kundali hindi Archives - KundliHindi https://kundlihindi.com/tag/kundali-hindi/ My WordPress Blog Wed, 29 Jan 2025 06:49:03 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://i0.wp.com/kundlihindi.com/wp-content/uploads/2022/11/cropped-kundlihindi.png?fit=32%2C32&ssl=1 kundali hindi Archives - KundliHindi https://kundlihindi.com/tag/kundali-hindi/ 32 32 214685846 कुंडली मिलान: सफल विवाह के लिए कितना आवश्यक? https://kundlihindi.com/blog/kundali-milan/ https://kundlihindi.com/blog/kundali-milan/#respond Wed, 29 Jan 2025 06:49:03 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3326 भारतीय संस्कृति में विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों के मध्य एक पवित्र बंधन होता है। इस बंधन को मजबूत और सुखद बनाने के लिए कई परंपराएं निभाई जाती हैं, जिनमें से एक प्रमुख परंपरा है कुंडली मिलान। यह एक प्राचीन वैदिक प्रक्रिया है, जो दो व्यक्तियों के बीच ग्रहों और...

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भारतीय संस्कृति में विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों के मध्य एक पवित्र बंधन होता है। इस बंधन को मजबूत और सुखद बनाने के लिए कई परंपराएं निभाई जाती हैं, जिनमें से एक प्रमुख परंपरा है कुंडली मिलान। यह एक प्राचीन वैदिक प्रक्रिया है, जो दो व्यक्तियों के बीच ग्रहों और नक्षत्रों के आधार पर सामंजस्य को मापती है। लेकिन क्या यह वास्तव में एक सफल विवाह के लिए अनिवार्य है? आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।

कुंडली मिलान क्या है?

कुंडली मिलान, जिसे गुण मिलान भी कहा जाता है, विवाह के लिए वर और वधू की जन्म कुंडलियों का तुलनात्मक अध्ययन है। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से हिंदू धर्म में प्रचलित है और इसमें दोनों व्यक्तियों की जन्म तिथि, समय और स्थान के आधार पर कुंडली बनाई जाती है। इसके माध्यम से यह निर्धारित किया जाता है कि दोनों व्यक्ति विवाह के लिए कितने अनुकूल हैं।

कुंडली मिलान का महत्व

कुंडली मिलान का मुख्य उद्देश्य वैवाहिक जीवन में संतुलन और सामंजस्य बनाए रखना है। यह निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण माना जाता है:

  1. गुण मिलान: कुंडली मिलान में मुख्य रूप से अष्टकूट मिलान पद्धति का प्रयोग किया जाता है, जिसमें आठ प्रकार के गुणों का मिलान किया जाता है। कुल 36 गुणों में से कम से कम 18 गुण मिलने चाहिए ताकि विवाह सफल हो सके।
  2. दांपत्य जीवन की अनुकूलता: कुंडली मिलान से यह पता चलता है कि दंपति के बीच आपसी समझ, प्रेम और मानसिक सामंजस्य कैसा रहेगा।
  3. स्वास्थ्य और संतान योग: कुंडली मिलान से यह भी ज्ञात किया जाता है कि विवाह के बाद संतान प्राप्ति में कोई बाधा तो नहीं आएगी और दंपति का स्वास्थ्य कैसा रहेगा।
  4. मांगलिक दोष: यदि किसी की कुंडली में मांगलिक दोष हो, तो यह वैवाहिक जीवन में समस्याएं ला सकता है। इस दोष को विशेष पूजा और उपायों के माध्यम से संतुलित किया जाता है।
  5. आर्थिक स्थिरता: कुंडली मिलान से यह भी अनुमान लगाया जाता है कि विवाह के बाद आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी और क्या दोनों जीवनसाथी मिलकर आर्थिक उन्नति कर पाएंगे।

क्या कुंडली मिलान के बिना विवाह असफल होता है?

यह प्रश्न हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। कई उदाहरण हैं जहां बिना कुंडली/kundali मिलान के भी विवाह सफल रहे हैं, और कई मामलों में कुंडली मिलान के बावजूद विवाह असफल हो गए हैं। यह दर्शाता है कि कुंडली मिलान केवल एक मार्गदर्शक उपकरण है, जो संभावित समस्याओं के बारे में जागरूक करता है, लेकिन यह किसी विवाह की सफलता या असफलता की अंतिम गारंटी नहीं है।

वास्तव में, एक सफल विवाह के लिए निम्नलिखित कारक अधिक महत्वपूर्ण होते हैं:

  1. आपसी समझ और समर्पण: किसी भी संबंध को मजबूत बनाए रखने के लिए आपसी समझ और समर्पण अत्यंत आवश्यक हैं।
  2. संचार और विश्वास: एक-दूसरे से खुलकर बात करना और आपसी विश्वास बनाए रखना विवाह की सफलता का आधार है।
  3. सामाजिक और पारिवारिक समर्थन: परिवारों का सहयोग भी वैवाहिक जीवन में स्थिरता लाने में सहायक होता है।
  4. स्नेह और प्रेम: प्रेम और स्नेह के बिना कोई भी संबंध लंबे समय तक नहीं टिक सकता।

आधुनिक परिप्रेक्ष्य में कुंडली मिलान

आज के समय में लोग वैज्ञानिक सोच को अधिक महत्व देने लगे हैं और रिश्तों को आपसी समझ और भावनात्मक अनुकूलता के आधार पर परखने लगे हैं।जो दो व्यक्तियों के बीच ग्रहों और नक्षत्रों के आधार पर सामंजस्य को मापती है  फिर भी, कई परिवार आज भी कुंडली मिलान को विवाह का एक अनिवार्य हिस्सा मानते हैं।

निष्कर्ष

कुंडली मिलान निश्चित रूप से वैवाहिक जीवन की अनुकूलता को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, लेकिन यह विवाह की सफलता की गारंटी नहीं है। प्रेम विवाह को सफल बनाने के लिए दोनों पक्षों का आपसी सम्मान, प्रेम, समझ और सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जन्म कुंडली मिलान को एक मार्गदर्शन के रूप में अपनाना चाहिए, लेकिन इसे अंतिम निर्णय का आधार नहीं बनाना चाहिए।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल वैवाहिक आनंद प्रदान करें।

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बच्चों की कुंडली और उनका भविष्य: ज्योतिष का महत्व https://kundlihindi.com/blog/bacchon-ki-kundali-or-unka-bhavishya/ https://kundlihindi.com/blog/bacchon-ki-kundali-or-unka-bhavishya/#respond Tue, 28 Jan 2025 07:09:01 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3322 बच्चों के जीवन में ज्योतिष और कुंडली का महत्व भारतीय संस्कृति और परंपरा में गहराई से जुड़ा हुआ है। जन्म से ही हर माता-पिता अपने बच्चे के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। इस उद्देश्य से, बच्चे के जन्म के तुरंत बाद उनकी कुंडली बनाई जाती है। कुंडली न केवल बच्चे की व्यक्तिगत विशेषताओं को...

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बच्चों के जीवन में ज्योतिष और कुंडली का महत्व भारतीय संस्कृति और परंपरा में गहराई से जुड़ा हुआ है। जन्म से ही हर माता-पिता अपने बच्चे के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। इस उद्देश्य से, बच्चे के जन्म के तुरंत बाद उनकी कुंडली बनाई जाती है। कुंडली न केवल बच्चे की व्यक्तिगत विशेषताओं को जानने का एक माध्यम है, बल्कि यह उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे शिक्षा, करियर, स्वास्थ्य, विवाह और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने में भी सहायक होती है। इस ब्लॉग में, हम बच्चों की कुंडली और उनके भविष्य के निर्माण में ज्योतिष के महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

कुंडली क्या है?

कुंडली, जिसे जन्मपत्रिका या हॉरोस्कोप भी कहा जाता है, एक चार्ट या आरेख होता है जो बच्चे के जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को दर्शाता है। कुंडली में 12 भाव (घर) होते हैं, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके साथ ही, ग्रहों की स्थिति और उनकी चाल को देखकर यह बताया जाता है कि उनका बच्चे के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

कुंडली कैसे बनाई जाती है?

कुंडली बनाने के लिए बच्चे का जन्म समय, जन्म स्थान, और जन्म तिथि की आवश्यकता होती है। इन जानकारियों के आधार पर, ज्योतिषी कुंडली का निर्माण करते हैं। यह प्रक्रिया अत्यंत सटीकता की मांग करती है क्योंकि छोटी सी गलती भी कुंडली के परिणामों को प्रभावित कर सकती है।

बच्चों की कुंडली का महत्व

1. स्वभाव और व्यक्तित्व का निर्धारण

बच्चे की कुंडली उनके स्वभाव और व्यक्तित्व के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। यह दर्शाती है कि बच्चा बुद्धिमान, रचनात्मक, संवेदनशील, या साहसी होगा। इससे माता-पिता को अपने बच्चे को बेहतर समझने और उनकी परवरिश में मदद मिलती है।

2. शिक्षा और करियर

कुंडली से बच्चे की शिक्षा और करियर ज्योतिषी के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है। कौन से विषय बच्चे के लिए उपयुक्त होंगे, उनका झुकाव किन क्षेत्रों में है, और उनका करियर किस दिशा में जाएगा, इन सभी सवालों के जवाब कुंडली में छुपे होते हैं।

3. स्वास्थ्य की जानकारी

कुंडली बच्चे के स्वास्थ्य की स्थिति का भी पूर्वानुमान देती है। जन्म के समय कुछ ग्रहों की स्थिति यह संकेत दे सकती है कि बच्चे को किन बीमारियों का खतरा हो सकता है। इससे माता-पिता पहले से सतर्क हो सकते हैं और बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं।

4. सही समय पर सही निर्णय

ज्योतिष और कुंडली  माता-पिता को सही समय पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करती है। चाहे वह बच्चे की शिक्षा से जुड़ा हो या विवाह से, कुंडली के आधार पर निर्णय लेना सही साबित हो सकता है।

कुंडली के मुख्य घटक

1. लग्न (असेन्डेंट)

कुंडली का पहला घर, जिसे लग्न कहा जाता है, बच्चे के व्यक्तित्व और जीवन की मूलभूत दिशा को दर्शाता है। यह बताता है कि बच्चा जीवन में कैसे कार्य करेगा और उसकी सोचने की क्षमता कैसी होगी।

2. ग्रहों की स्थिति

सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों की स्थिति बच्चे के जीवन के हर पहलू पर प्रभाव डालती है। इन ग्रहों का स्थान, चाल, और दृष्टि (एस्पेक्ट) बच्चे के भविष्य को आकार देती है।

3. नक्षत्र

27 नक्षत्र बच्चों की कुंडली का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। यह बच्चे के स्वभाव, सोचने की क्षमता, और जीवन के अन्य पहलुओं को प्रभावित करते हैं।

4. दशा और गोचर

दशा (ज्योतिषीय समय अवधि) और गोचर (ग्रहों की वर्तमान स्थिति) का अध्ययन यह बताने में मदद करता है कि बच्चे के जीवन में कौन-से समय पर कौन-सी घटनाएँ घट सकती हैं।

बच्चों की कुंडली के माध्यम से समस्याओं का समाधान

ज्योतिष केवल भविष्यवाणी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समस्याओं के समाधान में भी सहायक होता है।

1. शिक्षा में रुकावट

यदि बच्चे की पढ़ाई में बाधाएँ आ रही हैं, तो कुंडली का अध्ययन करके इसका कारण जाना जा सकता है। ग्रहों के उचित उपाय से इन समस्याओं को हल किया जा सकता है।

2. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ

स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या के संकेत मिलने पर उचित ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं, जैसे रत्न धारण करना या विशेष पूजा-अर्चना करना।

3. मानसिक तनाव

बच्चे के मानसिक तनाव को कम करने के लिए कुंडली के आधार पर सुझाव दिए जा सकते हैं, जैसे ध्यान, योग, या अन्य उपाय।

कुंडली और ज्योतिष के प्रति बढ़ती जागरूकता

आजकल की पीढ़ी में ज्योतिष और कुंडली/kundali के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। लोग इसे केवल अंधविश्वास न मानकर इसे एक विज्ञान के रूप में स्वीकार कर रहे हैं। ज्योतिष के माध्यम से माता-पिता अपने बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठा सकते हैं।

बच्चों की कुंडली बनवाने के टिप्स

  1. सटीक जानकारी दें: कुंडली बनाने के लिए बच्चे का जन्म समय और स्थान सटीक होना चाहिए।
  2. अनुभवी ज्योतिषी से संपर्क करें: कुंडली बनाने और उसका विश्लेषण करने के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी की मदद लें।
  3. समझदारी से उपाय करें: कुंडली में सुझाए गए उपायों को समझदारी से अपनाएँ।

निष्कर्ष

बच्चों की कुंडली उनके भविष्य को समझने और सही दिशा में मार्गदर्शन करने का एक सशक्त माध्यम है। यह माता-पिता को अपने बच्चों के व्यक्तित्व, स्वभाव, और संभावित चुनौतियों को समझने में मदद करती है। ज्योतिष के माध्यम से न केवल बच्चों के भविष्य की योजनाएँ बनाई जा सकती हैं, बल्कि जीवन में आने वाली बाधाओं का समाधान भी किया जा सकता है। भारतीय परंपरा में जनम कुंडली का महत्व सदियों से है, और आधुनिक समय में भी यह उतना ही प्रासंगिक है।

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल वैवाहिक आनंद प्रदान करें।

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बिना जन्म समय के अपनी कुंडली कैसे पता करें? https://kundlihindi.com/blog/bina-janam-samay-ki-apni-kundali-kaise-pata-kare/ https://kundlihindi.com/blog/bina-janam-samay-ki-apni-kundali-kaise-pata-kare/#respond Thu, 23 Jan 2025 12:20:45 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3315 ज्योतिषी शास्त्र में इसी कुंडली का हम ज्यादा विशेष महत्व देते हैं। यह हमारी जिंदगी के हर पहलू के बारे में जानकारी देती है। लेकिन इस कुंडली के बनाने के लिए सही जन्म समय का होना ज़रूरी है। अगर किसी को अपना सही जन्म समय नहीं पता है तो वह अपनी कुंडली बना सकता है?...

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ज्योतिषी शास्त्र में इसी कुंडली का हम ज्यादा विशेष महत्व देते हैं। यह हमारी जिंदगी के हर पहलू के बारे में जानकारी देती है। लेकिन इस कुंडली के बनाने के लिए सही जन्म समय का होना ज़रूरी है। अगर किसी को अपना सही जन्म समय नहीं पता है तो वह अपनी कुंडली बना सकता है? इसका उत्तर है “हां।” कुछ तरीके यह भी हैं जिनकी मदद से आप  बनाए बिना भी अपने भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस ब्लॉग में हम आपको इसके विभिन्न विकल्पों और तरीकों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

जन्म समय का महत्व क्यों है?

जन्म समय अधिकांशतः समान होने की आवश्यकता है, क्योंकि उनके माध्यम से ही राहु से लेकर शनि तक ग्रहों और बारहो के आठ नक्षत्रों की सटीक स्थिति खुलकर और स्पष्ट रूप होगी। ही आधार पर ही यह लग्न भी होगा और शेष दशाएँ मिलेंगी। लग्न कुंडली में पहला हाउस  भी होगा, जैसे के हमारी जीवन-प्रवृत्ति, व्यक्तित्व, और प्राथमिकताओं के मूलविषय होती है। गर कुंडली निर्मित करने हेतु संबंधी विशिष्ट विधियों पर ज्योतिषी ऐसा कर ही सकते हैं, यदि जन्म का समय उपलब्ध न हो।

विना जन्म समय के कुंडली जानने के तरीके 

अगर आपको अपना सही जन्म समय पता नहीं है, तो ज्योतिष में कुछ वैकल्पिक विधियाँ और तकनीकें हैं जिनकी मदद से आप अपनी कुंडली जान सकते हैं। नीचे इन तकनीकों को विस्तार से समझाया गया है।

  1. सूर्य कुंडली (Solar Chart)

यह सूर्य कुंडली तो बन सकती है, जन्म समय के बिना, ग्रह सूर्य सापेक्ष से होता है, राशि पूछी मान्य स्थान नहीं स्कोर बना। सूर्य कुंडली में बताया है वह या कि व्यक्तिगत चिंता/करियर में उस्ताद बनने, बाहर के जीवन वाला सही संवार करे देती हैं। यह काम कैसे करती है?

इस विधि में, ज्योतिषी आपके जन्म की तारीख और स्थान के आधार पर सूर्य के राशि परिवर्तन की स्थिति को देखते हैं। ज्योतिषीय उपाय से नौकरी ग्रहों की स्थिति निर्धारित होती है।

इसका उपयोग कब करें?

जब आपको अपने जन्म समय के बारे में कुछ भी जानकारी न हो, तब सूर्य कुंडली सबसे आसान और सटीक विकल्प होती है।

  1. चंद्र कुंडली (Lunar Chart)

आपको चंद्र कुंडली के लिए ज़रूरी तारीख़ और स्थान का पता काफ़ी होता है। उसमें चंद्रमा को केंद्र बिंदु पर रखकर वहां कुंडली की तैयारी होती है। चंद्र कुंडली मानसिक स्वाभाव, भावनात्मक स्थिति और आत्मिक पक्ष का व्यक्ति की स्थिति का प्रत्यक्ष पैरामीटर्स दिखाया जा सकता है। 

ज्योतिषी आपके जन्मदिन पर चंद्रमा की स्थिति का पता लगाकर कुंडली बनाते हैं। यह विधि विशेष रूप से तब उपयोगी होती है जब आपको अपने जीवन की आंतरिक और भावनात्मक अवस्थाओं के बारे में जानना हो।

चंद्र कुंडली के फायदे:

यह भावनात्मक स्थिरता और मानसिक स्वास्थ्य का संकेत देती है।

यह रिश्तों और परिवार के बारे में गहन जानकारी प्रदान करती है।

  1. प्रश्न कुंडली (Horary Astrology)

अगर आपके पास अपना जन्म समय नहीं है, तो आप प्रश्‍न कुंडली का सहारा ले सकते हैं। यह विधि ज्योतिष के सबसे सटीक तरीकों में से एक मानी जाती है।

यह क्या है?

प्रश्‍न कुंडली तब बनाई जाती है जब आप किसी खास सवाल के साथ ज्योतिषी के पास जाते हैं। उस समय ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण करके आपको उत्तर दिया जाता है।

प्रश्न कुंडली का उपयोग:

यदि आपका प्रश्न  कैरियर ज्योतिष, शादी, स्वास्थ्य, या किसी और जीवन के क्षेत्र से संबंधित है, तो यह कुंडली सटीक उत्तर देती है।

  1. लग्न संशोधन विधि (Birth Time Rectification)

ज्योतिष में एक तकनीक होती है जिसे लग्न संशोधन विधि कहा जाता है। अगर आपके पास जन्म समय का कोई अनुमान है (जैसे सुबह, दोपहर या रात), तो ज्योतिषी आपके जीवन की प्रमुख घटनाओं के आधार पर सही लग्न का निर्धारण करते है/(Birth Time Rectification। यह कैसे काम करती है?

इस पद्धति में ज्योतिषी आपके जीवन की प्रमुख घटनाओं, जैसे शिक्षा, मेरी शादी कब होगी, या करियर में बदलाव की तारीखों का अध्ययन करते हैं। इन घटनाओं के आधार पर लग्न और दशा की गणना करके सही जन्म समय का पता लगाया जाता है।

किसके लिए उपयुक्त है?

यह पद्धति उन लोगों के लिए है, जिन्हें अपना जन्म समय आंशिक रूप से पता हो।

  1. नामांक कुंडली (Numerology and Name Chart)

अगर आपको अपनी जन्म तिथि और समय का कोई अंदाजा नहीं है, तो ज्योतिषी अंक ज्योतिष (Numerology) या नामांक कुंडली का उपयोग करके आपका भविष्य बता सकते हैं।

यह कैसे की जाती है?

इसमें व्यक्ति के नाम के आधार पर उसकी राशिफल और ग्रहों की स्थिति का अनुमान लगाया जाता है।

उदाहरण: यदि आपका नाम ‘आरती’ है, तो नाम के पहले अक्षर ‘आ’ से यह पता लगाया जाएगा कि आपकी राशि ‘मेष’ है।

इसके फायदे:

यह सरल और जल्दी परिणाम देने वाला तरीका है। हालांकि, यह विधि सीमित जानकारी प्रदान करती है।

क्या बिना जन्म समय के कुंडली सटीक होती है?

यह कई लोगों के मन में उठता है कि बिना जन्म समय के बनाई गई कुंडली कितनी सटीक होगी। इसका उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सी विधि का उपयोग कर रहे हैं।

सूर्य और चंद्र कुंडली ज्यादातर बाहरी और आंतरिक पहलुओं को समझने के लिए सटीक होती हैं।

प्रश्‍न कुंडली आपके विशिष्ट सवालों का सटीक उत्तर देने में मदद करती है।

लग्न संशोधन विधि काफी समय लेने वाली हो सकती है, लेकिन यह बहुत ही सटीक होती है।

निष्कर्ष: अपनी कुंडली जानना आसान

अगर आपको अपना जन्म समय नहीं पता है तो भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। ज्योतिष के पास ऐसी की कई विधियाँ हैं, जिनकी मदद से आप अपनी जनम कुंडली जान सकते हैं और जीवन से जुड़े सवालों का जवाब पा सकते हैं। 

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल वैवाहिक आनंद प्रदान करें।

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