Horoscope Matching Archives - KundliHindi https://kundlihindi.com/tag/horoscope-matching/ My WordPress Blog Sat, 17 May 2025 06:14:03 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://i0.wp.com/kundlihindi.com/wp-content/uploads/2022/11/cropped-kundlihindi.png?fit=32%2C32&ssl=1 Horoscope Matching Archives - KundliHindi https://kundlihindi.com/tag/horoscope-matching/ 32 32 214685846 कुंडली मिलान के माध्यम से सही जीवनसाथी कैसे खोजें? https://kundlihindi.com/blog/kundli-milan-se-khoje-sahi-jeevan-sathi/ https://kundlihindi.com/blog/kundli-milan-se-khoje-sahi-jeevan-sathi/#respond Sat, 17 May 2025 06:14:03 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3609 विवाह न केवल दो व्यक्तियों का, बल्कि दो परिवारों का भी पवित्र बंधन होता है। भारतीय संस्कृति में कुंडली मिलान (Horoscope Matching) को एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया माना गया है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भावी दंपत्ति का वैवाहिक जीवन सुखद, स्थिर और समृद्ध हो। कुंडली मिलान क्या है? कुंडली मिलान, जिसे हम गुण मिलान भी कहते हैं,...

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विवाह  केवल दो व्यक्तियों का, बल्कि दो परिवारों का भी पवित्र बंधन होता है। भारतीय संस्कृति में कुंडली मिलान (Horoscope Matching) को एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया माना गया है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भावी दंपत्ति का वैवाहिक जीवन सुखद, स्थिर और समृद्ध हो।

कुंडली मिलान क्या है?

कुंडली मिलान, जिसे हम गुण मिलान भी कहते हैं, वैदिक ज्योतिष की वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से दो व्यक्तियों की जन्म कुंडलियों का विश्लेषण किया जाता है। इस प्रक्रिया में उनके मानसिक, शारीरिक, आर्थिक और आध्यात्मिक सामंजस्य का मूल्यांकन किया जाता है।

Dr. Vinay Bajrangi, जो एक प्रख्यात वैदिक ज्योतिषाचार्य हैं, बताते हैं कि केवल जन्म तारीख और राशि से शादी तय करना पर्याप्त नहीं होता। असली सामंजस्य जानने के लिए पूर्ण कुंडली विश्लेषण जरूरी है।

गुण मिलान की प्रक्रिया

कुंडली मिलान मुख्य रूप से आठ पहलुओं (अष्टकूट) पर आधारित होता है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

1.    वरन (Varna) – मानसिक अनुकूलता

2.    वश्य (Vashya) – एकदूसरे को नियंत्रित करने की क्षमता

3.    तारा (Tara) – स्वास्थ्य और भाग्य का मेल

4.    योनि (Yoni) – यौन संगतता

5.    ग्रहमैत्री (Graha Maitri) – बौद्धिक सामंजस्य

6.    गण (Gana) – स्वभाव की संगतता

7.    भकूट (Bhakoot) – पारिवारिक जीवन पर प्रभाव

8.    नाड़ी (Nadi) – स्वास्थ्य और संतानों से जुड़ी संभावनाएं

इन आठों गुणों का कुल स्कोर 36 होता है और कम से कम 18 अंक का मिलान होना आवश्यक माना जाता है। यदि गुण मिलान में 18 से कम अंक आते हैं, तो वैवाहिक जीवन में समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है।

मांगलिक दोष और उसका प्रभाव

मांगलिक दोष एक विशेष स्थिति होती है जब मंगल ग्रह विशेष भावों में स्थित होता है। यह दोष वैवाहिक जीवन में कलह, अलगाव या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां ला सकता है। इसलिए Dr. Vinay Bajrangi का मानना है कि मांगलिक दोष की जांच अनिवार्य है।

कुंडली मिलान से मिलने वाले लाभ

·  भावनात्मक सामंजस्य: पतिपत्नी के बीच बेहतर समझ बनती है।

·  स्वस्थ जीवन: दोनों की कुंडलियों से उनके स्वास्थ्य की संगति की जांच होती है।

·  धन और करियर में उन्नति: अगर कुंडलियों में योग होते हैं तो दंपति एकदूसरे की आर्थिक उन्नति में सहायक होते हैं।

·  संतान सुखनाड़ी दोष और अन्य ग्रह स्थिति से संतान योग की संभावना देखी जाती है।

डॉ. विनय बजरंगी की सलाह

Dr. Vinay Bajrangi कहते हैं कि कई लोग केवल ऑनलाइन कुंडली मिलान टूल पर भरोसा कर लेते हैं, जो सतही जानकारी देता है। सही जीवनसाथी की तलाश में एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेना बहुत जरूरी है। वह यह भी कहते हैं कि जन्म कुंडली मिलान से केवल रिश्ते की गहराई समझी जा सकती है, बल्कि वैवाहिक जीवन की समस्याओं से भी बचा जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: क्या कुंडली मिलान के बिना शादी हो सकती है?
उत्तर: हां, लेकिन वैदिक ज्योतिष के अनुसारकुंडली मिलान से शादी करने से वैवाहिक जीवन अधिक स्थिर और सफल रहता है।

Q2: अगर गुण मिलान 18 से कम हो तो क्या शादी नहीं हो सकती?
उत्तर: हर स्थिति में नहीं। यदि किसी दोष का उपाय संभव हो, तो विवाह किया जा सकता है। इसके लिए एक योग्य ज्योतिषी जैसे Dr. Vinay Bajrangi से परामर्श जरूरी है।

Q3: क्या मांगलिक दोष का कोई समाधान है?
उत्तर: हां, कई वैदिक उपाय और पूजापाठ से मांगलिक दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

Q4: क्या ऑनलाइन कुंडली मिलान भरोसेमंद होता है?
उत्तर: सामान्य जानकारी के लिए ठीक है, लेकिन गहराई से समझने के लिए व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण बेहतर होता है।

Q5: क्या कुंडली मिलान केवल हिंदू विवाहों के लिए जरूरी है?
उत्तर: यह मुख्यतः हिंदू विवाह पद्धति में प्रचलित है, लेकिन आजकल अन्य समुदाय भी कुंडली मिलान को एक वैकल्पिक मार्गदर्शन के रूप में अपना रहे हैं।

निष्कर्ष

सही जीवनसाथी की खोज केवल बाहरी गुणों पर आधारित नहीं होनी चाहिए। कुंडली मिलान के माध्यम से आप यह जान सकते हैं कि सामने वाला व्यक्ति आपके साथ दीर्घकालीन मानसिक और भावनात्मक सामंजस्य बना पाएगा या नहीं। एक अनुभवी ज्योतिषी जैसे Dr. Vinay Bajrangi की सलाह से आप अपने वैवाहिक जीवन को केवल शुरू करने से पहले जांच सकते हैं, बल्कि उसमें आने वाली वैवाहिक जीवन की समस्याओं का समाधान भी पा सकते हैं।

यदि आप भी अपने या अपने बच्चों के लिए सही जीवनसाथी की तलाश में हैं, तो आज ही कुंडली मिलवाएं, ताकि एक सफल और सुखद वैवाहिक जीवन की नींव रखी जा सके।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

Read more also: Health Astrology | kundli hindi

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भारत में विवाह केवल दो लोगों का मिलन नहीं है, बल्कि दो परिवारों का सामाजिक और आध्यात्मिक बंधन है। इस बंधन को मजबूत और दीर्घकालिक बनाने के लिए सदियों से कुंडली मिलान की परंपरा चली रही है। लेकिन सवाल यह उठता है — क्या शादी सच में कुंडली और कुंडली मिलान पर निर्भर करती है?

आधुनिक युग में कई लोग इस परंपरा को केवल एक औपचारिकता मानते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कुंडली मिलान से विवाह की सफलता को जोड़कर देखते हैं। तो आइए ज्योतिष की दृष्टि से इस विषय पर गहराई से विचार करें।

कुंडली मिलान का महत्व

कुंडली मिलान क्या है?
जब दो लोगों के जन्म के समय, तारीख और स्थान के आधार पर उनकी जन्म कुंडलियां बनाई जाती हैं, तो उन्हें आपस में मिलाकर देखा जाता है कि उनके बीच कितना ग्रहसामंजस्य है। यह प्रक्रिया गुण मिलान (Ashtakoota Milan) पर आधारित होती है जिसमें कुल 36 गुण होते हैं।

अगर इन गुणों में से कम से कम 18 गुण मेल खाते हैं तो विवाह के लिए कुंडली को उपयुक्त माना जाता है। यदि यह 25 से ऊपर हो तो बहुत ही अच्छा संयोग माना जाता है।

मुख्य गुण जो मिलाए जाते हैं:

·  वर और वधू की मानसिकता (गुण)

·  सेहत और आयु (नाड़ी दोष)

·  आर्थिक स्थिरता (भविष्य की योजना)

·  संतान योग

·  मांगलिक दोष (Mangal Dosh)

क्या केवल कुंडली मिलान काफी है?

डॉ. विनय बजरंगी, एक प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य, कहते हैं किकेवल गुण मिलान ही नहीं, कुंडली में योग, दोष और ग्रहों की स्थिति को भी गहराई से समझना जरूरी होता हैअक्सर लोग केवल गुण देखकर निर्णय लेते हैं, लेकिन कुंडली में छिपे ग्रह दोषदशा प्रणाली, और भाग्य के संकेत को नजरअंदाज कर देते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि दोनों की कुंडलियों में एक जैसा सप्तम भाव (विवाह भाव) कमजोर हो, तो विवाह के बाद मानसिक संघर्ष हो सकता है, चाहे गुण मिलान में उच्च स्कोर ही क्यों हो।

आधुनिक समय में कुंडली मिलान की प्रासंगिकता

आज के दौर में जहां लव मैरिज आम होती जा रही है, वहां कुंडली मिलान का रोल थोड़ा अलग हो गया है। डॉ. विनय बजरंगी का कहना है कि लव मैरिज में भी कुंडली की जांच बेहद जरूरी होती है, ताकि भविष्य में टकराव, संतान से जुड़ी समस्याएं या आर्थिक परेशानियों से बचा जा सके।

ज्योतिष एक गाइडलाइन प्रदान करता है, जो शादी से पहले एक सशक्त निर्णय लेने में मदद करता है।

क्या कुंडली नहीं मिलने पर शादी नहीं हो सकती?

यह कहना बिल्कुल गलत होगा। कई बार गुण मिलान में कम अंक होने पर भी अगर कुंडली में अन्य शुभ योग हों, तो विवाह सफल होता है। ऐसे मामलों में अनुभवी ज्योतिषी जैसे कि डॉ. विनय बजरंगी, कुंडली/kundli का गहराई से विश्लेषण कर समाधान बताते हैं।

इसके अलावा, कुछ विशेष उपाय जैसे दोष निवारण अनुष्ठानरुद्राभिषेकमंत्र जाप, आदि से नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष

इसलिए यह कहना बिल्कुल उचित होगा कि शादी और कुंडली मिलान एकदूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। कुंडली मिलान का उद्देश्य केवल गुण गिनना नहीं, बल्कि एक स्थायी, सुखी और संतुलित दांपत्य जीवन सुनिश्चित करना है।

यदि आप विवाह की योजना बना रहे हैं या किसी रिश्ते को लेकर दुविधा में हैं, तो डॉ. विनय बजरंगी जैसे अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह लेना आपके भविष्य को सकारात्मक दिशा दे सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. क्या बिना कुंडली मिलान के विवाह संभव है?

हाँ, संभव है लेकिन यह जोखिमपूर्ण हो सकता है। विवाह के बाद समस्याओं की संभावना अधिक हो सकती है, इसलिए कुंडली मिलवाना समझदारी भरा कदम है।

2. अगर कुंडली नहीं मिले तो क्या उपाय है?

अगर गुण मिलान कम हो, तो दोष निवारण उपायमंत्र जाप या विशेष पूजा से शादी को सफल बनाया जा सकता है।

3. क्या लव मैरिज के लिए भी कुंडली मिलवाना जरूरी है?

हाँ, लव मैरिज में भी ग्रहों की स्थिति और भविष्य के योग को देखना जरूरी होता है।

4. क्या कुंडली मिलान से तलाक की आशंका कम हो सकती है?

अगर कुंडली सही से मिलाई जाए और सही उपाय किए जाएं तो तलाक की आशंका को काफी हद तक रोका जा सकता है।

5. डॉ. विनय बजरंगी से कैसे संपर्क करें?

आप उनकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। वे ऑनलाइन कुंडली मिलान और परामर्श सेवाएं भी प्रदान करते हैं।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

Read more: Kundli milan | Marriage Astrology

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कुंडली मिलान में कम गुण मिलान स्कोर दिखने पर क्या करें? https://kundlihindi.com/blog/kundli-milan-me-kam-guna-milan-score/ https://kundlihindi.com/blog/kundli-milan-me-kam-guna-milan-score/#respond Mon, 28 Apr 2025 06:23:04 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3546 शादी से पहले कुंडली मिलान भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण परंपरा है। जब दो लोगों के विवाह का विचार किया जाता है, तो सबसे पहले उनकी कुंडली मिलान करवाई जाती है। इसमें मुख्य रूप से गुण मिलान स्कोर (Ashtakoota Matching) देखा जाता है। कुल 36 अंकों में से यदि 18 या उससे अधिक अंक मिलते हैं तो उसे सामान्यतः विवाह...

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शादी से पहले कुंडली मिलान भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण परंपरा है। जब दो लोगों के विवाह का विचार किया जाता है, तो सबसे पहले उनकी कुंडली मिलान करवाई जाती है। इसमें मुख्य रूप से गुण मिलान स्कोर (Ashtakoota Matching) देखा जाता है। कुल 36 अंकों में से यदि 18 या उससे अधिक अंक मिलते हैं तो उसे सामान्यतः विवाह के लिए शुभ माना जाता है। लेकिन अगर गुण मिलान स्कोर कम आए तो चिंता होना स्वाभाविक है। सवाल उठता हैअब क्या करें?

इस विषय में जानेमाने ज्योतिषाचार्य डॉ. विनय बजरंगी (Dr. Vinay Bajrangi) बताते हैं कि केवल गुण मिलान ही शादी के लिए अंतिम निर्णय का आधार नहीं होना चाहिए। आइए विस्तार से समझते हैं।

कुंडली मिलान में कम अंक क्यों आते हैं?

गुण मिलान स्कोर आठ मुख्य पहलुओं (वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी) पर आधारित होता है। हर एक पहलू का अपना अलग महत्व होता है। कभीकभी, किसी एक या दो पहलुओं में गंभीर दोष होने के कारण स्कोर बहुत कम हो सकता है। उदाहरण के लिए:

·  नाड़ी दोष या भकूट दोष मिलना ज्योतिषीय दृष्टि से विवाह में बाधक माना जाता है।

·  ग्रहों की स्थिति जैसे मंगल दोष (मांगलिक दोष) भी गुण मिलान को प्रभावित कर सकती है।

लेकिन कम अंक आना हमेशानाका संकेत नहीं होता!

कम गुण मिलान होने पर क्या करें?

डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, अगर गुण कम मिलते हैं, तो नीचे दिए गए उपाय अपनाए जा सकते हैं:

1. कुंडली का गहराई से विश्लेषण कराएं

केवल अष्टकूट मिलान पर निर्भर रहें। दोनों कुंडलियों का वैवाहिक योगदाम्पत्य सुखस्वभाव मिलानआर्थिक स्थिति, और स्वास्थ्य योग को भी ध्यान से देखना चाहिए। कभीकभी, गुण भले ही कम मिलें लेकिन ग्रहों का अन्य शुभ संयोग विवाह को सफल बना सकता है।

2. दोष निवारण उपाय अपनाएं

यदि नाड़ी दोष या भकूट दोष जैसे गंभीर दोष मिलते हैं, तो उनके लिए विशेष दोष निवारण उपाय होते हैं, जैसे:

·  विशेष पूजा

·  व्रत

·  दान
इन उपायों से नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।

3. मंगल दोष का समाधान

अगर एक कुंडली में मांगलिक दोष हो और दूसरी में नहीं, तो मांगलिक दोष निवारण पूजा कराई जा सकती है। कभीकभी दोनों कुंडलियों में मंगल दोष होने पर ये दोष स्वतः निरस्त भी हो जाता है।

4. अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लें

हर कुंडली विशेष होती है। इसलिए हमेशा किसी अनुभवी ज्योतिषी, जैसे कि डॉ. विनय बजरंगी, से व्यक्तिगत सलाह लेकर ही निर्णय लेना चाहिए।

गुण मिलान से ज्यादा महत्वपूर्ण क्या है?

·  दोनों व्यक्तियों के स्वभाव और समझदारी

·  आपसी सम्मान और विश्वास।

·  जीवन के प्रति दृष्टिकोण।

·  पारिवारिक पृष्ठभूमि और संस्कार।

गुण मिलान एक दिशा दिखाता है, लेकिन अंतिम निर्णय केवल अंक देखकर नहीं करना चाहिए।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या कम गुण मिलने पर शादी करना सही रहेगा?
Ans: 
अगर गुण मिलान स्कोर कम है, लेकिन कुंडली में अन्य शुभ योग हैं और दोषों का निवारण संभव है, तो विवाह किया जा सकता है। अनुभवी ज्योतिषी से गहन विश्लेषण कराना चाहिए।

Q2. नाड़ी दोष मिल जाए तो क्या विवाह नहीं करना चाहिए?
Ans: 
नाड़ी दोष गंभीर माना जाता है, लेकिन हर केस में इसका असर एक जैसा नहीं होता। कई बार नाड़ी दोष निवारण उपाय से इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।

Q3. क्या मांगलिक दोष और कम गुण मिलान एक साथ शादी में रुकावट बन सकते हैं?
Ans: 
हां, लेकिन समाधान संभव है। दोनों पहलुओं का समाधान और कुंडली मिलान का गहन विश्लेषण कराकर उपाय किए जा सकते हैं।

Q4. क्या डॉ. विनय बजरंगी से व्यक्तिगत परामर्श ले सकते हैं?
Ans: 
हां, आप डॉ. विनय बजरंगी से व्यक्तिगत कुंडली मिलान और विवाह संबंधी सलाह के लिए संपर्क कर सकते हैं।

अगर आप भी अपनी शादी से पहले सही निर्णय लेना चाहते हैं और कुंडली में आए कम गुण मिलान स्कोर को लेकर चिंतित हैं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से गहन मार्गदर्शन जरूर प्राप्त करें। याद रखें, सही सलाह से आप अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण निर्णय को और भी बेहतर बना सकते हैं।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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कुंडली मिलान में नाड़ी दोष के प्रभाव और बचने के ज्योतिषी उपाय https://kundlihindi.com/blog/nadi-dosh-in-kundli-milan/ https://kundlihindi.com/blog/nadi-dosh-in-kundli-milan/#respond Thu, 24 Apr 2025 06:26:34 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3534 भारतीय वैदिक ज्योतिष में कुंडली मिलान को विवाह से पहले एक आवश्यक प्रक्रिया माना जाता है। यह केवल लड़का और लड़की की जन्म राशियों का मिलान नहीं होता, बल्कि मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक सामंजस्य की भी जांच होती है। इसमें सबसे अहम विषयों में से एक है – नाड़ी दोष (Nadi Dosha)। नाड़ी दोष को गंभीर माना जाता...

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भारतीय वैदिक ज्योतिष में कुंडली मिलान को विवाह से पहले एक आवश्यक प्रक्रिया माना जाता है। यह केवल लड़का और लड़की की जन्म राशियों का मिलान नहीं होता, बल्कि मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक सामंजस्य की भी जांच होती है। इसमें सबसे अहम विषयों में से एक है – नाड़ी दोष (Nadi Dosha)

नाड़ी दोष को गंभीर माना जाता है क्योंकि यह वैवाहिक जीवन में स्वास्थ्य, संतान सुख, भावनात्मक तालमेल और दांपत्य शांति को प्रभावित कर सकता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे:

·  नाड़ी दोष क्या है?

·  नाड़ी दोष क्यों होता है?

·  इसके दुष्प्रभाव क्या हैं?

·  और इससे बचने के प्रभावी ज्योतिषीय उपाय क्या हैं।

नाड़ी दोष क्या होता है?

जन्म कुंडली में नाड़ी मिलान 8 गुणों में से एक है, जो दो व्यक्तियों के प्राकृतिक स्वभाव और शारीरिक संगति का प्रतिनिधित्व करता है। नाड़ी तीन प्रकार की होती है:

1.    आदि नाड़ी

2.    मध्य नाड़ी

3.    अंत्य नाड़ी

यदि वर और वधू की नाड़ी समान पाई जाती है (जैसे दोनों की आदि नाड़ी हो), तो नाड़ी दोष बनता है।

 नाड़ी दोष के प्रभाव

अगर नाड़ी दोष अनदेखा कर दिया जाए, तो यह वैवाहिक जीवन में निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न कर सकता है:

 संतान से जुड़ी समस्याएंसंतान सुख में बाधा या संतानहीनता
 
स्वास्थ्य समस्याएंविवाह के बाद एक या दोनों की सेहत पर विपरीत असर
 
भावनात्मक असंतुलन – एकदूसरे की भावनाओं को समझ पाना
 
विवाह में बाधा विवाह होने से पहले ही रिश्ते में परेशानियाँ आना

नाड़ी दोष को वैदिक ज्योतिष में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, विशेषकर जब अन्य गुण मिलान अच्छे हों, तब भी यह दोष विवाह में अवरोध उत्पन्न कर सकता है।

नाड़ी दोष के ज्योतिषीय उपाय

यदि कुंडली मिलान में नाड़ी दोष पाया जाए, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। वैदिक ज्योतिष में इसके लिए कई समाधान उपलब्ध हैं:

1. दोष निवारण पूजन

विशेष नाड़ी दोष निवारण पूजा या महामृत्युंजय जाप करवाना अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।

2. कुंभ विवाह (Kumbh Vivah)

यदि लड़की की कुंडली में दोष है, तो पहले उसका विवाह प्रतीकात्मक रूप से किसी पीपल के वृक्ष या मूर्ति से कराना एक आम उपाय है।

3. दान व्रत

·  गाय, अनाज, वस्त्र या चांदी का दान करें

·  एक विशेष उपवास या शुक्रवार के व्रत

4. गुरु की सलाह लेना

कभीकभी यदि अन्य गुण बहुत अच्छे मिलते हैं (जैसे भकूट और गण मिलान), तो नाड़ी दोष को नज़रअंदाज़ भी किया जा सकता हैलेकिन इसके लिए अनुभवी ज्योतिषी से मार्गदर्शन लेना अनिवार्य होता है।

5. जन्म नक्षत्र और चरित्र मिलान

अगर दोनों की जन्म नक्षत्र और चारित्रिक गुणों में सामंजस्य हो, तो भी नाड़ी दोष का प्रभाव कम हो सकता है।

क्या हर नाड़ी दोष खतरनाक होता है?

नहीं। हर नाड़ी दोष विवाह में रुकावट नहीं बनता। इसके प्रभाव की तीव्रता कई बातों पर निर्भर करती है:

·  दोनों की कुंडली में मौजूद अन्य दोष

·  दशा और अंतरदशा की स्थिति

·  मंगल दोषभकूट दोष जैसे अन्य दोषों का होना या होना

निष्कर्ष

नाड़ी दोष वैवाहिक जीवन के लिए एक गंभीर संकेत हो सकता है, लेकिन इसका समाधान संभव है। अगर आप किसी के साथ विवाह का विचार कर रहे हैं और कुंडली मिलान में नाड़ी दोष रहा है, तो जल्दबाजी करेंएक योग्य ज्योतिषाचार्य से सलाह लें, समाधान प्राप्त करें, और तब ही निर्णय लें।

FAQs: नाड़ी दोष से जुड़े आम प्रश्न

Q1. क्या नाड़ी दोष के बावजूद शादी हो सकती है?
उत्तर: हाँ, यदि अन्य गुण अच्छे मिलते हों और ज्योतिषी की सलाह हो तो शादी संभव है, लेकिन दोष निवारण आवश्यक होता है।

Q2. क्या नाड़ी दोष का कोई वैज्ञानिक आधार है?
उत्तर: यह शारीरिक संगति और अनुवांशिक स्वास्थ्य पर आधारित एक वैदिक परंपरा है, जिसमें समानता के कारण संतान में दिक्कतें सकती हैं।

Q3. क्या नाड़ी दोष का असर हर किसी पर होता है?
उत्तर: नहीं, इसकी तीव्रता कुंडली के अन्य योगों और ग्रह दशाओं पर निर्भर करती है।

Q4. क्या ऑनलाइन कुंडली मिलान भरोसेमंद होता है?
उत्तर: सामान्य जानकारी के लिए ठीक है, लेकिन विवाह जैसे फैसले के लिए व्यक्तिगत ज्योतिषीय सलाह लेना ज़रूरी है।

Q5. नाड़ी दोष हटाने के लिए सबसे प्रभावशाली उपाय क्या है?
उत्तर: महामृत्युंजय जाप, नाड़ी दोष निवारण पूजा, कुंभ विवाह और गुरु की सलाह सबसे उपयोगी माने जाते हैं।

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और पढ़ें: मुफ्त ज्योतिष कैलकुलेटर | करियर ज्योतिष | Kundli in hindi

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क्या कुंडली मिलान के बिना शादी आपके भविष्य को प्रभावित कर सकती है? https://kundlihindi.com/blog/marriage-without-kundali-matching/ https://kundlihindi.com/blog/marriage-without-kundali-matching/#respond Sat, 19 Apr 2025 05:39:18 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3523 भारत में शादी को केवल दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है। यही कारण है कि विवाह से पहले कई पहलुओं पर विचार किया जाता है—जैसे पारिवारिक पृष्ठभूमि, संस्कार, और सबसे महत्वपूर्ण, कुंडली मिलान। परंतु आज के आधुनिक युग में कुछ लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। इस लेख में...

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भारत में शादी को केवल दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है। यही कारण है कि विवाह से पहले कई पहलुओं पर विचार किया जाता हैजैसे पारिवारिक पृष्ठभूमि, संस्कार, और सबसे महत्वपूर्ण, कुंडली मिलान परंतु आज के आधुनिक युग में कुछ लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। इस लेख में हम समझेंगे कि क्या कुंडली मिलान के बिना शादी करना आपके भविष्य को प्रभावित कर सकता है, और इस प्रक्रिया का क्या महत्व है।

कुंडली मिलान का महत्व

कुंडली मिलान, जिसे गुण मिलान या विवाह के लिए कुंडली मिलन भी कहा जाता है, वैदिक ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण भाग है। यह दो व्यक्तियों के बीच मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक सामंजस्य का विश्लेषण करता है। कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति से यह तय किया जाता है कि दोनों जीवनसाथी एकदूसरे के साथ तालमेल बिठा पाएंगे या नहीं।

कई बार विवाह के बाद होने वाली परेशानियाँजैसे आपसी मतभेद, संतान संबंधी समस्याएँ, स्वास्थ्य या आर्थिक कठिनाइयाँकुंडली मिलान में दिखाई जा सकती हैं। यही कारण है कि विशेषज्ञ शादी ज्योतिष के अंतर्गत कुंडली मिलान को आवश्यक मानते हैं।

कुंडली मिलान कैसे किया जाता है?

जन्म तिथि के अनुसार कुंडली मिलान और नाम के अनुसार कुंडली मिलान के जरिए दो कुंडलियों का तुलनात्मक विश्लेषण किया जाता है। इसमें 36 गुणों का मिलान किया जाता हैजैसे कि वर्ण, वश्य, तारा, ग्रहमैत्री, गण, भकूट, नाड़ी आदि।

यदि 18 या उससे अधिक गुण मिलते हैं, तो विवाह को शुभ माना जाता है। इसके अलावा नक्षत्र मिलान और दोषों की जांचजैसे मंगलीक दोषभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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बिना कुंडली मिलान के शादीसंभावित प्रभाव

1. मानसिक और भावनात्मक असंतुलन:

यदि ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं हो, तो पतिपत्नी के बीच बारबार झगड़े हो सकते हैं। इससे रिश्ते में तनाव बढ़ सकता है।

2. संतान संबंधी समस्याएँ:

कई बार ग्रह दोष संतान प्राप्ति में अड़चन पैदा कर सकते हैं। शादी की भविष्यवाणी में यह बात पहले से दिखाई जा सकती है।

3. आर्थिक अस्थिरता:

कुछ योग ऐसे होते हैं जो आर्थिक जीवन को प्रभावित करते हैं। यदि दोनों की कुंडलियों में ये योग टकराते हैं, तो आर्थिक परेशानियाँ सकती हैं।

4. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ:

यदि किसी एक की कुंडली में दोष हों और मिलान किया जाए, तो शादी के बाद किसी एक या दोनों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

5. विवाह विच्छेद (डिवोर्स) का खतरा:

गंभीर दोषों की अनदेखी, जैसे नाड़ी दोष या मंगलीक दोष, भविष्य में तलाक जैसी स्थिति को जन्म दे सकते हैं।

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क्या ऑनलाइन कुंडली मिलान भरोसेमंद है?

आजकल इंटरनेट पर कई वेबसाइट्स ऑनलाइन कुंडली मिलान और मुफ्त कुंडली मिलान की सुविधा देती हैं। ये प्लेटफॉर्म जन्म तिथि, समय और स्थान के आधार पर तुरंत कुंडली/kundali बनाकर मिलान करते हैं। हालांकि, गहराई से विश्लेषण के लिए एक अनुभवी ज्योतिषाचार्य की सलाह लेना ज्यादा उचित रहता है। शादी के लिए कुंडली मिलान केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवनभर की स्थिरता की नींव हो सकती है।

निष्कर्ष

कुंडली मिलान/kundali matching सिर्फ एक परंपरा नहीं है, यह एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित विश्लेषण है जो दो व्यक्तियों के भविष्य को लेकर स्पष्ट संकेत देता है। यदि आप अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय और स्थिर बनाना चाहते हैं, तो विवाह के लिए कुंडली मिलन को नजरअंदाज करें। मुफ्त कुंडली /कुंडली मिलान की सुविधा का लाभ लें, लेकिन अंतिम निर्णय से पहले विशेषज्ञ सलाह जरूर लें।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

1. कुंडली मिलान में कम गुण मिलें तो क्या शादी नहीं हो सकती?
कम गुण मिलने का मतलब यह नहीं कि शादी असंभव है। यदि विशेष दोष हों, तो ज्योतिषी के उपायों से यह संभव हो सकता है।

2. क्या ऑनलाइन कुंडली मिलान सटीक होता है?
ऑनलाइन मिलान प्रारंभिक जानकारी के लिए उपयोगी होता है, लेकिन सटीकता के लिए विशेषज्ञ ज्योतिष की राय लेना बेहतर होता है।

3. क्या मंगलीक दोष से शादी में समस्या सकती है?
हां, मंगलीक दोष से दांपत्य जीवन में तनाव सकता है, परंतु कुछ उपायों से इसका समाधान संभव है।

4. कुंडली मिलान के बिना शादी की सफलता कैसे सुनिश्चित करें?
यदि कुंडली नहीं मिलाई गई है, तो दोनों पक्षों में पारस्परिक समझ, विश्वास और धैर्य आवश्यक होगा। फिर भी कुंडली मिलाना बेहतर विकल्प है।

5. क्या जन्म तिथि के बिना कुंडली मिलान संभव है?
सटीक मिलान के लिए जन्म तिथि, समय और स्थान आवश्यक होते हैं। बिना इन जानकारियों के विश्लेषण अधूरा रह सकता है।

अगर आप भी शादी की योजना बना रहे हैं, तो नाम के अनुसार कुंडली मिलान या जन्म तिथि के अनुसार कुंडली मिलान करवाकर भविष्य को सुरक्षित बनाएं।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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कुंडली मिलान आपके विवाह और स्वास्थ्य के लिए कितना प्रभावी है? https://kundlihindi.com/blog/kundli-milan-for-marriage-and-health/ https://kundlihindi.com/blog/kundli-milan-for-marriage-and-health/#respond Wed, 02 Apr 2025 08:28:10 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3488 कुंडली मिलान भारतीय वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य विवाह से पूर्व वर और वधू की अनुकूलता का आकलन करना होता है। यह प्रक्रिया न केवल दांपत्य जीवन की सफलता को सुनिश्चित करने में सहायक होती है, बल्कि यह जीवनसाथियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का भी विश्लेषण करती है। कुंडली मिलान का महत्व विवाह दो व्यक्तियों...

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कुंडली मिलान भारतीय वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य विवाह से पूर्व वर और वधू की अनुकूलता का आकलन करना होता है। यह प्रक्रिया केवल दांपत्य जीवन की सफलता को सुनिश्चित करने में सहायक होती है, बल्कि यह जीवनसाथियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का भी विश्लेषण करती है।

कुंडली मिलान का महत्व

विवाह दो व्यक्तियों के बीच एक पवित्र बंधन है, और इसकी सफलता उनके बीच की संगतता पर निर्भर करती है। कुंडली मिलान के माध्यम से, वर और वधू के जन्म नक्षत्रों और ग्रहों की स्थितियों का विश्लेषण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका दांपत्य जीवन सुखमय और समृद्ध हो। यह प्रक्रिया अष्टकूट मिलान या गुण मिलान के रूप में जानी जाती है, जिसमें कुल 36 गुणों का मिलान किया जाता है। सामान्यतः, 18 या उससे अधिक गुणों का मिलान एक सफल विवाह के लिए आवश्यक माना जाता है

अष्टकूट मिलान के घटक

अष्टकूट मिलान में आठ मुख्य घटक होते हैं, जो दांपत्य जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं:

1.    वर्ण (1 गुण)यह घटक वर और वधू के स्वभाव और आध्यात्मिक अनुकूलता को दर्शाता है।

2.    वास्य (2 गुण)यह दंपत्ति के बीच आकर्षण और नियंत्रण की क्षमता को इंगित करता है।

3.    तारा (3 गुण)यह घटक दोनों की जन्म नक्षत्रों की अनुकूलता और स्वास्थ्य को दर्शाता है।

4.    योनि (4 गुण)यह घटक यौन अनुकूलता और आपसी समझ को दर्शाता है।

5.    ग्रह मैत्री (5 गुण)यह वर और वधू के ग्रहों के बीच मित्रता और मानसिक अनुकूलता को दर्शाता है।

6.    गण (6 गुण)यह व्यक्तित्व और स्वभाव की अनुकूलता को इंगित करता है।

7.    भकूट (7 गुण)यह दांपत्य जीवन की समृद्धि, दीर्घायु और स्वास्थ्य को दर्शाता है।

8.    नाड़ी (8 गुण)यह संतान सुख और जैविक अनुकूलता को इंगित करता है।

कुंडली मिलान और स्वास्थ्य

कुंडली मिलान/Kundali matching के दौरान, कुछ दोषों की पहचान की जाती है जो दांपत्य जीवन और संतान सुख पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। इनमें से प्रमुख हैं:

·  नाड़ी दोषयह दोष तब उत्पन्न होता है जब वर और वधू की नाड़ी एक ही होती है। नाड़ी दोष संतान प्राप्ति में बाधा डाल सकता है और जीवनसाथियों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

·  मांगलिक दोषयदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थान पर स्थित होता है, तो इसे मांगलिक दोष कहा जाता है। यह दोष वैवाहिक जीवन में तनाव, विवाद और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।

इन दोषों की समय पर पहचान और उचित उपायों के माध्यम से उनके प्रभावों को कम किया जा सकता है, जिससे दांपत्य जीवन और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

कुंडली मिलान की प्रक्रिया

कुंडली मिलान के लिए वर और वधू की जन्म तिथि, समय और स्थान की जानकारी आवश्यक होती है। इन जानकारियों के आधार पर, उनकी जन्म कुंडलियों का निर्माण किया जाता है और फिर अष्टकूट मिलान के माध्यम से उनकी अनुकूलता का मूल्यांकन किया जाता है। आजकल, ऑनलाइन कुंडली मिलान सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह प्रक्रिया सरल हो गई है, लेकिन एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करना अधिक विश्वसनीय होता है।

कुंडली मिलान के लाभ

1.    संगत का मूल्यांकनवह प्रक्रिया वर और वधू के बीच मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक संगत का आकलन करती है, जिससे दांपत्य जीवन में सामंजस्य स्थापित होता है।

2.    संभावित समस्याओं की पूर्व जानकारीकुंडली मिलान के माध्यम से संभावित दोषों और उनके प्रभावों की पहचान की जा सकती है, जिससे समय रहते उपाय किए जा सकते हैं।

3.    स्वास्थ्य और संतान सुखयह प्रक्रिया दंपत्ति के स्वास्थ्य और संतान से संबंधित संभावनाओं का विश्लेषण करती है, जिससे भविष्य की योजनाओं में सहायता मिलती है।

4.    दांपत्य जीवन की समृद्धिसही कुंडली मिलान से दांपत्य जीवन में सुख, शांति और समृद्धि सुनिश्चित होती है।

कुंडली मिलान से संबंधित भ्रांतियाँ

वर्तमान समय में, कई लोग कुंडली मिलान को केवल एक औपचारिकता मानते हैं या इसे अवैज्ञानिक समझते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुंडली मिलान एक गहन ज्योतिषीय विज्ञान पर आधारित प्रक्रिया है, जो हजारों वर्षों से प्रचलित है। यह केवल दांपत्य जीवन की सफलता को बढ़ावा देता है, बल्कि संभावित समस्याओं की पूर्व जानकारी देकर उन्हें हल करने में भी सहायता करता है।

निष्कर्ष

कुंडली मिलान केवल विवाह की सफलता के लिए आवश्यक है, बल्कि यह ज्योतिष में स्वास्थ्य समस्याएं और संतान सुख को सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह प्रक्रिया वर और वधू के बीच मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक संगतता का आकलन करती है, जिससे दांपत्य जीवन में सामंजस्य स्थापित होता है।

कुंडली मिलान के माध्यम से संभावित दोषों की पहचान कर, समय पर उचित उपाय किए जा सकते हैं, जो भविष्य में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को कम करने में सहायक होते हैं। अतः, विवाह से पूर्व कुंडली मिलान करवाना एक समझदारी भरा कदम है, जो सुखमय और स्वस्थ दांपत्य जीवन की नींव रखता है।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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यदि कुंडली मिलान के अंक कम हैं तो क्या करें https://kundlihindi.com/blog/what-to-do-if-kundali-milan-points-are-low/ https://kundlihindi.com/blog/what-to-do-if-kundali-milan-points-are-low/#respond Wed, 05 Mar 2025 06:59:09 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3428 कुंडली मिलान भारतीय विवाह प्रथा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विशेष रूप से हिंदू धर्म में, विवाह से पहले दो व्यक्तियों की कुंडली मिलाकर उनकी जोड़ी के साथ संतान सुख, जीवन की सुख–शांति और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है। इस प्रक्रिया में कुंडली मिलान की भूमिका अहम होती है, जहां दोनों की...

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कुंडली मिलान भारतीय विवाह प्रथा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विशेष रूप से हिंदू धर्म में, विवाह से पहले दो व्यक्तियों की कुंडली मिलाकर उनकी जोड़ी के साथ संतान सुख, जीवन की सुखशांति और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है। इस प्रक्रिया में कुंडली मिलान की भूमिका अहम होती है, जहां दोनों की कुंडलियों के विभिन्न गुणों का मिलान किया जाता है। आमतौर पर इसे 36 गुणों के आधार पर किया जाता है, जिसमें से अधिकतम अंक मिलने पर विवाह को शुभ माना जाता है।

लेकिन यदि कुंडली मिलान के अंक कम आते हैं, तो क्या करना चाहिए? क्या यह विवाह को रुकवा सकता है, या फिर इसका कोई समाधान है? इस लेख में ड़ॉ विनय बजरंगी इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

कुंडली मिलान के लिए गुणों का महत्व

कुंडली मिलान में कुल 36 गुणों का मिलान किया जाता है, और प्रत्येक गुण के मिलने से जो अंक मिलते हैं, वे जीवन के विभिन्न पहलुओं की भविष्यवाणी करते हैं। इनमें से प्रमुख गुणों में शामिल हैं:

  1. वांशिक गुण: यह गुण परिवारिक जीवन की सुखशांति और संतान सुख से संबंधित होता है।
  2. धन और सुख का गुण: यह गुण आर्थिक स्थिति और जीवन की भौतिक सुखसमृद्धि को दर्शाता है।
  3. स्वास्थ्य और आयु: यह गुण दोनों व्यक्तियों की स्वास्थ्य स्थिति और जीवनकाल की संभावनाओं का निर्धारण करता है।

जब दोनों की कुंडली में इन गुणों का मिलान होता है, तो यह माना जाता है कि विवाह एक सुखमय जीवन की ओर अग्रसर होगा। हालांकि, यदि मिलान के अंक कम हैं, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।

कुंडली मिलान के अंक कम होने पर क्या करें?

अगर कुंडली मिलान में अंक कम हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि विवाह रुक जाएगा। इस स्थिति में कई उपाय और समाधान उपलब्ध हैं, जिन्हें अपनाकर इस समस्या को हल किया जा सकता है:

1.      मांगलिक दोष का निराकरण: अगर किसी की कुंडली में मांगलिक दोष (मंगल दोष) हो, तो यह विवाह में बाधा डाल सकता है। इस दोष को शांत करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं जैसे कि मांगलिक दोष का पारण (मंगल दोष का निवारण) इसके लिए व्रत, पूजा, हवन या विशेष तंत्रमंत्र का पालन किया जा सकता है।

2.      विवाह के लिए ज्योतिष उपाय: अगर कुंडली में विवाह के अंक कम हो, तो विवाह के लिए  ज्योतिष उपाय की सलाह दे सकते हैं। इन उपायों में विशेष रूप से ग्रहों की स्थिति को सुधारने के लिए रत्न पहनना, यज्ञ करना, या तंत्रमंत्र का पालन करना शामिल हो सकता है।

3.      कुंडली में विवाह में देरी: कुछ मामलों में, कुंडली मिलान में अंक कम होने के कारण विवाह में देरी हो सकती है। इसके लिए ज्योतिषी अक्सर विशेष समय पर शादी करने की सलाह देते हैं, जब ग्रहों की स्थिति अनुकूल हो। ऐसे में विवाह को स्थगित करने के बजाय, उचित समय का चुनाव करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

4.      कुंडली मिलान के लिए ऑनलाइन रिपोर्ट: वर्तमान में, ऑनलाइन कुंडली मिलान सेवाएं उपलब्ध हैं। इस सेवा से आप अपने विवाह के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि मिलान के अंक, कुंडली में ग्रहों की स्थिति, और विवाह से जुड़ी अन्य जानकारी। वेबसाइटें मुफ्त कुंडली मिलान सेवा भी प्रदान करती हैं, जिनके माध्यम से आप अपने जीवन साथी से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

5.      शादी के लिए कुंडली मिलान: विवाह से पहले कुंडली मिलान करवाना जरूरी है, लेकिन जब अंक कम होते हैं, तो इससे निराश होने की बजाय सावधानी से निर्णय लेना चाहिए। कभीकभी कुंडली के कुछ विशेष पहलू जैसे कि गुण मिलान के कम अंक, कुछ समय के लिए विवाह में देरी का संकेत दे सकते हैं, लेकिन ऐसे मामलों में ज्योतिषी की सलाह और उचित उपाय से इस स्थिति को सुधारा जा सकता है।

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क्या कुंडली मिलान के अंक कम होने से शादी पर असर पड़ता है?

कुंडली मिलान के अंक कम होने का मतलब यह नहीं है कि शादी नहीं होगी। ज्योतिषशास्त्र में इसे एक संकेत के रूप में देखा जाता है, जिसका समाधान उपायों के माध्यम से किया जा सकता है। जब कुंडली में किसी विशेष दोष की पहचान होती है, तो ज्योतिषी उस दोष को निवारण करने के लिए उपयुक्त उपाय सुझाते हैं।

मेरे शादी कब होगी जैसे सवालों का जवाब भी ज्योतिषी कुंडली के आधार पर दे सकते हैं। कई बार, कुंडली में ग्रहों की स्थिति का प्रभाव विवाह पर पड़ता है, और इस स्थिति को सुधारने के लिए समय, स्थान और ग्रहों की स्थिति पर ध्यान दिया जाता है।

निष्कर्ष

कुंडली मिलान/kundli milan भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो विवाह को लेकर संभावित समस्याओं और समाधान का संकेत देती है। यदि कुंडली मिलान के अंक कम हैं, तो यह चिंता का कारण हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि विवाह रुक जाएगा। ज्योतिषी की मदद से और कुछ खास उपायों को अपनाकर इस स्थिति को सुधारा जा सकता है। कुंडली मिलान के लिए ऑनलाइन रिपोर्ट और मुफ्त कुंडली मिलान सेवाएं इस प्रक्रिया को सरल और सुलभ बना सकती हैं, जिससे आपको अपने विवाह के बारे में सही निर्णय लेने में मदद मिल सकती है।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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पढ़ें आज का पंचांग और राशिफल: जानें क्या कहता है आपका भाग्य https://kundlihindi.com/blog/aaj-ka-panchang-aur-rashifal/ https://kundlihindi.com/blog/aaj-ka-panchang-aur-rashifal/#respond Fri, 07 Feb 2025 08:29:34 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3358 भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का विशेष महत्व होता है। यह हमें दिन, तिथि, नक्षत्र, योग, और करण की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिससे हम अपने दिनचर्या को शुभ कार्यों के अनुसार व्यवस्थित कर सकते हैं। वहीं, राशिफल हमें ग्रहों की चाल और उनकी स्थिति के आधार पर भविष्य में होने वाली घटनाओं के...

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भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का विशेष महत्व होता है। यह हमें दिन, तिथि, नक्षत्र, योग, और करण की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिससे हम अपने दिनचर्या को शुभ कार्यों के अनुसार व्यवस्थित कर सकते हैं। वहीं, राशिफल हमें ग्रहों की चाल और उनकी स्थिति के आधार पर भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत देता है। तो आइए जानते हैं आज का पंचांग और राशिफल।

आज का पंचांग

आज का पंचांग अमुक तथा माहात्वीय जीवन की विविधियां को बताता है। इस में तिथि दिन, वर्ष, नक्षत्र, योग, करण आदि अन्य जीवनि चर्चाॏकों की जानकारी मिलती है। आईए जानते हैं कि आज की तिथि क्या है और कौन से कोन-कोन सुभ सम्बन्धि है।

आज का राशिफल

आज का राशिफल जोतिष के अनुसार दिन के कार्याक्रमों, व्यवहार और संभावों की जानकारी देता है। यह बताता है कि किस राशि के लोगों के लिए आज का दिन कैसा रहेगा। आईए जानते हैं कि कौन से किस का भाग्य पोष्टिव हो सकता है और किस को सावधान रखना चाहिए।

आज के राशिफल को पढ़ा कर अपने दिन की योजना करें और बहुत करें यह दिन आपके लिए कैसा रहेगा।

आज का पंचांग

तिथि और वार

  • तिथि: द्वितीया
  • वार: बुधवार
  • नक्षत्र: रोहिणी
  • योग: शुभ
  • करण: गर
  • सूर्य और चंद्रमा की स्थिति: सूर्य मकर राशि में और चंद्रमा वृषभ राशि में स्थित है।
  • राहुकाल: 12:00 PM से 01:30 PM तक (इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचें)
  • अभिजीत मुहूर्त: 11:45 AM से 12:30 PM तक (शुभ कार्यों के लिए उत्तम समय)

12 राशियों का राशिफल

मेष (Aries)

आज का दिन आपके लिए उत्साहजनक रहेगा। कार्यक्षेत्र में नई संभावनाएं बनेंगी। नौकरी में प्रमोशन मिलने के योग हैं। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।

वृषभ (Taurus)

आज का दिन मिश्रित फल देने वाला होगा। धन संबंधी मामलों में सावधानी बरतें। किसी से भी उधार लेने और देने से बचें। पारिवारिक जीवन में कुछ तनाव हो सकता है। सेहत का ध्यान रखें, अधिक तैलीय भोजन से परहेज करें।

मिथुन (Gemini)

आज का दिन व्यस्तता से भरा रहेगा। करियर में सफलता मिलेगी। व्यापार में लाभ के योग हैं। जीवनसाथी के साथ कुछ अनबन हो सकती है, लेकिन धैर्य से काम लें। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।

कर्क (Cancer)

आज का दिन लाभकारी रहेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। नौकरी में प्रमोशन या वेतन वृद्धि के संकेत हैं। परिवार में कोई शुभ समाचार मिल सकता है। सेहत सामान्य रहेगी।

सिंह (Leo)

आज का दिन आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मानसिक तनाव बढ़ सकता है। खर्चों पर नियंत्रण रखें। पारिवारिक जीवन में मधुरता बनी रहेगी। विद्यार्थियों के लिए दिन शुभ है। स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव रह सकता है।

कन्या (Virgo)

आज का दिन शुभ रहेगा। कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग हैं। निवेश के लिए अच्छा समय है। प्रेम विवाह जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे। परिवार में खुशहाली रहेगी। सेहत उत्तम बनी रहेगी।

तुला (Libra)

आज का दिन मिलाजुला रहेगा। व्यापारियों को लाभ मिलेगा। धन लाभ के योग हैं। वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहेगी। विद्यार्थियों के लिए दिन शुभ रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

वृश्चिक (Scorpio)

आज का दिन उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। भावनात्मक रूप से अस्थिर रह सकते हैं। धन हानि की संभावना है, सतर्क रहें। कार्यस्थल पर विवाद से बचें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

धनु (Sagittarius)

आज का दिन लाभकारी रहेगा। विदेश यात्रा के योग हैं। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। नौकरीपेशा लोगों को नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।

मकर (Capricorn)

आज का दिन सामान्य रहेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। किसी पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है। परिवार में शांति बनी रहेगी। स्वास्थ्य समस्याएं के प्रति सचेत रहें।

कुंभ (Aquarius)

आज का दिन अनुकूल रहेगा। व्यापार में सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा लोगों को नई परियोजनाओं में सफलता मिलेगी। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

मीन (Pisces)

आज का दिन सतर्क रहने की सलाह देता है। किसी भी निर्णय को सोच-समझकर लें। आर्थिक मामलों में सतर्कता बरतें। पारिवारिक जीवन में थोड़ा तनाव रह सकता है। सेहत का ध्यान रखें।। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा

निष्कर्ष

आज का पंचांग और राशिफल आपको अपने दिन को सही तरीके से व्यवस्थित करने में मदद कर सकता है। ग्रहों की चाल और पंचांग और जन्म कुंडली अनुसार शुभ समय पर कार्य करने से सफलता प्राप्त हो सकती है। सभी राशियों के जातकों को अपने कार्यों में धैर्य और संयम बनाए रखने की सलाह दी जाती है।

हर दिन नई ऊर्जा और नई संभावनाओं के साथ आता है, इसलिए आत्मविश्वास के साथ अपने कार्यों को पूरा करें। शुभ दिन और शुभकामनाएं!

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जन्म तिथि के आधार पर मेरी विवाह अनुकूलता क्या है? https://kundlihindi.com/blog/janam-tithi-se-kundli-milan/ https://kundlihindi.com/blog/janam-tithi-se-kundli-milan/#respond Wed, 08 Jan 2025 06:04:08 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3285 विवाह भारतीय परंपरा में सिर्फ एक सामाजिक अनुबंध नहीं है; यह दो आत्माओं और परिवारों का गहरा संबंध है। इसे सफल और सुखमय बनाने के लिए ज्योतिष का सहारा लिया जाता है। जन्म तिथि के आधार पर कुंडली मिलान और विवाह अनुकूलता का अध्ययन करना न केवल एक प्राचीन परंपरा है, बल्कि यह वैवाहिक जीवन...

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विवाह भारतीय परंपरा में सिर्फ एक सामाजिक अनुबंध नहीं है; यह दो आत्माओं और परिवारों का गहरा संबंध है। इसे सफल और सुखमय बनाने के लिए ज्योतिष का सहारा लिया जाता है। जन्म तिथि के आधार पर कुंडली मिलान और विवाह अनुकूलता का अध्ययन करना केवल एक प्राचीन परंपरा है, बल्कि यह वैवाहिक जीवन में स्थिरता और सामंजस्य लाने का एक प्रभावी तरीका भी है। इस लेख में, हम जन्म तिथि के आधार पर विवाह अनुकूलता, विवाह के समय, प्रेम विवाह की संभावनाएं, और विवाह के बाद स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की भविष्यवाणी के विषय में विस्तार से जानेंगे।

विवाह अनुकूलता का महत्व

विवाह अनुकूलता का मतलब है दो व्यक्तियों के बीच मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक संतुलन। यदि कुंडली मिलान/Kundali Matching सही तरीके से किया जाए, तो यह भविष्य के संघर्षों को कम कर सकता है और दांपत्य जीवन को सुखमय बना सकता है। कुंडली मिलान में जन्म तिथि का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, जन्म तिथि से प्राप्त कुंडली के आधार पर यह समझा जा सकता है कि आप और आपका साथी एकदूसरे के लिए कितने उपयुक्त हैं।

कुंडली मिलान में 36 गुणों का मिलान किया जाता है। यदि 18 से अधिक गुण मेल खाते हैं, तो यह विवाह के लिए शुभ संकेत माना जाता है। गुण मिलान के अलावा, मांगलिक दोष, सप्तम भाव, और ग्रहों की स्थिति का अध्ययन भी विवाह अनुकूलता तय करने में सहायक होते हैं।

मेरी शादी किस उम्र में होगी?

शादी का समय हर व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण सवाल होता है। जन्म कुंडली में सप्तम भाव को विवाह का भाव माना जाता है। यह भाव और इसमें उपस्थित ग्रह यह संकेत देते हैं कि आपकी शादी जल्दी होगी या देर से।

1.    जल्दी विवाह:
यदि सप्तम भाव में शुक्र या गुरु शुभ स्थिति में हैं, तो आपकी शादी जल्दी हो सकती है।

2.    देर से विवाह:
शनि या राहु का प्रभाव सप्तम भाव पर हो तो विवाह में विलंब हो सकता है।

3.    दशा और महादशा का प्रभाव:
ग्रहों की दशा और महादशा भी यह तय करती है कि शादी कब होगी। उदाहरण के लिए, शुक्र की महादशा विवाह के योग को प्रबल बनाती है।

यदि आपकी कुंडली में विवाह देर का योग है, तो ज्योतिषीय उपाय जैसे पूजा, मंत्र जप, और ग्रह शांति के उपाय से इस समस्या को दूर किया जा सकता है।

जन्म कुंडली से प्रेम विवाह की भविष्यवाणी कैसे करें?

प्रेम विवाह का योग आपकी जन्म कुंडली में मौजूद पंचम और सप्तम भाव के संबंधों से समझा जा सकता है।

1.    पंचम और सप्तम भाव का जुड़ाव:
यदि पंचम भाव (प्रेम) और सप्तम भाव (विवाह) के स्वामी आपस में संबंध रखते हैं, तो प्रेम विवाह के योग प्रबल होते हैं।

2.    ग्रहों का प्रभाव:

o    शुक्र और चंद्रमा की शुभ स्थिति प्रेम विवाह का संकेत देती है।

o    राहु का पंचम भाव में होना जातक को पारंपरिक विवाह से अलग कुछ करने की प्रेरणा देता है।

3.    विशेष योग:
नवांश कुंडली में शुक्र और मंगल का संयोजन प्रेम विवाह को दर्शाता है।

प्रेम विवाह का योग और अधिक स्पष्ट करने के लिए कुंडली का गहराई से अध्ययन करना जरूरी है। यदि प्रेम विवाह में बाधाएं रही हों, तो ज्योतिषीय उपाय जैसे मंत्र जाप और विशेष पूजा से इन्हें हल किया जा सकता है।

ज्योतिष में विवाह के बाद स्वास्थ्य समस्याओं की भविष्यवाणी कैसे करें?

विवाह के बाद का जीवन केवल भावनात्मक संतुलन पर ही नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है। ज्योतिष में कुंडली के छठे और आठवें भाव का विश्लेषण यह जानने में मदद करता है कि विवाह के बाद स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं या नहीं।

1.    छठा भाव (रोग भाव):
यह भाव स्वास्थ्य और रोगों से जुड़ा होता है। यदि इस भाव में शनि या राहु का प्रभाव है, तो यह स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत देता है।

2.    आठवां भाव (आयु और संकट):
यह भाव जीवन की लंबी अवधि और स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी समस्याओं का प्रतिनिधित्व करता है।

3.    ग्रहों का अशुभ प्रभाव:

o    अगर मंगल और शनि की स्थिति प्रतिकूल है, तो विवाह के बाद स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं हो सकती हैं।

o    राहु और केतु का प्रभाव मानसिक तनाव बढ़ा सकता है।

उपाय:

·  नवग्रह शांति पूजा करें।

·  रोजाना महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

·  किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लें।

कुंडली मिलान और ज्योतिषीय उपायों का महत्व

जन्म तिथि के आधार पर विवाह अनुकूलता का अध्ययन यह सुनिश्चित करता है कि विवाह से जुड़ी समस्याओं का समाधान समय रहते किया जा सके। कुंडली मिलान से केवल वैवाहिक जीवन की सफलता सुनिश्चित होती है, बल्कि यह जीवनसाथी के साथ सामंजस्य और मानसिक शांति भी प्रदान करता है।

महत्वपूर्ण बिंदु:

·  गुण मिलान: 36 गुणों में कम से कम 18 का मेल आवश्यक है।

·  मांगलिक दोष का अध्ययन: मांगलिक दोष को संतुलित करने के उपाय जैसे विशेष पूजा।

·  संतान और स्वास्थ्य योग: विवाह के बाद संतान सुख और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी कुंडली मिलान से प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

जन्म तिथि के आधार पर विवाह का अध्ययन एक प्रभावी तरीका है जिससे आप अपने वैवाहिक जीवन को सफल बना सकते हैं। कुंडली और ग्रहों की स्थिति का सही आकलन यह सुनिश्चित करता है कि आप और आपका जीवनसाथी एक दूसरे के लिए उपयुक्त हैं।

यदि आप जानना चाहते हैं कि आपकी शादी किस उम्र में होगी, आपकी कुंडली में प्रेम विवाह के योग हैं या नहीं, और विवाह के बाद स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान कैसे हो सकता है, तो आज ही किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श लें।

क्या आप अपनी कुंडली के माध्यम से अपनी विवाह अनुकूलता का विश्लेषण करना चाहते हैं? अभी अपनी कुंडली मिलान के लिए ज्योतिषीय उपाय और अपने विवाह को सफल और सुखमय बनाएं।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल वैवाहिक आनंद प्रदान करें।

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भारतीय वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए कुंडली मिलान की प्रक्रिया को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। यह प्रक्रिया वर और वधू की कुंडलियों के आधार पर उनकी संगति, वैवाहिक जीवन की सफलता, और पारिवारिक सामंजस्य का विश्लेषण करती है। इसमें कुल 36 गुण होते हैं, जिनका विवाह के लिए कुंडली मिलान किया जाता है। लेकिन सवाल यह है कि सफल विवाह के लिए कितने गुणों का मिलान होना आवश्यक है? आइए इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से समझते हैं।

गुण मिलान: क्या है इसका महत्व?

गुण मिलान कोअष्टकूट मिलानकहा जाता है, जो वर और वधू की जन्म कुंडली के आठ अलगअलग पहलुओं का विश्लेषण करता है। ये पहलू हैं:

1.    वर्ण (1 गुण): मानसिक संगति का विश्लेषण।

2.    वश्य (2 गुण): एकदूसरे पर प्रभाव डालने की क्षमता।

3.    तारा (3 गुण): स्वास्थ्य और समृद्धि की अनुकूलता।

4.    योनि (4 गुण): शारीरिक और मानसिक संगति।

5.    ग्रह मैत्री (5 गुण): ग्रहों की आपसी अनुकूलता।

6.    गण (6 गुण): स्वभाव और व्यक्तित्व की समानता।

7.    भकूट (7 गुण): वैवाहिक समृद्धि और पारिवारिक जीवन।

8.    नाड़ी (8 गुण): स्वास्थ्य और संतान से जुड़ी अनुकूलता।

सफल विवाह के लिए कितने गुणों का मिलान आवश्यक है?

36 गुणों में से कम से कम 18 गुणों का मिलान होना सफल विवाह के लिए आवश्यक माना जाता है। यदि 18 या उससे अधिक गुण मिलते हैं, तो यह माना जाता है कि वर और वधू के बीच पर्याप्त संगति है।

गुण मिलान के स्तर के आधार पर परिणाम:

·  18-24 गुण: सामान्य संगति, विवाह संभव।

·  25-32 गुण: अच्छा सामंजस्य, सुखी वैवाहिक जीवन।

·  33-36 गुण: उत्कृष्ट संगति, आदर्श विवाह।

यदि 18 से कम गुण मिलते हैं, तो विवाह ज्योतिषी सलाह आवश्यक होती है।

क्या गुण मिलान ही पर्याप्त है?

हालांकि गुण मिलान महत्वपूर्ण है, लेकिन केवल इसी के आधार पर वैवाहिक सफलता की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। अन्य ज्योतिषीय कारक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे:

·  मांगलिक दोष का विश्लेषण: मंगल ग्रह की स्थिति वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकती है।

·  दशा और अंतरदशा का अध्ययन: विवाह के समय और वैवाहिक जीवन पर ग्रह दशाओं का प्रभाव।

·  सातवें भाव का अध्ययन: यह भाव विवाह और जीवन साथी से संबंधित होता है।

·  चंद्रमा की स्थिति: मानसिक स्थिरता और भावनात्मक संतुलन के लिए चंद्रमा का महत्व।

गुण मिलान होने पर क्या करें?

यदि गुण मिलान में कम अंक आते हैं, तो इसका अर्थ यह नहीं है कि विवाह सफल नहीं होगा। ज्योतिषीय उपाय और मंत्रों के माध्यम से दोषों का निवारण किया जा सकता है।

·  पारंपरिक उपाय: विशेष पूजा और हवन।

·  मंत्र जाप: दोषों को कम करने के लिए मंत्र जाप।

·  रत्न धारण: ग्रहों की अनुकूलता बढ़ाने के लिए रत्न धारण।

·  सामाजिक दृष्टिकोण: ज्योतिषीय उपायों के साथसाथ व्यक्तिगत समझ और सामंजस्य भी जरूरी है।

नाड़ी दोष और भकूट दोष का महत्व

गुण मिलान में नाड़ी दोष और भकूट दोष विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं।

·  नाड़ी दोष: यह दोष संतान और स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है। इसे हवन, पूजा, या मंत्र जाप से ठीक किया जा सकता है।

·  भकूट दोष: यह दोष वैवाहिक जीवन की समृद्धि को प्रभावित कर सकता है। इसे ज्योतिषीय उपायों से कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष

सफल विवाह के लिए गुण मिलान महत्वपूर्ण है, लेकिन यह वैवाहिक सफलता का एकमात्र आधार नहीं है। अन्य ज्योतिषीय और व्यक्तिगत पहलुओं को भी ध्यान में रखना चाहिए।

यदि आप अपने विवाह के लिए गुण मिलान या कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहते हैं, तो किसी विशेषज्ञ विवाह के लिए ज्योतिषी से परामर्श लें। इससे केवल दोषों का निवारण होगा, बल्कि एक सुखद और सफल वैवाहिक जीवन का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल वैवाहिक आनंद प्रदान करें।

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