौतियों की भविष्यवाणी कैसे करता है https://kundlihindi.com/blog/how-vedic-astrology-predicts-health-challenges/ https://kundlihindi.com/blog/how-vedic-astrology-predicts-health-challenges/#respond Mon, 17 Mar 2025 07:09:56 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3452 वैदिक ज्योतिष एक प्राचीन भारतीय प्रणाली है, जो हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए ग्रहों, नक्षत्रों, और उनके प्रभावों का अध्ययन करती है। यह न केवल हमारे भाग्य और कर्मों के बारे में जानकारी प्रदान करती है, बल्कि स्वास्थ्य, समृद्धि और मानसिक स्थिति जैसी चीजों का भी सही आकलन करने में सक्षम...

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वैदिक ज्योतिष एक प्राचीन भारतीय प्रणाली है, जो हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए ग्रहों, नक्षत्रों, और उनके प्रभावों का अध्ययन करती है। यह केवल हमारे भाग्य और कर्मों के बारे में जानकारी प्रदान करती है, बल्कि स्वास्थ्य, समृद्धि और मानसिक स्थिति जैसी चीजों का भी सही आकलन करने में सक्षम है। वैदिक ज्योतिषीय स्वास्थ्य भविष्यवाणी में कुंडली का बड़ा महत्व होता है। प्रत्येक व्यक्ति की जन्म कुंडली उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है, जिनमें से स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं भी एक अहम विषय हैं।

ज्योतिषीय चार्ट और स्वास्थ्य भविष्यवाणी

वैदिक ज्योतिष में हर व्यक्ति की जन्म कुंडली एक मानचित्र की तरह होती है, जो उनके जीवन की दिशा और घटनाओं को संकेत करती है। यह कुंडली समय के साथ घटने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी करने में मदद करती है, और इसमें स्वास्थ्य के पहलू का भी विश्लेषण किया जाता है। कुंडली में विशेष ग्रहों की स्थिति और उनकी चाल व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है।

कुंडली के माध्यम से स्वास्थ्य समस्याओं का आकलन किया जा सकता है। जैसे कि यदि शनि या राहु जैसे ग्रह कमजोर स्थिति में हैं, तो यह व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दे सकते हैं। इसके अलावा, कुंडली में सूर्य, चंद्रमा, मंगल और शुक्र जैसे ग्रहों की स्थिति भी यह निर्धारित करती है कि किसी व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में कौन सी समस्याएं हो सकती हैं।

कुंडली द्वारा आयु का आंकलन

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति की आयु का आंकलन कुंडली से किया जा सकता है। जन्म कुंडली में विभिन्न ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभावों के आधार पर यह जानने की कोशिश की जाती है कि किसी व्यक्ति का जीवन काल कितना होगा। कुंडली से यह भी जाना जा सकता है कि किसी विशेष समय पर जीवन की रक्षा करने के लिए किस प्रकार के उपाय किए जा सकते हैं।

स्वास्थ्य की दृष्टि से, कुंडली द्वारा आयु का आंकलन करने के लिए कुछ विशेष तत्वों का निरीक्षण किया जाता है। उदाहरण के लिए, चंद्रमा की स्थिति, सूर्य की स्थिति, और जीवन रेखा की गहराई यह संकेत देती है कि व्यक्ति का जीवन कितना लंबा हो सकता है। इसके अलावा, अन्य ग्रहों के बीच स्थिति भी व्यक्ति के स्वास्थ्य और आयु के बारे में महत्वपूर्ण संकेत देती है।Book Consultation

अपने जीवन काल को कैसे बढ़ाएं?

यदि ज्योतिषी कुंडली में स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कोई कमजोरी या समस्या पहचानते हैं, तो इसके समाधान के लिए कुछ उपाय सुझाए जाते हैं। वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के दोषों को शांत करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय दिए जाते हैं। इनमें रत्न पहनना, मंत्र जाप करना, हवन या पूजा करना, या फिर विशेष तिथि और समय पर कुछ कार्यों को करना शामिल हो सकता है।

स्वास्थ्य में सुधार के लिए कुछ विशेष उपायों में ध्यान और योग का अभ्यास भी किया जा सकता है। यह केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि मानसिक शांति और शारीरिक व्याधियों से बचाव भी करता है।

जन्म कुंडली में नशे की लत

कुछ लोगों में नशे की लत जैसी समस्याएं जन्म कुंडली से जुड़ी होती हैं। कुंडली में राहु और केतु की स्थिति, साथ ही मंगल की स्थिति, नशे की लत और मानसिक विकारों का संकेत दे सकती है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में ये ग्रह प्रतिकूल स्थिति में हैं, तो यह मानसिक स्वास्थ्य और नशे की लत की संभावना को बढ़ा सकते हैं।

इसलिए, वैदिक ज्योतिष में नशे की लत को नियंत्रित करने के लिए उपाय सुझाए जाते हैं। इसमें ज्योतिषी व्यक्ति को विशेष रत्न, मंत्र, और पूजा विधि का पालन करने के लिए सलाह देते हैं, ताकि वह अपने मानसिक संतुलन को प्राप्त कर सके और नशे की लत से मुक्त हो सके।

वित्तीय संकट और स्वास्थ्य समस्याएं

वित्तीय संकट भी स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों से जुड़ा होता है। जब कोई व्यक्ति मानसिक तनाव में होता है, तो इसका सीधा असर शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों का मिलाजुला प्रभाव होता है, तो उसे स्वास्थ्य समस्याओं के कारण वित्तीय हानि का सामना भी हो सकता है। इसके लिए वित्तीय ज्योतिष और स्वास्थ्य भविष्यवाणी का विश्लेषण एक साथ किया जाता है।

स्वास्थ्य समस्याओं की भविष्यवाणी करने के साथसाथ, ज्योतिषी व्यक्ति को उनके स्वास्थ्य से जुड़े उपायों के बारे में भी सलाह देते हैं, ताकि वे केवल अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें, बल्कि अपने वित्तीय संकटों से भी उबर सकें।


FAQs

1. वैदिक ज्योतिष में स्वास्थ्य की भविष्यवाणी कैसे की जाती है?
वैदिक ज्योतिष में स्वास्थ्य की भविष्यवाणी कुंडली के विभिन्न ग्रहों, नक्षत्रों और उनकी स्थितियों के आधार पर की जाती है। यह स्वास्थ्य संबंधी संभावनाओं को दर्शाता है और उसे सुधारने के उपाय भी सुझाता है।

2. क्या कुंडली से व्यक्ति की आयु का अनुमान लगाया जा सकता है?

जी हां, कुंडली में ग्रहों और उनके प्रभावों के आधार पर व्यक्ति की आयु का अनुमान लगाया जा सकता है। ज्योतिषी यह आकलन करते हैं कि किसी व्यक्ति का जीवन काल कितना हो सकता है।

3. क्या नशे की लत को कुंडली से पहचाना जा सकता है?
हां, कुंडली में राहु, केतु और मंगल ग्रह की स्थिति से नशे की लत जैसी मानसिक समस्याओं का पता चल सकता है। इन ग्रहों की स्थिति का अध्ययन करके उपाय सुझाए जाते हैं।

4. क्या ज्योतिषीय उपायों से स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है?
हां, ज्योतिषीय उपाय जैसे रत्न पहनना, मंत्र जाप करना, और हवन करने से स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है। ये उपाय ग्रहों के प्रभाव को संतुलित करते हैं।

5. स्वास्थ्य समस्याओं से वित्तीय नुकसान हो सकता है?
हां, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं वित्तीय संकट का कारण बन सकती हैं। ज्योतिषी दोनों पहलुओं का विश्लेषण कर उपाय सुझाते हैं ताकि व्यक्ति को नुकसान से बचाया जा सके।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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कुंडली जीवन की समस्याओं को हल करने में कैसे मदद करती है? https://kundlihindi.com/blog/kundli-jeevan-ki-problems-ko-kaise-solve-kar-sakti-hai/ https://kundlihindi.com/blog/kundli-jeevan-ki-problems-ko-kaise-solve-kar-sakti-hai/#respond Thu, 13 Mar 2025 08:15:13 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3444 कुंडली जीवन की समस्याओं को हल करने में कैसे मदद करती है? हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है, खासकर जब बात विवाह और विवाहित जीवन की आती है। कुंडली मिलान और विवाह ज्योतिष के माध्यम से, एक व्यक्ति अपनी शादी और वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं को समझ सकता है...

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कुंडली जीवन की समस्याओं को हल करने में कैसे मदद करती है?

हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है, खासकर जब बात विवाह और विवाहित जीवन की आती है। कुंडली मिलान और विवाह ज्योतिष के माध्यम से, एक व्यक्ति अपनी शादी और वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं को समझ सकता है और उनका समाधान ढूंढ सकता है। यह शास्त्र केवल विवाह से पहले, बल्कि विवाह के बाद भी जीवन साथी के साथ होने वाली समस्याओं को सुलझाने में मदद करता है।

विवाहित जीवन के मुद्दे और ज्योतिष

विवाहित जीवन में समस्याएं सामान्य होती हैं, और अक्सर इन समस्याओं का कारण रिश्ते में समझ की कमी, मानसिक तनाव, और अनबन होती है। ज्योतिष शास्त्र इन मुद्दों का समाधान विभिन्न तरीके से करता है। उदाहरण के लिए, ग्रहों की स्थिति, राशियों का मिलान, और विशेष रूप से कुंडली के अनुसार किए गए विश्लेषण से यह पता चलता है कि कौन से ग्रहों की स्थिति और कौन सी ग्रह दोष व्यक्ति के विवाहित जीवन में रुकावट डाल रहे हैं।

ज्योतिष के माध्यम से विवाह समस्याओं का समाधान

विवाहित जीवन में समस्याओं के समाधान के लिए ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न उपाय होते हैं। ज्योतिषी व्यक्ति की जन्म कुंडली का विश्लेषण करते हुए यह जानने की कोशिश करते हैं कि किन ग्रहों का दुष्प्रभाव है। वे विशेष मंत्र, पूजा, रत्न, या व्रत की सलाह दे सकते हैं, जो जीवन साथी के साथ रिश्ते को सुधारने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, ज्योतिषी यह भी सलाह देते हैं कि व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में ग्रहों की स्थिति का ध्यान रखते हुए अपनी आदतें सुधारें ताकि विवाह में सुख और शांति बनी रहे।

राशि चक्र के अनुसार विवाहित जीवन की समस्याएं

राशि चक्र के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव उसकी शादीशुदा जिंदगी पर भी पड़ता है। कुछ राशियां स्वाभाविक रूप से एकदूसरे के साथ अधिक सामंजस्यपूर्ण होती हैं, जबकि अन्य राशियां आपस में टकराव पैदा कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, मीन और वृषभ राशियों का मिलान आमतौर पर अच्छा माना जाता है, जबकि मकर और कर्क राशियों के बीच अक्सर मतभेद हो सकते हैं। इन राशियों के मेल और दोषों का विश्लेषण करके विवाह ज्योतिषी विवाह जीवन के तनाव और समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकते हैं।

विवाहित जीवन की समस्याओं की भविष्यवाणी

ज्योतिष शास्त्र भविष्य की घटनाओं को पूर्वानुमान करने में सक्षम है, और यही कारण है कि विवाह संबंधी समस्याओं की भविष्यवाणी भी की जा सकती है। कुंडली के आधार पर, ज्योतिषी यह भविष्यवाणी कर सकते हैं कि किस समय जीवन साथी के साथ संबंध में तनाव हो सकता है, या कौन सी जीवन की घटनाएं विवाह में सुख और समृद्धि लाएंगी। भविष्यवाणी के आधार पर, वे व्यक्ति को कुछ उपाए भी सुझा सकते हैं, जो संबंधों को मजबूत करने में मदद करें।

विवाह ज्योतिष और कुंडली मिलान

विवाह ज्योतिष में सबसे महत्वपूर्ण कदम कुंडली मिलान है। कुंडली मिलान एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जहां दोनों जीवन साथियों की जन्म कुंडलियों का विश्लेषण किया जाता है। इसमें विशेष रूप से नवांश, गण, और ग्रहों के योग का अध्ययन किया जाता है। अगर दोनों पक्षों की कुंडलियों में अच्छे मेल होते हैं, तो विवाह की सफलता और स्थिरता अधिक होती है। यदि किसी कारण से कुंडली में दोष हैं, तो ज्योतिषी उपायों के माध्यम से विवाह में होने वाली समस्याओं को कम कर सकते हैं।

भविष्य के जीवन साथी की भविष्यवाणी

ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से, किसी व्यक्ति के भविष्य के जीवन साथी के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है। जन्म कुंडली का विश्लेषण करके, यह पता चलता है कि व्यक्ति के जीवन में कौन सा साथी सबसे अधिक संगत रहेगा। इससे व्यक्ति को अपने जीवन साथी के स्वभाव, चरित्र, और विवाह के समय के बारे में जानकारी मिल सकती है, जो रिश्ते को और भी मजबूत बनाने में मदद करता है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, ज्योतिष शास्त्र और कुंडली के माध्यम से विवाहित जीवन की समस्याओं का समाधान बहुत प्रभावी रूप से किया जा सकता है। विवाह से पहले और बाद में दोनों ही स्थितियों में ज्योतिष व्यक्ति को बेहतर मार्गदर्शन प्रदान करता है, ताकि उसका विवाहित जीवन सुखमय और समृद्ध हो सके। यह केवल वैवाहिक जीवन को स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि एक व्यक्ति की मानसिक शांति और संतुलित जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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FAQs:

1. क्या कुंडली मिलान से विवाह में सुख मिलता है?

जी हां, कुंडली मिलान से विवाह में सामंजस्य और सुख की संभावना बढ़ जाती है। यह जीवन साथी के स्वभाव और रिश्ते में सामंजस्य को दर्शाता है, जो विवाह में शांति बनाए रखता है।

2. विवाह ज्योतिष से कौन सी समस्याओं का समाधान होता है?

विवाह ज्योतिष से रिश्तों में उत्पन्न होने वाले मतभेद, अनबन, और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है, जिससे विवाहित जीवन खुशहाल बनता है।

3. क्या ज्योतिष से भविष्य के जीवन साथी का पता चल सकता है?

हां, ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से व्यक्ति अपने भविष्य के जीवन साथी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है, जैसे कि उनका स्वभाव, आचरण, और विवाह का सही समय।

4. क्या ज्योतिष से विवाह के बाद की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है?

ज्योतिष विवाह के बाद होने वाली समस्याओं का समाधान भी करता है, जैसे ग्रहों की स्थिति का प्रभाव, और सही उपायों के जरिए रिश्ते को मजबूत बनाने की कोशिश की जाती है।

5. विवाह ज्योतिष में कुंडली मिलान क्यों जरूरी है?

कुंडली मिलान से यह पता चलता है कि दो व्यक्तियों की राशियों में कितनी संगतता है। यह वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि, और स्थिरता के लिए जरूरी होता है।

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क्या दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलाना आवश्यक है https://kundlihindi.com/blog/dusre-shadi-ke-liye-kundli-milan/ https://kundlihindi.com/blog/dusre-shadi-ke-liye-kundli-milan/#respond Wed, 12 Mar 2025 05:29:16 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3440 दूसरी शादी के बारे में विचार करना एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण निर्णय होता है, क्योंकि यह न केवल व्यक्ति की भावनाओं और इच्छाओं से जुड़ा होता है, बल्कि यह उनकी सामाजिक और पारिवारिक स्थिति से भी प्रभावित होता है। खासतौर पर जिन व्यक्तियों ने पहले शादी की और तलाक लिया हो, उनके लिए दूसरी शादी...

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दूसरी शादी के बारे में विचार करना एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण निर्णय होता है, क्योंकि यह केवल व्यक्ति की भावनाओं और इच्छाओं से जुड़ा होता है, बल्कि यह उनकी सामाजिक और पारिवारिक स्थिति से भी प्रभावित होता है। खासतौर पर जिन व्यक्तियों ने पहले शादी की और तलाक लिया हो, उनके लिए दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलान एक महत्वपूर्ण विषय बन जाता है। यह सवाल अक्सर उठता है, “क्या दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलाना आवश्यक है?” आइए, ड़ॉ विनय बजरंगी विस्तार से समझते हैं।

दूसरी शादी और कुंडली मिलान

हिंदू परंपरा में शादी का महत्व बहुत बड़ा होता है, और इसे केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि यह एक पवित्र बंधन होता है जो दो व्यक्तियों को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक रूप से जोड़ता है। जब एक व्यक्ति तलाक या किसी अन्य कारण से पहली शादी को खत्म कर देता है, तो वह दूसरी शादी के लिए फिर से नए जीवन की शुरुआत करने की सोचता है। ऐसे में, कुछ लोग अपने परिवार और समाज के दबाव के कारण दूसरी शादी की योजना बनाते हैं।

क्या दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलाना आवश्यक है?

कुंडली मिलान भारतीय ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो जीवनसाथी के चयन में मार्गदर्शन करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे खासकर शादी के पहले किया जाता है ताकि दांपत्य जीवन सुखमय और सफल हो। दूसरी शादी के लिए भी कुंडली मिलाना कुछ मामलों में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए, इसे समझते हैं:

1.      कुंडली में दूसरी शादी का योग
ज्योतिष में कुछ विशेष ग्रहों और राशियों के प्रभाव को देखा जाता है, जो यह निर्धारित कर सकते हैं कि किसी व्यक्ति की शादी कैसे होगी। कुंडली में दूसरी शादी योग/ Second Marriage yoga हों, तो यह यह संकेत दे सकता है कि व्यक्ति को जीवन में दो बार विवाह करना पड़ेगा। कुंडली मिलाने से यह स्पष्ट होता है कि विवाह के लिए कोई अनुकूल समय है या नहीं।

2.      तलाक और दूसरी शादी
यदि किसी व्यक्ति का तलाक हुआ हो, तो उसकी कुंडली में तलाक के संकेतों को भी देखा जाता है। ज्योतिष में खासतौर पर ‘7वें घरऔरचंद्रमाकी स्थिति को देखा जाता है, क्योंकि ये दोनों तत्व विवाह और दांपत्य जीवन से जुड़े होते हैं। कुंडली में यदि इन ग्रहों की स्थिति सही हो, तो तलाक के योग बन सकते हैं, और इससे व्यक्ति की दूसरी शादी में भी कठिनाइयाँ सकती हैं। इसलिए, दूसरी शादी से पहले कुंडली मिलाना यह सुनिश्चित कर सकता है कि भविष्य में संबंध स्थिर होंगे या नहीं।

3.      जन्मतिथि द्वारा दूसरी शादी की भविष्यवाणी
जन्मतिथि और ग्रहों के आधार पर ज्योतिषी व्यक्ति की जीवन यात्रा को समझ सकते हैं। इससे यह भी पता चल सकता है कि व्यक्ति के लिए दूसरी शादी का समय कब उपयुक्त रहेगा। जन्मतिथि और कुंडली के आधार पर शादी की भविष्यवाणी की जा सकती है कि दूसरी शादी से व्यक्ति को क्या लाभ या नुकसान हो सकता है।

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4.      दूसरी शादी वास्त्र
वास्त्रका मतलब होता है जीवन के विभिन्न पहलुओं के साथ संतुलन बनाना। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कुछ दोष होते हैं, जैसे कि कालसर्प दोष या अन्य कोई ग्रह दोष, तो यह दांपत्य जीवन में समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। ऐसे में, वास्त्र या शुद्धता के उपायों का पालन करने से जीवन में सुख और समृद्धि मिल सकती है। दूसरी शादी के लिए ये उपाय महत्वपूर्ण होते हैं, ताकि जो समस्याएँ पहली शादी में आईं, वे दूसरी शादी में आएं।

5.      नशे की लत और शराबबंदी के समाधान
कुछ लोग शादी के बाद नशे की लत या शराब की आदतों से परेशान होते हैं, जो उनके दांपत्य जीवन को प्रभावित कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में इन आदतों के कारण दांपत्य जीवन में असंतुलन दिखता हो, तो ज्योतिषी कुछ उपायों का सुझाव दे सकते हैं। इससे केवल व्यक्ति की शादी की संभावना बढ़ सकती है, बल्कि उनके जीवन में सुख और समृद्धि भी सकती है।

6.      करियर ज्योतिष
करियर भी किसी व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसका प्रभाव विवाह पर भी पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति का करियर अच्छा नहीं चल रहा है, तो यह उनके दांपत्य जीवन को प्रभावित कर सकता है। कुंडली मिलान से यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति का करियर कैसा चलने वाला है और क्या उनकी नौकरी या व्यवसाय के कारण उनकी शादी में कोई रुकावट सकती है।

7.      आज का राशिफल
राशिफल भी एक महत्वपूर्ण तरीका है यह जानने का कि किसी व्यक्ति का भविष्य कैसा होगा। आज का राशिफल पढ़कर यह जान सकते हैं कि किसी विशेष दिन विवाह के लिए शुभ है या नहीं। यह भविष्यवाणी व्यक्तिगत जीवन में आने वाली बाधाओं और अनुकूलताओं को दर्शाता है।

निष्कर्ष

हालांकि, यह कहना कि दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलानाआवश्यकहै, एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण है। कुछ लोग इसे बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि दूसरों के लिए यह सिर्फ एक सांस्कृतिक और पारंपरिक कदम होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कुछ विशेष दोष या ग्रहों की स्थिति खराब हो, तो कुंडली मिलाना एक सही कदम हो सकता है। इसके अलावा, हर व्यक्ति का अनुभव और जीवन परिस्थितियाँ अलग होती हैं, इसलिए किसी भी निर्णय से पहले ज्योतिषी से परामर्श लेना हमेशा एक अच्छा विकल्प होता है।

अंत में, दूसरी शादी के लिए कुंडली मिलाना एक मददगार उपाय हो सकता है, लेकिन यह व्यक्ति की इच्छाओं, परिस्थितियों और समाजिक मान्यताओं पर निर्भर करता है।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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