festival Archives - KundliHindi https://kundlihindi.com/tag/festival/ My WordPress Blog Thu, 07 Nov 2024 05:36:13 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://i0.wp.com/kundlihindi.com/wp-content/uploads/2022/11/cropped-kundlihindi.png?fit=32%2C32&ssl=1 festival Archives - KundliHindi https://kundlihindi.com/tag/festival/ 32 32 214685846 11 या 12 नवंबर, देवउठनी एकादशी कब है? देवउठनी एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त https://kundlihindi.com/blog/dev-uthani-ekadashi-2024/ https://kundlihindi.com/blog/dev-uthani-ekadashi-2024/#respond Thu, 07 Nov 2024 05:35:41 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3156 भारत में कार्तिक मास का विशेष महत्व है, और इसी मास में देवउठनी एकादशी का पर्व बड़ी श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। इसे देवप्रबोधिनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। यह दिन विष्णु भगवान के चार महीने की योग निद्रा के बाद जागने का प्रतीक है। इस अवसर पर लोग विवाह,...

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भारत में कार्तिक मास का विशेष महत्व है, और इसी मास में देवउठनी एकादशी का पर्व बड़ी श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। इसे देवप्रबोधिनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। यह दिन विष्णु भगवान के चार महीने की योग निद्रा के बाद जागने का प्रतीक है। इस अवसर पर लोग विवाह, गृह प्रवेश, व्रत, और विभिन्न शुभ कार्यों की शुरुआत करते हैं। लेकिन इस वर्ष देवउठनी एकादशी की तिथि को लेकर कुछ असमंजस है। कई लोगों के मन में यह सवाल है कि देवउठनी एकादशी 2024 में 11 नवंबर को मनाई जाएगी या 12 नवंबर को? आइए, इस पर विस्तार से चर्चा करें और इसके शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

देवउठनी एकादशी का महत्व

देवउठनी एकादशी का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत अधिक है। यह दिन उस समय को दर्शाता है जब भगवान विष्णु चातुर्मास की नींद से जागते हैं और इस दिन से सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों की अनुमति प्राप्त होती है। हिंदू धर्म में इसे अत्यंत पवित्र माना गया है, और लोग इस दिन व्रत, पूजा और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

देवउठनी एकादशी 2024: 11 या 12 नवंबर?

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ 11 नवंबर को रात में होगा और यह अगले दिन यानी 12 नवंबर को समाप्त होगी। ऐसी स्थिति में, देवउठनी एकादशी व्रत 12 नवंबर को रखा जाना अधिक उपयुक्त रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत सूर्योदय के समय ही मनाना चाहिए, इसलिए इस वर्ष 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी।

देवउठनी एकादशी 2024 का शुभ मुहूर्त

इस पावन दिन का शुभ मुहूर्त जानना सभी भक्तों के लिए आवश्यक है, ताकि वे सही समय पर पूजाअर्चना कर सकें और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकें। इस वर्ष देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

·  एकादशी तिथि प्रारंभ: 11 नवंबर 2024 को रात 08:45 बजे

·  एकादशी तिथि समाप्त: 12 नवंबर 2024 को शाम 06:30 बजे

पूजा विधि और उपाय

1.    प्रातःकाल स्नान: इस दिन भक्तों को सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करना चाहिए।

2.    भगवान विष्णु का पूजन: देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु का ध्यान और पूजन किया जाता है। इसमें भगवान विष्णु को तुलसी के पत्तों के साथ भोग अर्पित किया जाता है।

3.    दीपदान: इस दिन दीप जलाने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन दीप जलाने से घर में सुखशांति और समृद्धि का वास होता है।

4.    तुलसी विवाह: इस दिन तुलसी जी और भगवान शालिग्राम का विवाह भी किया जाता है, जिसे विशेष रूप से पुण्यदायी माना गया है।

5.    व्रत कथा: देवउठनी एकादशी की कथा सुनना और सुनाना भी लाभकारी माना जाता है। इससे मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

देवउठनी एकादशी के लाभ

देवउठनी एकादशी पर व्रत और पूजा करने से मनुष्य के समस्त पाप दूर होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। साथ ही, तुलसी विवाह करने से वैवाहिक जीवन में सुख और संतोष प्राप्त होता है।

निष्कर्ष

इस वर्ष देवउठनी एकादशी 12 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन का शुभ मुहूर्त, व्रत और पूजा विधि का पालन करते हुए, भक्त अपने जीवन में सुखशांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा से पुण्य की प्राप्ति होती है और समस्त बाधाएं दूर होती हैं। इस विशेष दिन का लाभ उठाएं और भगवान विष्णु की कृपा से अपने जीवन को सुखशांति से भरें।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

यह भी पढ़ें:  बच्चे के जन्म की भविष्यवाणी | ज्योतिष द्वारा जीवन काल भविष्यवाणी |  कुंडली मिलान | राशिफल 2025

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छठ पूजा 2024: संतान सुख और सुख-समृद्धि के लिए पावन पर्व https://kundlihindi.com/blog/chhath-puja-2024/ https://kundlihindi.com/blog/chhath-puja-2024/#respond Mon, 04 Nov 2024 09:37:09 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3153 छठ पूजा हिंदू धर्म का एक महत्त्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जो सूर्य देव और छठी मैया की उपासना के रूप में मनाया जाता है। विशेष रूप से उत्तर भारत में, यह पर्व संतान सुख, परिवार की समृद्धि और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए मनाया जाता है। छठ पूजा 2024 पर्व का धार्मिक और...

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छठ पूजा हिंदू धर्म का एक महत्त्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जो सूर्य देव और छठी मैया की उपासना के रूप में मनाया जाता है। विशेष रूप से उत्तर भारत में, यह पर्व संतान सुख, परिवार की समृद्धि और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए मनाया जाता है। छठ पूजा 2024 पर्व का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है, जो मातापिता को संतान प्राप्ति और उनके कुंडली से जुड़े समस्याओं के समाधान में भी सहायक होता है।

छठ पूजा 2024 की तिथि और समय

इस साल छठ पूजा का पर्व 5 नवंबर 2024 से शुरू होकर 8 नवंबर 2024 तक मनाया जाएगा। मुख्य पूजा और संध्या अर्घ्य का दिन 7 नवंबर है। इस दिन व्रती सूर्यास्त के समय अर्घ्य देकर सूर्य देव और छठी मैया की कृपा की कामना करते हैं।

·  संध्या अर्घ्य (सूर्यास्त) – 7 नवंबर 2024 को संध्या के समय

·  उषा अर्घ्य (सूर्योदय) – 8 नवंबर 2024 को प्रातः काल

संतान सुख के लिए छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा/ Chhath Puja में सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व है। सूर्य देव को ऊर्जा और जीवन के स्रोत के रूप में देखा जाता है, जो हमारे जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि, और संतान सुख लाते हैं। जो लोग संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं या अपने बच्चों के स्वास्थ्य और सफलता के लिए चिंतित हैं, उनके लिए यह पूजा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।

जन्म कुंडली और संतान योग का महत्व

छठ पूजा के अवसर पर बच्चे के भविष्य को जानने और संतान सुख के उपाय करने के लिए कुंडली का अध्ययन अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है। जन्म कुंडली में संतान योग की स्थिति का विश्लेषण करके विशेषज्ञ यह बता सकते हैं कि संतान प्राप्ति में कोई बाधा है या संतान से संबंधित समस्याओं का क्या समाधान है।

संतान प्राप्ति के लिए ज्योतिषीय परामर्श

संतान प्राप्ति के लिए कुंडली में विशेष ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कुछ ज्योतिषीय उपाय सुझाए जा सकते हैं। जैसे कि संतान योग की स्थिति, शनि या राहुकेतु के प्रभाव, और ग्रह गोचर के आधार पर उपाय करना। इन उपायों के लिए कुंडली और जन्म पत्री का सही परामर्श अत्यंत आवश्यक होता है।

बच्चों के भविष्य के लिए ज्योतिषीय समाधान

छठ पूजा के दौरान मातापिता बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं। इसके लिए ज्योतिष में कई उपाय दिए गए हैं, जैसे:

·  कुंडली में संतान योग को मजबूत करने के लिए सूर्य देव की पूजा।

·  जन्मपत्री में दोषों को दूर करने के लिए विशेष मंत्र और पूजा का आयोजन।

·  बच्चों के भविष्य को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए जन्म कुंडली के अनुसार विशेष अनुष्ठान।

समापन

छठ पूजा का पर्व केवल संतान सुख की कामना के लिए है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाने का एक अद्वितीय अवसर भी है। जन्म कुंडली के माध्यम से बच्चों के भविष्य के लिए ज्योतिषीय परामर्श लेकर मातापिता अपने बच्चों के लिए सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

और भी पढ़ें: जन्म कुंडली के अनुसार स्वास्थ्य भविष्यवाणी

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भाई दूज: तिथि, समय, अनुष्ठान, कहानी देखें https://kundlihindi.com/blog/bhai-dooj-2024/ https://kundlihindi.com/blog/bhai-dooj-2024/#respond Sat, 02 Nov 2024 06:38:26 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3148 भाई दूज, जिसे भैया दूज के नाम से भी जाना जाता है, भारत में मनाया जाने वाला एक त्यौहार है जो भाई-बहन के बीच के बंधन का प्रतीक है। इस खुशी के अवसर पर अनुष्ठान, मिठाइयाँ और हार्दिक भावनाएँ मनाई जाती हैं, क्योंकि बहनें अपने भाइयों की सलामती की प्रार्थना करती हैं और भाई अपनी...

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भाई दूज, जिसे भैया दूज के नाम से भी जाना जाता है, भारत में मनाया जाने वाला एक त्यौहार है जो भाई-बहन के बीच के बंधन का प्रतीक है। इस खुशी के अवसर पर अनुष्ठान, मिठाइयाँ और हार्दिक भावनाएँ मनाई जाती हैं, क्योंकि बहनें अपने भाइयों की सलामती की प्रार्थना करती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा करने की कसम खाते हैं। इस साल, भाई दूज 3 नवंबर, 2024 को पड़ रही है और इस त्यौहार के महत्व, इसके अनुष्ठानों और इसकी अंतर्निहित कहानियों को समझना ज़रूरी है।

भाई दूज 2024 की तिथि और समय

भाई दूज 2024 दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाएगा, जो 3 नवंबर को है। अनुष्ठानों का समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि टीका समारोह आम तौर पर शुभ समय या मुहूर्त मौजूद होने पर होता है। 2024 में, भाई दूज अनुष्ठान करने का सबसे अच्छा समय दोपहर 1:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक है। हालांकि, बहनों को सटीक समय के लिए स्थानीय पंचांग (हिंदू कैलेंडर) की जांच करनी चाहिए, क्योंकि वे भौगोलिक स्थान के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।

भाई दूज की रस्में

भाई दूज को विभिन्न रस्मों के साथ मनाया जाता है जो भाई-बहनों के बीच प्यार और स्नेह को उजागर करते हैं। इस दिन पालन किए जाने वाले पारंपरिक रीति-रिवाजों के बारे में चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका यहाँ दी गई है:

टीका समारोह: दिन की शुरुआत बहन द्वारा टीका समारोह करने से होती है। वह अपने भाई के माथे पर लाल रंग का टीका लगाती है और उसकी खुशी, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती है।

आरती: टीका लगाने के बाद, बहन अपने भाई की स्तुति गाते हुए आरती (प्रकाश के साथ प्रार्थना करने की एक रस्म) करती है। यह उसकी सफलता और भलाई के लिए उसकी इच्छाओं का प्रतीक है।

मिठाई और उपहार: अनुष्ठान के बाद, बहनें अपने भाइयों को खिलाने के लिए मिठाई बनाती हैं या खरीदती हैं। भाइयों के लिए बदले में उपहार देना प्रथागत है, जो पैसे से लेकर कपड़े या यहाँ तक कि गैजेट भी हो सकते हैं, जो उनके प्यार और प्रशंसा को दर्शाते हैं।

साथ में दावत: इस दिन का समापन अक्सर पारिवारिक दावत से होता है, जिसमें भाई और बहन दोनों भोजन करते हैं, जिससे उनका रिश्ता मजबूत होता है।

भाई दूज के पीछे की कहानी

भाई दूज की उत्पत्ति पौराणिक कथाओं में निहित है, जिसमें इसके महत्व को बताने वाली कई कहानियाँ हैं। सबसे लोकप्रिय कहानियों में से एक यम और उनकी बहन यमुना की है। किंवदंती के अनुसार, यमुना ने अपने भाई, मृत्यु के देवता यम को इस दिन अपने घर आमंत्रित किया था। उसने एक भव्य दावत तैयार की और उसके माथे पर टीका लगाकर अपने प्यार और चिंता को व्यक्त किया।

उसके स्नेह से प्रभावित होकर, यम ने घोषणा की कि जो भी भाई इस दिन अपनी बहन से टीका लगवाएगा, उसे लंबी आयु और समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा। यह कहानी भाई-बहन के बंधन के महत्व पर जोर देती है और उन्हें एक-दूसरे का ख्याल रखना चाहिए और एक-दूसरे की रक्षा करनी चाहिए।

भाई या बहन के लिए सर्वश्रेष्ठ करियर चयन

भाई दूज के भावनात्मक और सांस्कृतिक पहलुओं के अलावा, यह त्यौहार भाई-बहनों के साथ करियर विकल्पों पर चर्चा करने का एक उपयुक्त समय भी है। डॉ. विनय बजरंगी ज्योतिषी व्यक्तिगत संतुष्टि और सफलता के लिए सही करियर चयन का मार्गदर्शन कर रहे हैं। भाई दूज के दौरान करियर से जुड़े फैसले लेने में भाई या बहन का मार्गदर्शन करने के लिए कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:

रुचियाँ और जुनून: अपने भाई-बहन को उनकी रुचियों को जानने के लिए प्रोत्साहित करें। उनके शौक और पसंदीदा विषयों पर चर्चा करें, क्योंकि ये उपयुक्त करियर विकल्पों के बारे में संकेत दे सकते हैं।

करियर पथों पर शोध करें: उन्हें अपनी रुचियों के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों पर शोध करने में मदद करें। आवश्यक कौशल और संभावित नौकरी के अवसरों को समझना ज्ञानवर्धक हो सकता है।

शिक्षा और प्रशिक्षण: शिक्षा के महत्व पर जोर दें। चाहे उच्च शिक्षा हो या व्यावसायिक प्रशिक्षण, सफल करियर बनाने में शिक्षा महत्वपूर्ण है।

नेटवर्किंग: उन्हें अपनी रुचि के क्षेत्रों में पेशेवरों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें। नेटवर्किंग से अंतर्दृष्टि मिल सकती है और नौकरी के अवसर भी मिल सकते हैं।

करियर परामर्श: कभी-कभी, पेशेवर करियर परामर्श लेने से संदेह दूर करने और दिशा प्रदान करने में मदद मिल सकती है।

नौकरी या व्यवसाय योग कैसे जानें

ज्योतिष में, “योग” की अवधारणा ग्रहों की स्थिति के विशिष्ट संयोजनों को संदर्भित करती है जो किसी के करियर की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है। नौकरी या व्यवसाय योग को समझने से सबसे अच्छे करियर पथ निर्धारित करने में मदद मिल सकती है। यहाँ कुछ बिंदुओं पर विचार किया जाना चाहिए:

ज्योतिषीय परामर्श: व्यवसाय योग के लिए ज्योतिषी से परामर्श लें जो आपके भाई-बहन की जन्म कुंडली का विश्लेषण कर सकता है और ग्रहों की स्थिति के आधार पर अनुकूल करियर विकल्प सुझा सकता है।

प्रमुख भाव: जन्म कुंडली में दूसरे भाव (धन), छठे भाव (सेवा) और दसवें भाव (करियर) पर ध्यान दें। इन भावों में ग्रहों की ताकत संभावित करियर पथों का संकेत दे सकती है।

दशा अवधि: ज्योतिष में दशा अवधि पर ध्यान दें, जो विशिष्ट समय सीमा होती है जब कुछ ग्रह किसी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं। एक अनुकूल दशा नौकरी या व्यवसाय शुरू करने के लिए एक अच्छा समय बता सकती है।

व्यक्तिगत रुचि बनाम ज्योतिषीय मार्गदर्शन: जबकि ज्योतिष अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है, इसे व्यक्तिगत रुचियों और बाजार की मांग के साथ संतुलित करना आवश्यक है।

निष्कर्ष

भाई दूज भाई और बहन के बीच प्यार और प्रतिबद्धता का उत्सव है, जो पारिवारिक बंधनों को संजोने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। भाई दूज 2024 में त्यौहार मनाते समय, अपने भाई या बहन की सराहना करने के लिए कुछ समय निकालें और उनके करियर पथ पर चर्चा करें, यह सुनिश्चित करते हुए कि उन्हें अपनी आगे की यात्रा में समर्थन महसूस हो। डॉ. विनय बजरंगी जन्म कुंडली के आधार पर करियर की भविष्यवाणी प्रदान कर रहे हैं, आप इस भाई दूज को एक सार्थक अवसर बना सकते हैं जो विरासत और भविष्य की आकांक्षाओं दोनों का सम्मान करता है।

और भी पढ़ें: जीवनकाल भविष्यवाणी | कुंडली मिलान | स्वास्थ्य भविष्यवाणी

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छोटी दिवाली 2024: इस दिवाली बिजनेस ग्रोथ के लिए मिलेगा सॉल्यूशन https://kundlihindi.com/blog/choti-diwali-pe-business-growth-ka-solution/ https://kundlihindi.com/blog/choti-diwali-pe-business-growth-ka-solution/#respond Sat, 26 Oct 2024 09:44:37 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3122 दिवाली का पर्व हमेशा से समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। छोटी दिवाली, जो दिवाली के एक दिन पहले मनाई जाती है, बिजनेस ग्रोथ के लिए विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। अगर आपका व्यवसाय धीमा चल रहा है या आप अपने व्यापार में तेजी से उन्नति करना चाहते हैं, तो इस...

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दिवाली का पर्व हमेशा से समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। छोटी दिवाली, जो दिवाली के एक दिन पहले मनाई जाती है, बिजनेस ग्रोथ के लिए विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। अगर आपका व्यवसाय धीमा चल रहा है या आप अपने व्यापार में तेजी से उन्नति करना चाहते हैं, तो इस छोटी दिवाली 2024 पर ज्योतिषीय उपाय आपके लिए समाधान हो सकते हैं।

कुंडली में देखें व्यापार के योग

आपके जन्म कुंडली (Birth Chart) में ग्रहों की स्थिति यह दर्शाती है कि आपका व्यवसाय किस दिशा में जाएगा। अगर आपकी कुंडली में सही योग नहीं हैं या ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं है, तो इससे बिजनेस ग्रोथ में अड़चने सकती हैं। व्यवसाय ज्योतिष (Business Astrology) के अनुसार, कुंडली में मंगल, बुध, और शुक्र ग्रह व्यापार के लिए मुख्य कारक माने जाते हैं। अगर ये ग्रह कमजोर स्थिति में हैं तो व्यापार में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

व्यापारिक सफलता के लिए ग्रहों का आशीर्वाद

व्यापार के विकास के लिए ग्रहों की अनुकूल स्थिति महत्वपूर्ण होती है। आपकी  जन्म कुंडली (Birth Chart) में ग्रहों का गोचर या उनकी स्थिति यह बताती है कि आप कब और कैसे अपने बिजनेस में सफलता प्राप्त करेंगे। इस दिवाली ग्रहों की स्थिति को सुधारने के लिए कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय अपनाए जा सकते हैं, जैसे कुंडली के अनुसार विशेष पूजापाठ या रत्न धारण करना।

दिवाली पर बिजनेस ग्रोथ के ज्योतिषीय उपाय

1.    कुबेर पूजा और लक्ष्मी पूजा: कुबेर और लक्ष्मी देवी की पूजा करके आप अपने व्यवसाय में समृद्धि ला सकते हैं। दिवाली के दिन इनकी पूजा करना विशेष लाभदायक होता है।

2.    रुद्राक्ष धारण: अपनी कुंडली के आधार पर उचित रुद्राक्ष धारण करें। यह आपके व्यापारिक जीवन में स्थिरता और लाभदायक अवसर ला सकता है।

3.    रत्न धारण: अपनी जन्म कुंडली के ग्रहों की स्थिति के अनुसार सही रत्न धारण करें। जैसे कि व्यापार में सफलता के लिए पुखराज, नीलम या मूंगा धारण करना शुभ माना जाता है।

4.    नवग्रह शांति पूजा: यदि कुंडली में ग्रह दोष हैं, तो नवग्रह शांति पूजा का आयोजन करें। इससे व्यापार में आने वाली बाधाएं दूर हो सकती हैं।

सही समय में निवेश करें

इस छोटी दिवाली, ग्रहों की स्थिति के आधार पर ज्योतिषीय परामर्श (Astrological Consultation) के माध्यम से सही समय पर निवेश करने का निर्णय लें। आपकी कुंडली यह बता सकती है कि कौन सा समय आपके बिजनेस के लिए सबसे उपयुक्त रहेगा।

निष्कर्ष

इस छोटी दिवाली/Choti Diwali 2024 पर, ज्योतिष शास्त्र का सहारा लेकर आप अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। अपनी कुंडली के अनुसार उपाय करें और अपने व्यवसाय की वृद्धि के लिए शुभ समय का लाभ उठाएं।

ज्योतिषीय परामर्श के लिए विशेषज्ञ की मदद लें और अपने बिजनेस में सफलता प्राप्त करें।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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धनतेरस पर आर्थिक वृद्धि के लिए ज्योतिषीय उपाय https://kundlihindi.com/blog/astrological-remedies-for-economic-growth-on-dhanteras/ https://kundlihindi.com/blog/astrological-remedies-for-economic-growth-on-dhanteras/#respond Thu, 24 Oct 2024 12:15:00 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3114 धनतेरस का त्योहार हर साल दीपावली से पहले आता है और इसे समृद्धि और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन, और अन्य धातुएं खरीदते हैं ताकि उनके घर में सौभाग्य और समृद्धि आए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस पर ज्योतिषीय उपाय...

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धनतेरस का त्योहार हर साल दीपावली से पहले आता है और इसे समृद्धि और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन, और अन्य धातुएं खरीदते हैं ताकि उनके घर में सौभाग्य और समृद्धि आए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस पर ज्योतिषीय उपाय भी आपके वित्तीय भविष्य को सुधार सकते हैं? आइए जानते हैं कुछ प्रभावी ज्योतिषीय उपाय जो धनतेरस 2024 के दिन किए जा सकते हैं, ताकि आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो और आपका धन बढ़े। इस वर्ष धनतेरस पर त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को 12:01 बजे प्रारम्भ होगी तथा 30 अक्टूबर को 2:45 बजे समाप्त होगी।

1. कुंडली में दोषों का निवारण:

धन से जुड़े ग्रह, विशेषकर शुक्र और चंद्रमा की स्थिति अगर कमजोर हो तो आर्थिक समस्याएं आती हैं। धनतेरस के दिन कुंडली का विश्लेषण कराकर इन दोषों का समाधान कराएं। इसके लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें और उनके बताए उपायों का पालन करें।

2. लक्ष्मीकुबेर पूजा:

धनतेरस के दिन लक्ष्मी और कुबेर की संयुक्त पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मां लक्ष्मी धन की देवी हैं और भगवान कुबेर धन के संरक्षक माने जाते हैं। इस पूजा के दौरान श्रीसूक्त का पाठ करें और सफेद कपड़े पहनकर पूजा करें ताकि माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहे।

3. धनवृद्धि के लिए पंचमुखी दीपक:

धनतेरस की शाम को घर के मुख्य द्वार पर पंचमुखी दीपक जलाएं। यह दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और धन की वृद्धि के मार्ग खोलता है। साथ ही, इस उपाय से घर में लक्ष्मी का स्थाई वास होता है।

4. शंख और कौड़ी का उपाय:

धनतेरस पर पीले रंग की कौड़ी और शंख का विशेष महत्व होता है। पूजा के दौरान इनका इस्तेमाल करें और पूजा के बाद इन्हें अपने तिजोरी या अलमारी में रखें। इससे घर में आर्थिक संपन्नता और समृद्धि आती है।

5. कुबेर यंत्र की स्थापना:

धनतेरस के दिन घर में कुबेर यंत्र की स्थापना करें। इस यंत्र को घर में रखने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और आय में वृद्धि होती है। इसे उत्तर दिशा में रखें, क्योंकि उत्तर दिशा कुबेर की दिशा मानी जाती है।

6. अष्टलक्ष्मी मंत्र का जाप:

धनतेरस के दिन 108 बार अष्टलक्ष्मी मंत्र का जाप करें। यह मंत्र विशेष रूप से धन और समृद्धि के लिए प्रभावी होता है। मंत्र का सही उच्चारण और श्रद्धा से जाप करने से धन आगमन के नए स्रोत बनते हैं।

7. वास्तु दोष निवारण:

धनतेरस पर घर में वास्तु दोषों का निवारण भी करें। घर में अगर कोई वास्तु दोष होता है तो उसका सीधा प्रभाव आपकी आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। इस दिन घर की सफाई और सजावट का विशेष ध्यान दें।

8. गोमती चक्र का प्रयोग:

धनतेरस के दिन गोमती चक्र की पूजा करना भी बहुत ही लाभकारी होता है। इसे तिजोरी या धन रखने की जगह पर रखें। माना जाता है कि इससे धन की कमी कभी नहीं होती और आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है।

9. हल्दी और चंदन का उपाय:

धनतेरस पर चंदन और हल्दी का उपयोग अत्यधिक शुभ माना जाता है। लक्ष्मी पूजन में चंदन और हल्दी का टीका लगाकर पूजा करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धनधान्य की वृद्धि होती है।

10. धातु की खरीदारी:

धनतेरस पर सोना, चांदी, या किसी अन्य धातु की खरीदारी अवश्य करें। यह केवल शुभ मानी जाती है, बल्कि इससे आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है। ज्योतिष अनुसार, धातु खरीदने से सकारात्मक ग्रहों का प्रभाव बढ़ता है और वित्तीय स्थिरता आती है।

समाप्ति:

धनतेरस/ Dhanteras 2024 पर इन ज्योतिषीय उपायों का पालन करने से आपको धन और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। साथ ही, ज्योतिषीय परामर्श लेकर कुंडली में दोषों का निवारण कराएं, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में और अधिक सुधार हो सके। ज्योतिषीय उपायों के साथसाथ आपकी मेहनत और विश्वास भी आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आप व्यापार में सफलता के लिए ज्योतिषीय उपाय सलाह ले सकते हैं।

इस धनतेरस पर इन उपायों को अपनाएं और आर्थिक समृद्धि का स्वागत करें।

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