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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर व्यक्ति की जन्म कुंडली (Birth Chart) केवल उसके स्वभाव, करियर और विवाह जीवन की दिशा बताती है, बल्कि उसके स्वास्थ्य से जुड़ी संभावित चुनौतियों की भी जानकारी देती है।

स्वास्थ्य मनुष्य का सबसे बड़ा धन है और अगर समय रहते किसी बीमारी की आशंका को समझा जाए तो केवल उसका इलाज आसान हो सकता है, बल्कि बचाव भी संभव है। यही कार्य एक सटीक जन्म कुंडली विश्लेषण से किया जा सकता है।

जन्म कुंडली में स्वास्थ्य से जुड़े संकेत कैसे पढ़े जाते हैं?

कुंडली में छठा भावआठवां भाव और बारहवां भाव स्वास्थ्य, बीमारियों और अस्पताल में भर्ती होने जैसी स्थितियों को दर्शाते हैं।

·  छठा भाव: यह रोग, शत्रु और ऋण से संबंधित होता है। यदि यह भाव पीड़ित हो, या यहां कोई पाप ग्रह (जैसे शनि, राहु, केतु, मंगल) स्थित हों, तो व्यक्ति को जीवन में बारबार बीमारी का सामना करना पड़ सकता है।

·  आठवां भाव: यह भाव अचानक घटने वाली घटनाओं, ऑपरेशन, और लंबी बीमारियों का प्रतिनिधित्व करता है।

·  बारहवां भाव: यह अस्पताल, बिस्तर पर समय, और मानसिक तनाव से जुड़ा होता है।

इन भावों के साथसाथ लग्न (Ascendant) और लग्नेश (लग्न का स्वामी) की स्थिति भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि ये व्यक्ति की समग्र शारीरिक संरचना और जीवन शक्ति को दर्शाते हैं।

ग्रहों का प्रभाव स्वास्थ्य पर

ग्रहों की दशा और गोचर जब कुंडली के रोग भावों को सक्रिय करते हैं, तब बीमारियां सामने आती हैं। उदाहरण के लिए:

·  शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती अक्सर हड्डियों, जोड़ों और लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों का कारण बनती है।

·  राहु और केतु मानसिक विकार, त्वचा रोग या असामान्य बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

·  मंगल रक्त से संबंधित रोग या दुर्घटना का संकेत दे सकता है।

Dr. Vinay Bajrangi का विशेषज्ञ मत

प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य Dr. Vinay Bajrangi का कहना है किअगर व्यक्ति की जन्म कुंडली का सही विश्लेषण हो और सही समय पर सावधानी बरती जाए, तो ज्योतिष में स्वास्थ्य समस्याएं को टाला जा सकता है।

उनके अनुसार, सिर्फ रोग भाव देखना ही काफी नहीं, बल्कि दशा, गोचर, ग्रहों की दृष्टि और योगों का समग्र विश्लेषण आवश्यक है। उनका फोकस निवारक ज्योतिष (Preventive Astrology) पर होता है, जिससे बीमारी होने से पहले ही उसका संकेत मिल जाता है।

स्वास्थ्य संबंधी उपाय

यदि आपकी कुंडली में स्वास्थ्य से संबंधित नकारात्मक संकेत हों, तो निम्नलिखित ज्योतिषीय स्वास्थ्य संबंधी उपाय किए जा सकते हैं:

·  मंत्र जाप: ग्रहों को शांत करने के लिए उचित मंत्रों का जाप करें जैसे कि नमः शिवायमानसिक शांति और रोग से राहत देने वाला होता है।

·  रतन पहनना: योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर रत्न पहनना जैसे नीलमपन्ना, या मोती, स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

·  दान करना: संबंधित ग्रहों को शांत करने के लिए जैसे कि शनि के लिए काले कपड़े और तिल का दान करना लाभकारी होता है।

·  योग और ध्यान: कुंडली में चंद्रमा या केतु की अशांति होने पर ध्यान और प्राणायाम अत्यंत उपयोगी साबित होते हैं।

सही समय पर कुंडली जांच क्यों जरूरी है?

बहुत से लोग केवल तब कुंडली देखते हैं जब बीमारी गंभीर हो जाती है। जबकि निवारक दृष्टिकोण से देखा जाए तो जन्म के समय ही कुंडली से संभावित स्वास्थ्य कमजोरियों को जानकर पहले से ही जीवनशैली में बदलाव लाकर स्वास्थ्य को मजबूत किया जा सकता है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या जन्म कुंडली से यह पता लगाया जा सकता है कि कौन सी बीमारी हो सकती है?
उत्तर: हां, कुंडली के छठे, आठवें और बारहवें भावों का विश्लेषण करके संभावित बीमारियों का अंदेशा लगाया जा सकता है। ग्रहों की दशा और योगों का अध्ययन इस जानकारी को और पुख्ता करता है।

Q2. अगर मेरी कुंडली में रोग योग हैं तो क्या मैं बीमार ही रहूंगा?
उत्तर: नहीं। यदि सही समय पर उपाय किए जाएं और जीवनशैली में सुधार लाया जाए तो इन योगों के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

Q3. Dr. Vinay Bajrangi से संपर्क कैसे करें?
उत्तर: आप उनकी वेबसाइट या आधिकारिक सोशल मीडिया पेज के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। वे व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण और स्वास्थ्य संबंधी परामर्श प्रदान करते हैं।

Q4. क्या योग और ध्यान भी कुंडली के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं?
उत्तर: हां, खासकर चंद्रमा, राहु और केतु से संबंधित मानसिक रोगों में ध्यान, प्राणायाम और नियमित योग अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हुए हैं।

अगर आप अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं या बारबार बीमारियों से जूझ रहे हैं, तो एक बार अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण/ Kundli Reading अवश्य कराएं और किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य जैसे Dr. Vinay Bajrangi से सलाह लें।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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