Kundli Hindi Archives - KundliHindi https://kundlihindi.com/tag/kundli-hindi/ My WordPress Blog Sat, 11 May 2024 09:04:57 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.3 https://i0.wp.com/kundlihindi.com/wp-content/uploads/2022/11/cropped-kundlihindi.png?fit=32%2C32&ssl=1 Kundli Hindi Archives - KundliHindi https://kundlihindi.com/tag/kundli-hindi/ 32 32 214685846 जानिए कैसे आपकी कुंडली आपके स्वास्थ्य का अनुमान लगा सकती है https://kundlihindi.com/blog/kundli-health-ka-anuman-kaise-laga-sakte-hai/ https://kundlihindi.com/blog/kundli-health-ka-anuman-kaise-laga-sakte-hai/#respond Sat, 11 May 2024 09:04:57 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2658 होगा वही जो लिखा है  किस्मत में – हम सबने ये बात कई बार सुनी है।  और बहुत लोग किस्मत और कर्म चक्र को मानते भी हैं।  और क्यों नहीं।  इस सृष्टि में ऐसा कुछ नहीं है जो कर्मफल एवं ग्रहों तथा नक्षत्रों की चाल से बाहर है।  हम इंसानों का तो सारा जीवन ही...

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होगा वही जो लिखा है  किस्मत में – हम सबने ये बात कई बार सुनी है।  और बहुत लोग किस्मत और कर्म चक्र को मानते भी हैं।  और क्यों नहीं।  इस सृष्टि में ऐसा कुछ नहीं है जो कर्मफल एवं ग्रहों तथा नक्षत्रों की चाल से बाहर है।  हम इंसानों का तो सारा जीवन ही ग्रहों एवं नक्षत्रों से प्रभावित रहता है।  और इन प्रभावों को आंकने का सबसे अच्छा तरीका होता है – जन्म कुंडली का निरिक्षण।  जी हाँ, जन्म कुंडली को देख कर, एक वैदिक ज्योतिष ज्ञाता आपको आपकी ज़िन्दगी से जुड़े हर पक्ष के बारे में बता सकता है।  आपकी सेहत एवं स्वस्थ्य कैसा है, कैसा होगा, कोई रोग होने वाला है, या आप रोग से उभर चुके हो, इन सब प्रश्नों का उत्तर छिपा होता है कुंडली में।

तो आज हम आपको बताएंगे कुंडली में स्वस्थ्य सम्बन्धी प्रश्नों को कैसे जाने। कौन सा ग्रह आपको रोग मुक्ति दिला सकता है, अथवा कौन से भाव से पा सकते हैं आप अपने स्वस्थ्य सम्बन्धी प्रश्नों के उत्तर।  जानिए हमसे।

स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के लिए करें ज्योतिषी से परामर्श

कुंडली के लग्नेश भाव की दशा बता सकती है, स्वस्थ्य संबंधी प्रश्नों के उत्तर।  जी हाँ, एक अच्छा ज्योतिषी, हमेशा कुंडली की उसी भाव पे ध्यान देता है जहाँ लग्नेश हों।  वैदिक ज्योतिष के ज्ञाता – डॉ. विनय बजरंगी के अनुसार, अगर आपका लग्न मेष है और मंगल विकृत स्थिति में है तो ये स्थिति जातक को सरदर्द अथवा रक्तचाप सम्ब्नधि समस्याओं से पीड़ित रखता है। इसके विपरीत, यदि आपका लग्न वृषभ है और इसका स्वामी शुक्र कुंडली के पांचवें भाव में हैं, तो संभवतः आप पेट के दर्द सम्बन्धी बीमारी से जूझेंगे।

तो, इस तरह हर राशि के लग्न का स्वस्थ्य पर अलग अलग प्रभाव देखने को मिलता है, और जब आप एक अच्छे स्वास्थ्य ज्योतिषी से परामर्श करते हैं, तो वो आपकी कुंडली का अच्छे से विचरण करके आपको अवगत करा सकता है, की आपको कौन से बिमारियों से जूझना होगा और क्या उपाय करके, इनका असर कम कर सकते हो।

 क्यों लें स्वास्थ्य ज्योतिष का साथजानिए कारण और लाभ

अच्छा स्वास्थय एक इंसान को सफल होने में मदद करता है।  अच्छा एवं रोग मुक्त स्वास्थय इंसान के लिए सबसे बड़ी भगवान् की दें होती है।  लेकिन हर इंसान स्वास्थय के मामले में एक बराबर भाग्यशाली नहीं होता।  पर कभी आपने सोचा है की आखिर क्यों सब बराबर भाव से अच्छा स्वास्थ्य का आनंद नहीं ले सकते।  यहाँ भूमिका निभाते हैं व्यक्ति के ग्रह और नक्षत्र।  जी हाँ, क्योंकि हमारी कुंडली इन सभी ग्रहों एवं नक्षत्रों की स्थिति जानने का इकलौता माध्यम है तो स्वस्थ्य ज्योतिष के द्वारा,आप पा सकते हैं स्वस्थ्य से जुड़े अपने हर प्रश्न का उत्तर।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करके आप अपने रोगों को अगर जड़ से नहीं तो कम से कम तकलीफ को कम कर सकते हैं।  आपकी कुंडली पढ़ कर एक ज्योतिषशास्त्री बता सकता है की आखिर कितने समय तक आपको अपनी वर्तमान स्थिति को झेलना होगा।  और कब पा सकेंगे आप निवारण।  अगर कोई उपाय किये जाने से आपका स्वस्थ्य  सही हो सकता है, तो वो भी आपकी कुंडली के द्वारा ही बताया जा सकता है।  तो यही कारण है, की यदि आप अपने स्वस्थ्य को लेकर परेशानियों से गुज़र रहे हैं तो आज ही मिलें एक स्वस्थ्य ज्योतिष/Health Astrology के अनुभवी ज्योतिषी से।

कुंडली में लग्न एवं लग्नेश की स्थिति बताती है कैसा रहेगा आपका स्वास्थ्य

लग्न एवं लग्नेश का बहुत ही गहरा असर होता है एक जातक की ज़िन्दगी से।  तो जब बात करते हैं सेहत या स्वास्थ्य की, तो वैदिक ज्योतिष कुंडली के इन्ही भागों को ध्यान करने के लिए कहता है।  इसका अर्थ है की एक जानकार ज्योतिषी आपकी कुंडली के लग्न एवं लग्नेश की मज़बूत स्थिति से बता  सकता है की आप रोग मुक्त जीवन जियेंगे।  इसके विपरीत यदि लग्न एवं लग्नेश कमज़ोर अवस्था में हों तो ये आपके स्वास्थ्य के लिए बुरा संकेत देते हैं।

इसके साथ साथ, छठे, आठवें एवं बारहवें भाव को भी अच्छे से देखा जाता है लग्नेश एवं लग्न के साथ यदि आप अपनी अगर आप स्वास्थ्य समस्याओं का जवाब जानना चाहते हैं तो आप हमारे साथ हेल्थ प्रेडिक्शन के लिए ऑनलाइन रिपोर्ट भी ले जा सकते हैं।। चाहे लग्न या लग्नेश – दोनों में से एक भी यदि इन भावों से जुड़ें तो सम्भवता ये आपकी स्वस्थ्य को प्रभावित करेगा।

ग्रहों का प्रभाव और आपका स्वास्थय

जैसा का ग्रह मंडल 9 ग्रहों से बनता है, स्वस्थ्य के बारे में कुछ भी जानने के लिए, एक अच्छा स्वास्थ्य ज्योतिष, इन्ही ग्रहों की स्थिति को देखता है आपकी कुंडली में।  जानिये किस ग्रह के प्रभावानुसार आप किस रोग से ग्रस्त हो सकते है।

  • यदि आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह पीड़ित अवस्था अथवा कमज़ोर अवस्था में हों तो सम्भवता आप घाव, चोट जैसी परेशानिओं को झेल सकते हैं। इसके साथ साथ, सूर्य की ये स्थिति जातक के हृदय रोग एवं पेट अथवा पित्त रोग की तरफ भी इशारा करती है।  ऐसे जातकों को दायीं आँख में कोई दिक्कत हो सकती है।
  • चन्द्रमा की कमज़ोर स्थिति जातक के रक्त, दिमाग, स्त्रियों के मासिकधर्म की समस्याओं, छाती, एवं बाईं आँख सम्बन्धी समस्याओं की तरफ संकेत करता है।
  • यदि कुंडली में मंगल की स्थिति अच्छी नहीं है तो ये जातक के जलने, उच्च रक्तचाप, घाव, आकस्मिक दुर्घटना, गर्भपात एवं शल्य क्रिया सम्बन्धी शारीरिक समस्याओं की और संकेत करता है।
  • बुध का पीड़ित होना एक जातक का फेफड़े, कान, आवाज़, नाक और गले सम्बन्धी दिक्कतों के बारे में बताता है।
  • पीड़ित गुरु कान, शारिरिक चर्बी बढ़ना एवं मधुमेह जैसे रोगो की तरफ इशारा करता है।
  • शुक्र की कमज़ोर स्थिति गुप्त रोगों, पथरी, आंत, आँख एवं मूत्र में तकलीफ या जलन जैसे रोगों का संकेत देता है।
  • शनि का दुष्प्रभाव जातक को नसों संबंधी रोगों, थकान एवं लकवा जैसी बिमारियों से पीड़ित रखता है।
  • राहु की पीड़ित स्थिति जातक को हड्डियों के रोगों से दुखी रखता है।
  • केतु की कमज़ोर स्थिति जातक को आंत, हकलाना अथवा बोलने में परेशानी जैसे दिकत्तों से परेशान रखता है।

तो इस तरह हम देखते हैं की कैसे ग्रहों एवं नक्षत्रों का अच्छा एवं बुरा प्रभाव हमारी कुंडली/Kundali में दर्शा सकता है हमे होने वाले शारिरिक परेशानीओं के बारे में।  तो अच्छे कुंडली के ज्ञाता से मिल कर आप न सिर्फ ग्रहों एवं नक्षत्रों की दशा जान सकते हो, बल्कि उपाय जान कर इन दिक्कतों से उभर भी सकते हो।

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कुंडली में कितने दोष होते हैं? https://kundlihindi.com/blog/kundli-me-kaise-dekhe-dosh/ https://kundlihindi.com/blog/kundli-me-kaise-dekhe-dosh/#respond Tue, 23 Apr 2024 06:53:42 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2651 कुंडली दोष – ज्योतिष शास्त्र के दुनिया में लिया जाने वाला एक सामान्य किन्तु गंभीर वाक्य।  जिससे हम सभी भली भांति जागरूक हैं। लेकिन क्या होता है ये कुंडली दोष।  कुछ कुंडली दोष जैसे काल सर्प दोष, पितृ दोष, मांगलिक अथवा मंगल दोष, तो जाने पहचाने दोष हैं, लेकिन इनके इलावा भी एक जातक की...

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कुंडली दोष – ज्योतिष शास्त्र के दुनिया में लिया जाने वाला एक सामान्य किन्तु गंभीर वाक्य।  जिससे हम सभी भली भांति जागरूक हैं। लेकिन क्या होता है ये कुंडली दोष।  कुछ कुंडली दोष जैसे काल सर्प दोष, पितृ दोष, मांगलिक अथवा मंगल दोष, तो जाने पहचाने दोष हैं, लेकिन इनके इलावा भी एक जातक की कुंडली कुछ अहम् दोषों से ग्रसित हो सकती है।  आज इस आर्टिकल में हम कुंडली के अधिकतर दोषों का वर्णन करेंगे एवं आपको बताएंगे इनसे होने वाले प्रभाव।  किस तरह कुंडली के ये दोष आपको और आपसे जुड़े लोगों की ज़िन्दगियों को प्रभावित करते हैं, आज हम इन्ही पहलुओं पर नज़र डालेंगे।

जन्म तिथि से कुंडली दोष कैसे पता चलेगा?

जैसा की हम अक्सर बताते हैं, की कुंडली का पहला मूल जातक के जन्म से जुड़ा होता है।  जन्म का समय, जन्म का स्थान, जन्म का दिन और जन्म की घडी पे ग्रहों एवं नक्षत्रों की दशा ही कुंडली का सही आधार होती है।  तो अगर आप कुंडली के दोषों की बात कर रहे हैं, तो उसका उत्तर तो संभवतः जन्म तिथि में ही होगा।  जी हाँ, वैदिक ज्योतिष के विज्ञाता आपको बड़े ही आसानी से जन्म तिथि के द्वारा कुंडली दोष के बारे में बता सकते हैं।  इसके अतिरिक्त, आज कल तो बहुत सारी होरोस्कोप एप्प मौजूद हैं, जिनकी सहायता से आप अपनी जन्म तिथि डाल कर अपने कुंडली से जुडी किसी भी दोष के बारे में पता लगा सकते हैं।  एक अच्छी ज्योतिष एवं होरोस्कोप ऐप जैसे की कर्मा ज्योतिष ऐप – आपको हर तरह के सवालों के जवाब दे सकती है – विवाह से जुड़े सवाल हों, या जीवन काल की भविष्यवाणी 

आइये जानें कुंडली से जुड़े दोषों में बारे मेंविस्तार से

कई बार ऐसा होता है की जातक को पता ही नहीं होता की आखिर इतना परिश्रम करके भी उसे सफलता क्यों नहीं मिल रही, अथवा जितना भी कमा ले उसे कमी ही रहती है, एवं कई बार तो ऐसा भी होता है की सब कुछ होने के बाद भी मन तथा परिवार की तरफ से नकारात्मकता  रहती है।  कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है।  ऐसा अक्सर कुंडली दोष के कारण ही होता है।  कई लोग इसे कर्मा का नाम देते हैं, तो कई कुछ और, लेकिन सही कारण आपकी कुंडली का निरिक्षण ही बता सकता है।  अगर किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य से सम्पर्क किया जाये।  कुंडली दोष कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे की कालसर्प दोष, गुरु चांडाल दोष, विष दोष, मंगल दोष, केन्द्राधिपति दोष, पितृ दोष।  इन सभी दोषों के प्रभाव अलग अलग होते हैं, और इनका निवारण भी अलग अलग तरह से होता है।

इन सभी दोषों में से मंगल दोष ऐसा दोष है जो विवाह में अड़चन पैदा अक्सर करता है। कुंडली में मंगल दोष का होना विवाह में देरी के साथ साथ, वैवाहिक जीवन में असहयोग एवं अशांति का भी कारन बन सकता है अगर समय रहते, इसका उपाय न किया जाये। चलिए जानें सभी कुंडली दोषों के बारे में –

मंगल दोष –  मंगल दोष के बारे में आपने सुना तो है, लेकिन क्या आप जानते हैं की कैसे लगता है मंगल दोष।  अगर आपकी कुंडली में मंगल ग्रह कुंडली के 4, 7, 8 एवं 12 भाव/घर में हो तो ये स्थिति मंगल दोष की बनती है।  मंगल दोष को ही मांगलिक दोष कहा जाता है।  मंगल दोष वाले जातक को हमेशा मंगल दोष  वाले पुरुष/स्त्री से ही विवाह करना चाहिए।  यदि इस दोष को अनदेखा करके विवाह कर लिया जाए तो वैवाहिक दंपत्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।  जैसे की घर में कलह कलेश, दाम्पत्य सुख में कमी , विवाह के बाद यौन स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं इत्यादि।  इसलिए ये अनिवार्य है की मंगल दोष के लिए उपाय किया जाये।

कुंडली में मंगल दोष कैसे कटता है?

मंगल दोष अगर आपकी कुंडली में है तो उसके लिए निम्नलिखित उपाय करें जिससे आपको अवश्य लाभ महसूस होगा।

  • मंगल की पूजा करें। मंगल पूजा ग्रह शांति के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
  • मंगलवार को नियमित रूप से हनुमान मंदिर जाएं एवं प्रशाद बूंदी का अथवा बेसन लड्डू/बर्फी का लगाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • मंगलवार का व्रत भी करें।
  • किसी ज्योतिषी से मिल कर मंगल ग्रह शांति पूजा करवाएं एवं मूगा रत्न पहनें। तीन मुखी रुद्राक्ष भी धारण करना शुभ होगा।
  • मंगल दोष कुंडली में है तो विवाह से पूर्व किसी जगह पे नीम का वृक्ष ज़रूर लगाएं। इस वृक्ष को 43 दिन पानी इत्यादि दें। ये उपाय मंगल दोष शान्ति के लिए सिद्ध उपाय है।

कालसर्प दोष – ग्रहों एवं नक्षत्रों की दशा आपके जन्म के समय कैसे है, इसे से कुंडली में कालसर्प दोष बनता है।  राहु और केतु का एक दुसरे के सामने होना एवं बाकि ग्रहों का एक तरफ होने से कुंडली में काल सर्प दोष बनता है।  इस दोष की वजह से जातक को जीवनकाल में कई सारे दुखों एवं असफलताओं का सामना करना पड़ता है।  कालसर्प दोष से ग्रसित जातक को शिवजी की उपासना नियमित रूप से करनी चाहिए।  उसके साथ साथ, एक अच्छे ज्योतिषी से भी समपर्क कर उपाय करने चाहिए जिससे की जीवन की कठिनाईयों को कम किया जा सकता है।

विष दोष – कुंडली में अगर शनि एवं चन्द्रमा एक साथ एक घर में विराजमान हों तो इससे विष दोष बनता है।  विष दोष का प्रभाव भी अशांति एवं असफलताओं को उत्पन्न करता है।  इस दोष के निवारण एवं शांति हेतु  जातक को नागपंचमी के दिन व्रत करना लाभदायक सिद्ध होगा।  इसके अतिरिक्त, हर पंचमी को अगर व्रत किया जाए तो बहुत अच्छा होगा।

गुरु चांडाल दोष – अगर किसी कुंडली में गुरु राहु के साथ आ जाये तो इससे गुरु चांडाल दोष बनता है।  ऐसा जातक इस दोष के प्रभाव के कारण काफी तकलीफ से भरा जीवन जीता है।  इस दोष के प्रभाव को कम करने का सबसे बेहतर उपाय है की राहु के मंतोच्चारण कर एकाग्रता से ध्यान करें वो भी गुरुवार के दिन।  ऐसा करने से आपकी ज़िन्दगी में शांति आएगी और आप बेहतर महसूस करेंगे।

केन्द्राधिपति कुंडली दोष – कुंडली में केंद्र भाव पहला, सातवां, एवं दसवां घर होता है। यदि कन्या एवं मिथुन राशि वाले जातकों की जन्म कुंडली में गुरु चौथे, दसवें एवं सातवें घर में विराजमान हों तो उससे बनता है केन्द्राधिपति दोष।  इसके साथ साथ यदि धनु एवं मीन राशि के जातकों की कुंडली में पहले, चौथे, सातवें एवं दसवें घर में बुध विराजमान हों तो भी केन्द्राधिपति दोष बनता है कुंडली में।

पितृ दोष – जातक जिनकी कुंडली के नौवें भाव/घर में शुक्र, बुध अथवा राहु बैठे हों तो ये दशा पितृ दोष पैदा करती है।  इसके साथ साथ यदि दशम भाव/घर में बृहस्पति विराजमान हों तो भी पितृ दोष बनता है।  यही नहीं, कुंडली में यदि सूर्य के ऊपर राहु/केतु एवं शनि की यदि दृष्टि आये तो इससे जातक पे पितृ ऋण की दशा बनती है।

आपको अपनी कुंडली मिलान की जांच करनी चाहिए क्योंकि वहां हम शादी से पहले कुंडली दोष की जांच कर सकते हैं। हैप्पी मैरिज लाइफ के लिए उनका शमदान शाम पे करा सकते है। या अगर आप भी अपने जीवन में किसी तरह की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, लेकिन उस कठिनाई के पीछे के कारण से अज्ञात हैं, तो आज ही अपनी कुंडली को किसी अच्छे ज्योतिषी से दिखवाएं। कुंडली दोष का होना शायद आपकी ज़िन्दगी के कष्टों का एक कारण हो सकता है। तो उस दोष को जान, उसका समाधान आज ही करवाएं।

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सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम्- परम कल्याणकारी व सौभाग्यवर्धक स्त्रोत्र https://kundlihindi.com/blog/kunjika-stotram/ https://kundlihindi.com/blog/kunjika-stotram/#respond Wed, 10 Apr 2024 07:26:21 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2645 हमारे वैदिक ग्रंथों में अनेकों ऐसे पाठ और स्त्रोतों का वर्णन है जो हमें चमत्कारिक परिणाम प्रदान करते हैं। ऐसा ही एक स्त्रोत है – सिद्ध कुंजिका स्त्रोत। अनेक धार्मिक अनुष्ठानों में जो विशेष रूप से माँ दुर्गा से सम्बंधित है, उनमें सिद्ध कुंजिका स्त्रोत के पाठ का विधान है।  यह एक अत्यंत शुभ फल...

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हमारे वैदिक ग्रंथों में अनेकों ऐसे पाठ और स्त्रोतों का वर्णन है जो हमें चमत्कारिक परिणाम प्रदान करते हैं। ऐसा ही एक स्त्रोत है – सिद्ध कुंजिका स्त्रोत। अनेक धार्मिक अनुष्ठानों में जो विशेष रूप से माँ दुर्गा से सम्बंधित है, उनमें सिद्ध कुंजिका स्त्रोत के पाठ का विधान है।  यह एक अत्यंत शुभ फल प्रदायी स्त्रोत है और प्रमुख दुर्गा माता के अनुष्ठानों से पहले इसे पढ़ा जाता है। इस स्त्रोत को भगवान शिव ने देवी पार्वती को सिखाया था और इसे एक गुप्त स्त्रोत के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का एक पाठ हमें  संपूर्ण चंडिका पाठ को पढ़ने के बराबर शुभ परिणाम देती है। ऐसा भी माना जाता है कि सिद्ध कुंजिका स्त्रोत के पाठ के बिना यदि चंडिका पाठ किया जाए तो यह पूर्ण परिणाम नहीं देता है।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से आशीर्वाद और समृद्धि मिलती है, जो किसी भी संघर्ष में साहस और उत्तेजना देता है। यह स्तोत्र मां दुर्गा की कृपा को आकर्षित करता है और व्यक्ति को संघर्षों और अड़चनों से मुक्ति दिलाता है। गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र व्यक्ति के जीवन में स्थितियों को सुधारता है और उसे मां की कृपा से आशीर्वाद प्राप्त होता है।

सिद्धकुंजिका स्त्रोत व वैवाहिक जीवन में समृद्धि

सिद्धकुंजिका स्त्रोत का पठन करने से वैवाहिक जेवण में समृद्धि आती है। इस स्त्रोत का सम्बन्ध भगवान् शिव और देवी पार्वती जी से है, इसके पठन से विवाह में यदि विलम्ब आ रहा हो तो दूर होता है और साथ ही साथ वैवाहिक रिश्तों में मधुरता आती है। सिद्धकुंजिका स्त्रोतम का पाठ करने से विवाह में सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

सिद्धकुंजिका स्त्रोतम के महत्व को समझने के लिए हमें देवी दुर्गा की महिमा को समझना आवश्यक है। देवी दुर्गा हिंदू धर्म की मां शक्ति का प्रतीक हैं, जो सभी समस्याओं को दूर करने वाली हैं। सिद्धकुंजिका स्त्रोतम उनकी कृपा को प्राप्त करने का एक उपाय है। इसके माध्यम से ध्यान और पूजा करने से दुर्गा माता विवाह में समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

इस प्रकार, सिद्धकुंजिका स्त्रोतम विवाह संस्कार में समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है और इसे नियमित रूप से पाठ करने से विवाहित जोड़े के बीच खुशहाली और सुख का संचार होता है।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् के शब्द निम्नलिखित हैं:

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे

ह्रीं क्लीं ऐं

नमः श्रीं ऐं विजय विभवायै नमः।

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे

ऐं क्लीं ह्रीं सौ:

नमः श्रीं ऐं सद्य बलायै नमः।

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे

ह्रीं क्लीं ऐं सर्वजन प्रियायै नमः।

नमः श्रीं ह्रीं ऐं विश्व जनन्यै नमः।

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे

ऐं क्लीं ह्रीं हुं फट् स्वाहा

नमः श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं महारौद्र्यै नमः।

यह स्तोत्र समस्त संकटों के निवारण और अच्छे भाग्य की प्राप्ति के लिए जाना जाता है।

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कुंडली में दूसरा विवाह है तो कैसे पता चलेगा? https://kundlihindi.com/blog/kundli-me-dusre-vivah-ka-yoga/ https://kundlihindi.com/blog/kundli-me-dusre-vivah-ka-yoga/#respond Tue, 02 Apr 2024 11:14:21 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2640 आपकी कुंडली आपके जीवन का आइना है, इसके विश्लेषण द्वारा आपके जीवन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण क्षेत्र या इकाई को परखा जा सकता है। विवाह जीवन का महत्वपूर्ण अंग है लेकिन कभी-कभी कुंडली में दो विवाह का योग बनता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन में बहुत सी कठिनाइयों से जूझ रहा होता...

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आपकी कुंडली आपके जीवन का आइना है, इसके विश्लेषण द्वारा आपके जीवन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण क्षेत्र या इकाई को परखा जा सकता है। विवाह जीवन का महत्वपूर्ण अंग है लेकिन कभी-कभी कुंडली में दो विवाह का योग बनता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन में बहुत सी कठिनाइयों से जूझ रहा होता है क्यूंकि कहीं न कहीं उसकी कुंडली में दूसरा विवाह योग/ second marriage yoga in kundli उसे परेशानी दे रहा होता है। कुंडली के ग्रह कुछ ऐसे योगों का निर्माण करते हैं जिनसे पता चलता है कि व्यक्ति की दो विवाह की संभावना है।

आइये जानते हैं कि कुंडली में दो विवाह का योग कब बनता है और क्या व्यक्ति इससे बच सकता है? साथ ही साथ हम यह भी जानेंगें कि कैसे आपकी कुंडली यह भी बताती है कि आपका दूसरा विवाह सफल होगा या नहीं और आप अपने दुसरे विवाह में कितने खुश रहेंगें।

कुंडली में दूसरे विवाह के योग

ज्योतिष शास्त्र में, दूसरे विवाह के लिए हम नवें भाव पर ध्यान देते हैं पर उसके लिए पहले आपका सातवां भाव पीड़ित होना चाहिए जो विवाह का मुख्य भाव है। साथ ही साथ शुक्र, चन्द्रमा, और गुरु ग्रह भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चन्द्रमा यदि सातवें भाव में हो तो वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव की स्थिति देता है। शुक्र ग्रह विवाह का कारक है और इसकी स्थिति भी दूसरे विवाह के लिए अति आवश्यक है। बृहस्पति भी विवाह का कारक है और वैवाहिक सुख के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

कुंडली में दूसरे विवाह के लिए ग्रहों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रह हमारे जीवन पर प्रभाव डालते हैं, जो कभी कुछ अच्छा और कभी कुछ बुरा।

कुंडली में दूसरे विवाह के लिए महत्वपूर्ण ग्रह:

  • मंगल ग्रह – मंगल को एक आक्रामक ग्रह माना जाता है जो विवाह जैसे रिश्तों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इसका सातवां घर से संबंधित होने पर तलाक की संभावना पैदा होती है। स्वास्थ्य भविष्यवाणी के लिए भी मंगल की मदद ली जाती है।
  • राहु और केतु ग्रह – राहु और केतु को पाप ग्रह माना जाता है, और इनका बुरा प्रभाव दूसरे विवाह की संभावना को बढ़ा सकता है, विशेषकर सप्तम भाव में।
  • सूर्य और चंद्रमा ग्रह – सूर्य और चंद्रमा का सप्तम भाव में होना एकस्ट्रा मैरिटल अफेयर की संभावना बढ़ा सकता है और पहली शादी में तलाक की संभावना होती है।
  • शनि ग्रह – शनि का बुरा प्रभाव व्यक्ति को विलासी और अवैध संबंधों में ले जाता है, जिससे तलाक हो सकता है।
  • शुक्र ग्रह – शुक्र का बुरा प्रभाव भी दूसरे विवाह के योग को बढ़ा सकता है और विवाहित जीवन में समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है।

आप ले सकते हैं:  चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के लिए परामर्श

दूसरे विवाह के लिए व्यक्ति की कुंडली के निम्न भाव महत्वपूर्ण है:

  • द्वितीय भाव – द्वितीय भाव मुख्य रूप से धन से संबंधित होता है, लेकिन इस भाव के पाप ग्रहों का होना व्यक्ति के दूसरे विवाह के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
  • सप्तम भाव – सप्तम भाव विवाह से संबंधित होता है और इस भाव में शुक्र का प्रभाव व्यक्ति के दो विवाहों के योग को बढ़ा सकता है।
  • अष्टम भाव – अष्टम भाव में पाप ग्रहों के रहने से व्यक्ति का दूसरा विवाह हो सकता है, विशेषकर जब शनि सप्तम भाव में होता है। संपत्ति ज्योतिष द्वारा विवाद समाधान में भी आठवें भाव की अहम भूमिका रहती है।

क्या मेरी दूसरी शादी हो सकती है?

आपका दूसरा विवाह आपके नवम भाव पर निर्भर करता है। दूसरे विवाह के लिए यदि आपको सही दशा व गोचर मिला तो आपका दूसरा विवाह होगा। एक प्रबल नवम भाव दूसरे विवाह के लिए अच्छी स्थिति है पर यदि सातवां भाव अधिक पाप प्रभाव में हो तो वैवाहिक सुख में कमी रहती है। ऐसे में व्यक्ति को ज्योतिषीय उपाय करना सकरात्मक परिणाम देता है।

आप ले सकते हैं: संपत्ति विवाद के लिए  ज्योतिष परामर्श

कितने दूसरे विवाह सफल होते हैं?

ज्योतिष के अनुसार यदि आपका नवां भाव मजबूत है तो आपका दूसरा विवाह सफल होगा। दूसरे विवाह की सफलता आपकी कुंडली पर निर्भर है। व्यवहारिक तौर पर, कुंडली में दूसरा विवाह तभी होता है जब पहला विवाह टूट जाए। इसका अर्थ यह हुआ कि आपका सांतवा भाव पीड़ित है। सातवें भाव के पाप प्रभाव में होने से वैवाहिक सुख में कमी आती है। दूसरा विवाह का सुख तभी मिलेगा जब आपका नवां भाव सातवें भाव से मजबूत हो।  कुंडली विश्लेषण से पता चलता है कि आपका दूसरा विवाह सफल होगा या नहीं।

विवाह के लिए ज्योतिषीय उपाय

गुरु मंत्र: गुरु मंत्र का जप करना विवाह के लिए फायदेमंद होता है।

मंगल मंत्र: मंगल मंत्र का जप भी विवाह में शुभ फल प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

गायत्री मंत्र: गायत्री मंत्र का जप विवाह से संबंधित समस्याओं को दूर कर सकता है।

शुक्र मंत्र: शुक्र मंत्र का जप शुक्र ग्रह की दशा में आने वाली विवाह संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।

कुंडली मिलान: विवाह के लिए कुंडली मिलान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह विवाह से संबंधित समस्याओं को पहले से ही दूर कर सकता है।

दान: विवाह संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए धान, गुड़, घी, सफेद कपड़े आदि दान करना एक उपाय हो सकता है।

रत्न धारण: रत्नों से विवाह समस्याएं दूर हो सकती हैं। यह रत्न आपकी जन्म राशि और लग्न के अनुसार चुना जाता है।

व्रत: विवाह संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए विभिन्न व्रत रखे जाते हैं जैसे संतोषी माता व्रत, सोमवार व्रत, शनि व्रत, शुक्रवार व्रत आदि।

कुंडली विवाह के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, यह आपके वैवाहिक जीवन, दूसरी शादी योग, करियर, व्यवसाय आदि को परिभाषित करती है।

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कुंडली में तलाक के योग- कब, कैसे और इसका निवारण https://kundlihindi.com/blog/kundli-me-talak-ka-yoga/ https://kundlihindi.com/blog/kundli-me-talak-ka-yoga/#respond Mon, 01 Apr 2024 05:11:36 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2633 तलाक आज के युवा दम्पत्तियों के लिए एक नयी समस्या बनती जा रही है। आधिनिक जीवन शैली, आत्म निर्भरता और समर्पण की भावना के अभाव में दंपत्ति समझौता करने से बेहतर अलग हो जाना ठीक समझते हैं। आपकी कुंडली से आपके वैवाहिक जीवन की पूरी जानकारी ली जा सकती है। यदि कुंडली में तलाक योग...

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तलाक आज के युवा दम्पत्तियों के लिए एक नयी समस्या बनती जा रही है। आधिनिक जीवन शैली, आत्म निर्भरता और समर्पण की भावना के अभाव में दंपत्ति समझौता करने से बेहतर अलग हो जाना ठीक समझते हैं। आपकी कुंडली से आपके वैवाहिक जीवन की पूरी जानकारी ली जा सकती है। यदि कुंडली में तलाक योग हो तो समय रहते ज्योतिषीय सलाह व उपायों से आप इसे सुधार सकते हैं अन्यथा आपको वैवाहिक सुख से वंचित रहना पड़ सकता है क्यूंकि यदि कुंडली में तलाक का योग है तो आप चाहे कितने ही विवाह करें आप इस तलाक योग के उपायों को करे बिना, सफल नहीं होंगें।

आइये जानते हैं कुंडली में तलाक के योग कब बनते हैं, कौन से ग्रह वैवाहिक सुख को भंग करते हैं, और तलाक के योग से कैसे बचा जा सकता है।

कुंडली में तलाक योग

कुंडली का सप्तम भाव विवाह का मुख्य भाव होता है। इस भाव पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव यह संकेत देता है कि दाम्पत्य सुख में किसी प्रकार की कमी रहेगी।  अब यदि सप्तम भाव के पीड़ित होने के साथ हमें निम्न ज्योतिषी संकेत भी मिलें तो निश्चित रूप से कुंडली में तलाक योग बनता है :

  • अगर कुंडली में लग्नेश, सप्तमेश, या चंद्रमा विपरीत स्थिति यानि 2-12 या 6-8 की स्थिति में हो, तो तलाक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • जब सप्तम भाव या चतुर्थ भाव का स्वामी छठे या बारहवें भाव में होता है, तो पति-पत्नी के बीच अलगाव की स्थिति बनती है, जो तलाक के योग को बढ़ाता है।
  • यदि सूर्य, राहु, या शनि सातवें भाव में हो, और शुक्र भी सम्मिलित हो, तो भी तलाक के योग बनते हैं।
  • सप्तमेश और बारहवें भाव के स्वामियों का परिवर्तन योग हो तो भी तलाक योग बनता है।
  • यदि चतुर्थ भाव पीड़ित हो तो गृहस्थ सुख में बाधा आती है।
  • अगर जन्म कुंडली में शुक्र किसी पापी ग्रह के साथ छठे, आठवें, या बारहवें स्थान में स्थित हो तो विवाह भंग हो सकता है।
  • अगर कुंडली में प्रेम का कारक ग्रह, शुक्र, नीच या वक्री अवस्था में ट्रिक भाव में बैठे, तो यह अलगाव का संकेत है।
  • अगर सप्तमेश छठे या आठवें भाव के स्वामी के साथ युति करता है और उस पर पाप प्रभाव हो, तो भी अलगाव हो सकता है।
  • यदि शनि या राहु, पीड़ित अवस्था या किसी बुरे भाव के स्वामी हो कर लग्न में स्थित हो तो तलाक के प्रबल योग बनते हैं।
  • अगर सप्तमेश वक्री या दुर्बल हो, तो भी अलगाव होता है।

ज्योतिष में तलाक या विवाह भंग में ग्रहों की भूमिका

ज्योतिष में पाप ग्रह सूर्य, मंगल, शनि, राहु और केतु अधिकांशतया तलाक की स्थिति उत्पन्न करते हैं।

ज्योतिष में सूर्य और तलाक का योग:

सूर्य ग्रह गर्म प्रकृति का ग्रह है और अहंकार व ना झुकने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। यदि किसी व्यक्ति की जन्मपत्रिका में सूर्य या उसके राशि स्वामी का सम्बन्ध पहले या सातवें भाव से बन जाये तो तलाक का कारण/ DIVORCE REASON बन सकता है।

तलाक का निर्धारण केवल सूर्य की स्थिति से ही नहीं होता। यदि सूर्य मित्र राशि में है, तो वहाँ संघर्ष तो रहेगा, जीवन साथी एक-दूसरे को दोष या गर्म शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन अंत में तलाक नहीं होता। शुक्र ग्रह की स्थिति भी महत्वपूर्ण है। विवाह मामलों में निर्णय लेते समय, नवमांश (डी-9) चार्ट का भी बहुत महत्व होता है। किसी भी निर्णय से पहले, ज्योतिषीय सलाह आवश्यक है।

ज्योतिष में मंगल और तलाक का योग:

कुंडली में मंगल दोष हो तो भी वैवाहिक जीवन में परेशानियां आती हैं। मंगल को झगड़े का ग्रह माना गया है इसलिए जब यह सातवें भाव या लग्न में हो तो शारीरिक और मौखिक झगड़े करवाता है। नवमांश को भी देखना आवश्यक है। कुंडली में संपत्ति विवाद भी मंगल से देखा जाता है। मंगल घरेलु हिंसा का संकेत देता है कुंडली से आप जान सकते है कि क्या लड़की को शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ेगा? यदि मंगल कुंडली में राजयोग कारक है या शुभ स्थिति में है सुखी वैवाहिक जीवन भी देता है। मंगल ग्रह आपके अंदर का “उत्साह” है और यदि यह ठीक स्थिति में है तो यह आपको अपने जीवन साथी व सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रेरित करेगा।

आप ले सकते हैं: संपत्ति विवाद के लिए  ज्योतिष परामर्श

ज्योतिष में शनि और तलाक के योग:

शनि संदेह की स्थिति देता है। यदि यह लग्न या सातवें भाव से सम्बंधित हो तो यह व्यक्ति को संदिग्ध स्वभाव का बना देता है जिससे वह हमेशा अपने जीवन साथी पर संदेह करता है। शनि वैवाहिक असंतुष्टि देता है। जीवन साथी अचानक ही एक दुसरे से लड़ते हैं। शनि दीर्घ कालिक प्रभाव देता है कभी-कभी यह जीवन भर अलगाव की स्थिति देता है, कोई आधिकारिक तलाक नहीं होता और साथी अलग रहते हैं। शनि गलतफहमी दे धीरे-धीरे झगड़े, परेशानियां और अंत में तलाक देता है।

ज्योतिष में राहु और तलाक के योग:

राहु अलगाववादी ग्रह है, यह धुएं के सामान प्रभाव देता है। व्यक्ति साफ़ तस्वीर नहीं देख पाता। राहु कभी भी संतुष्ट नहीं होता और यदि यह लग्न या सातवें भाव से जुड़ा हो तो व्यक्ति अपने साथी से हमेशा असंतुष्ट रहता है। वह लंबे समय तक किसी एक रिश्ते में नहीं रह पाता। राहु शारीरिक असंतुष्टि के कारण तलाक देता है।

ज्योतिष में केतु और तलाक के योग:

केतु सांसारिक ग्रह नहीं है यह भौतिकता और सांसारिक सुखों को समाप्त कर देना चाहता है। यह लग्न या सातवें भाव में विवाह के प्रति अनिच्छा देता है। सेक्स लाइफ सीमित होती है जो संतान प्राप्ति के बाद बिलकुल ख़तम हो जाती है और वे एक-दूसरे से अलग रहने लगते हैं। केतु जीवन साथी को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं भी देता है जो कई बार तलाक का कारण बनता है।

आप ले सकते हैं:  चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के लिए परामर्श

कुंडली में तलाक योग को कैसे दूर किया जाये?

कुंडली में तलाक योग को दूर करने का प्रभावी उपाय है विषय की गंभीरता को समझना और एक अनुभवी व योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेना। आपकी कुंडली/kundli के आधार पर आपके लिए भिन्न भिन्न उपाय रहेंगें। भगवान् हनुमान व भगवान्की विष्णु की आराधना एक प्रभावी उपाय है जिसे आप सभी कर सकते हैं पर एक सटीक उपाय के लिए कुंडली विश्लेषण आवश्यक है। कर्मा करेक्शन या आपके दिनचर्या में सुधार के द्वारा बहुत हद तक सकारात्मक परिणाम पाए जा सकते हैं। किसी भी उपाय को बिना ज्योतिषीय सलाह के ना करें व सही ज्योतिषीय मार्गदर्शन प्राप्त कर अपने वैवाहिक जीवन को सफल बनाएं।

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जन्म कुंडली को चरण दर चरण कैसे पढ़ें https://kundlihindi.com/blog/janam-kundli-ko-step-by-step-kaise-padhe/ https://kundlihindi.com/blog/janam-kundli-ko-step-by-step-kaise-padhe/#respond Tue, 12 Mar 2024 11:21:53 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2625 ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली को बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। हमारी जन्म कुंडली के माध्यम से हम अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जान सकते हैं। जन्म कुंडली हमें अपने अच्छे और कठिन समय के बारे में अवगत करवाती है। इसके माध्यम से हमारे जीवन में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं...

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ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली को बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। हमारी जन्म कुंडली के माध्यम से हम अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जान सकते हैं। जन्म कुंडली हमें अपने अच्छे और कठिन समय के बारे में अवगत करवाती है। इसके माध्यम से हमारे जीवन में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने में मदद कर मिलती है। एक अनुभवी ज्योतिषी या विशेषज्ञ जन्म कुंडली का गहन विश्लेषण कर सकता है लेकिन आप स्वयं भी अपनी कुंडली की जांच कर सकते हैं। आज हम कुंडली पढ़ने के कुछ सरल और आसान नियम आपके साथ साझा करेंगे, जिसके बाद आप स्वयं अपनी कुंडली की जांच कर सकते हैं। ध्यान रखें कि व्यक्तिगत और विस्तृत अध्ययन के लिए, किसी ज्योतिषी से परामर्श करना सबसे अच्छा है।

पहला और आवश्यक कदम

अपनी ऑनलाइन मुफ़्त कुंडली बनाने के लिए kundlihindi.com पर  जाएं और ज्योतिष सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें। आपको वहां दिए गए टैब में अपना जन्म विवरण जैसे अपनी जन्मतिथि, जन्म का समय और जन्म स्थान प्रदान करना होगा। जैसे ही आप अपनी जन्म तिथि डालेंगे उसके तुरंत बाद ही आपकी जन्म कुंडली/Natal Chart तैयार होकर आपके समक्ष प्रस्तुत हो जाएगी। अब, आप जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए इस जन्म कुंडली का उपयोग कर सकते हैं।

जन्म कुंडलीएक संक्षिप्त अवलोकन

जन्म कुंडली में बारह घर/भाव होते हैं, जिनमें से प्रत्येक घर जीवन के एक अलग पहलू को दर्शाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 12 राशियां और नौ ग्रह होते हैं। विभिन्न घरों और राशियों में ग्रहों की स्थिति के आधार पर, हम यह समझ सकते हैं कि जन्म कुंडली जीवन के एक विशिष्ट पहलू के बारे में क्या कहती है। कुंडली के 12 भाव विभिन्न बातों को दर्शाते हैं:

  • प्रथम भाव- आपका व्यक्तित्व
  • दूसरा भाव- आपका धन, वाणी, भोजन और परिवार
  • तीसरा घर- आपके भाई-बहन, यात्रा, कौशल और प्रतिभा
  • चतुर्थ भाव- आपका घर, वाहन और जीवन में सुख
  • पंचम भाव- आपकी बुद्धि, रचनात्मकता, संतान और मनोरंजन
  • छठा घर – आपके ऋण, प्रतिस्पर्धी, रोग, मातृ पक्ष
  • सातवां घर- आपका जीवनसाथी, विवाह, साझेदारी और बाहरी दुनिया
  • आठवां घर – आपके दुख, अचानक घटनाएं, विरासत, अनर्जित धन
  • नवम भाव- आपका भाग्य, धर्म, लंबी यात्राएं, पिता, शिक्षक, गुरु
  • दसवां घर – आपका करियर, प्रतिष्ठा, स्थिति, शक्ति
  • एकादश भाव- आपका सामाजिक दायरा, इच्छाएं, लाभ
  • बारहवां घर- आपकी हानि, खर्च, गुप्त शत्रु और मोक्ष

विवाह के लिए जन्म कुंडली

जन्म कुंडली किसी के वैवाहिक जीवन के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करती है, जिसमें उनके जीवनसाथी के बारे में जानकारी भी शामिल है। कुंडली का सप्तम भाव विवाह का प्रतिनिधित्व करता है, और इस भाव में स्थित राशि और ग्रह किसी व्यक्ति के विवाहित जीवन के बारे में महत्वपूर्ण सूचना देते हैं। यदि यह भाव पीड़ित हो या ग्रहों के अशुभ प्रभाव में हो तो विवाह में समस्या आ सकती है। सप्तम भाव में विभिन्न ग्रहों का प्रभाव अलग-अलग होता है और प्रत्येक ग्रह की स्थिति अलग-अलग परिणाम देती है।

आइए जानते हैं कि सप्तम भाव में स्थित अलग अलग ग्रहों का क्या मतलब होता है:

– सूर्य: मजबूत व्यक्तित्व और रिश्तों में गतिशील बातचीत।

– चंद्रमा: भावनात्मक संवेदनशीलता और साझेदारियाँ जो बदल सकती हैं।

– बुध: अच्छा संचार कौशल, लेकिन रिश्ते अस्थिर हो सकते हैं।

– शुक्र: साझेदारी में सद्भाव और प्यार।

– मंगल: भावुक रिश्ते, लेकिन कभी-कभी वे विवादास्पद हो सकते हैं।

– बृहस्पति: लाभकारी और सहायक साझेदारियाँ।

– शनि: रिश्ते जो चुनौतियों और सबक के साथ आते हैं।

– राहु: अपरंपरागत रिश्ते और अप्रत्याशित घटनाएं।

– केतु: साझेदारी में कार्मिक संबंध और अलगाव।

आप अपनी निःशुल्क कुंडली ऑनलाइन तैयार कर सकते हैं और अपने वैवाहिक जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए अपनी कुंडली के सप्तम भाव में स्थित ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण कर सकते हैं।

करियर के लिए जन्म कुंडली

आपकी जन्म कुंडली आपकी नौकरी और करियर के बारे में बहुत कुछ बताती है। आपकी कुंडली का दसवां घर आपके करियर पथ के बारे में बताता है। इससे पता चलता है कि आपके पास किस तरह की नौकरी हो सकती है। यदि यहां अशुभ ग्रह हों तो आपको करियर में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुंडली के दसवें घर में अलग-अलग ग्रह अलग-अलग परिणाम लाते हैं:

-सूर्य: करियर में सफलता और पहचान।

-चंद्रमा: उतार-चढ़ाव भरा करियर पथ और भावनात्मक संतुष्टि।

-बुध: करियर विकल्पों में बहुमुखी प्रतिभा और अनुकूलनशीलता।

-शुक्र: रचनात्मक गतिविधियाँ और करियर में सामंजस्य।

-मंगल: करियर उपलब्धि के लिए महत्वाकांक्षा और ड्राइव।

-बृहस्पति: करियर के अवसरों में वृद्धि और विस्तार।

-शनि: चुनौतियाँ और सबक जो करियर में सफलता की ओर ले जाते हैं।

-राहु: अपरंपरागत करियर पथ और मान्यता की इच्छा।

-केतु: करियर विकल्पों को प्रभावित करने वाले कर्म संबंधी सबक और सांसारिक सफलता से अलगाव।

आप अपनी निःशुल्क कुंडली ऑनलाइन तैयार कर सकते हैं और अपने करियर से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने दसवें घर में ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण कर सकते हैं।

व्यवसाय के लिए जन्म कुंडली

आपकी जन्म कुंडली में आपके व्यवसाय और करियर की संभावनाओं के बारे में बहुमूल्य जानकारी होती है। कुंडली में सातवां घर आपके व्यावसायिक संबंधों का प्रतिनिधित्व करता है, और दसवां घर आपकी व्यावसायिक उपलब्धियों का प्रतिनिधित्व करता है। इन घरों में स्थित ग्रह आपके व्यावसायिक उद्यमों और करियर में उन्नति में संभावित सफलताओं और चुनौतियों का संकेत दे सकते हैं।

यदि इन घरों पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव पड़ता है, तो यह आपकी साझेदारी और आकांक्षाओं में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है। इन घरों में ग्रहों के प्रभाव को समझने से आपको अपने भविष्य की संभावनाओं के बारे में जानकारी मिल सकती है। आपकी जन्म कुंडली संभावित सफलताओं और चुनौतियों सहित आपके व्यावसायिक प्रयासों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है। कुंडली में सातवां घर साझेदारी और व्यावसायिक संबंधों का प्रतिनिधित्व करता है, जो आपके व्यावसायिक उद्यमों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इस घर में स्थित राशियाँ और ग्रह आपकी व्यावसायिक साझेदारी और सहयोग के महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रकट करते हैं।

इसी तरह, कुंडली में दसवां घर आपके करियर और सार्वजनिक छवि के लिए महत्वपूर्ण है, जो आपकी व्यावसायिक उपलब्धियों और आकांक्षाओं पर प्रकाश डालता है। यदि इनमें से कोई भी घर अशुभ ग्रहों से नकारात्मक रूप से प्रभावित है, तो आपकी व्यावसायिक साझेदारी और करियर आकांक्षाओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इन घरों में विभिन्न ग्रहों के प्रभाव अलग-अलग होते हैं, जो व्यावसायिक उद्यमों और करियर में उन्नति के लिए अलग-अलग परिणाम देते है, जैसे

– सूर्य: व्यावसायिक साझेदारी में नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करता है

– चंद्रमा: व्यापारिक रिश्तों में भावनात्मक उतार-चढ़ाव से जुड़ा है

– बुध: व्यावसायिक सहयोग में संचार कौशल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

– शुक्र: साझेदारी में सद्भाव और रचनात्मकता लाता है

– मंगल: महत्वाकांक्षा और गठबंधनों में सफलता की प्रेरणा से जुड़ा है

– बृहस्पति: व्यावसायिक साझेदारी में वृद्धि और विस्तार का प्रतिनिधित्व करता है

– शनि: व्यावसायिक गठबंधनों के साथ आने वाली चुनौतियों और सबक का संकेत देता है

– राहु: व्यावसायिक साझेदारी के लिए अपरंपरागत दृष्टिकोण का प्रतीक है

– केतु: कर्म पाठ का प्रतिनिधित्व करता है जो व्यावसायिक सहयोग को प्रभावित करता है।

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क्या ज्योतिषी आपकी कुंडली के बारे में पता लगा सकते हैं? https://kundlihindi.com/blog/kya-jyotish-aapki-kundli-ke-bare-mein-bata-sakte-hain/ https://kundlihindi.com/blog/kya-jyotish-aapki-kundli-ke-bare-mein-bata-sakte-hain/#respond Sat, 09 Dec 2023 11:20:37 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2508 भारतीय संस्कृति में सदियों से, लोगों ने अपने जीवन में मार्गदर्शन और अंतर्दृष्टि के लिए ज्योतिष का सहारा लिया है। आने वाले कल की भविष्यवाणी करने के लिए सबसे मुख्य भूमिका जन्म कुंडली की होती है। कुंडली की अवधारणा, ग्रहों की स्थिति के आधार पर स्पष्ट भविष्यवाणी की जा सकती है। लेकिन क्या ज्योतिषी वास्तव...

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भारतीय संस्कृति में सदियों से, लोगों ने अपने जीवन में मार्गदर्शन और अंतर्दृष्टि के लिए ज्योतिष का सहारा लिया है। आने वाले कल की भविष्यवाणी करने के लिए सबसे मुख्य भूमिका जन्म कुंडली की होती है। कुंडली की अवधारणा, ग्रहों की स्थिति के आधार पर स्पष्ट भविष्यवाणी की जा सकती है। लेकिन क्या ज्योतिषी वास्तव में आपकी कुंडली के बारे में पता लगा सकते हैं और सटीक भविष्यवाणियां कर सकते हैं?

हालांकि ज्योतिषियों के पास आपकी कुंडली का अंतर्निहित ज्ञान होने का विचार रहस्यमय लग सकता है, लेकिन इसका उत्तर उतना ही आसान है। हां, ज्योतिषी आपकी जन्म कुंडली का विश्लेषण कर, उसकी व्याख्या कर सकते हैं, लेकिन यह प्रक्रिया कई अन्य कारकों पर निर्भर करती है:

सटीक विवरण: कुंडली के सटीक विश्लेषण लिए आपकी जन्मतिथि, समय और स्थान जैसे विवरण की आवश्यकता होती है। जन्म तिथि से जुड़ी गलत जानकारी से गलत व्याख्या हो सकती है।

ज्योतिषीय विशेषज्ञता: ज्योतिषी का कौशल और ज्ञान महत्वपूर्ण है। एक अनुभवी ज्योतिषी ग्रहों की स्थिति की जटिलताओं और आपके जीवन पर उनके प्रभाव को समझ सकता है।

व्याख्या शैली: विभिन्न ज्योतिष विद्यालयों की अलग-अलग व्याख्याएँ होती हैं, जिससे विविध भविष्यवाणियाँ होती हैं।

ज्योतिषी इस जानकारी तक कैसे पहुँचते हैं?

जन्म कुंडली को डिकोड करना: आपकी कुंडली अनिवार्य रूप से आपके दुनिया में प्रवेश करने के समय के खगोलीय परिदृश्य का एक स्नैपशॉट होती है। यह एक अनूठा मानचित्र है जो विभिन्न घरों, राशियों और चंद्र भावों में ग्रहों की स्थिति और उनके विशिष्ट स्थान को दर्शाता है। यह जटिल व्यवस्था ज्योतिषीय भविष्यवाणियों और किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व, जीवन पथ और संभावित चुनौतियों और अवसरों की अंतर्दृष्टि का आधार बनती है।

पारंपरिक तरीके: परंपरागत रूप से, ज्योतिषी किसी निश्चित समय और स्थान पर ग्रहों की स्थिति निर्धारित करने के लिए खगोलीय गणना और विशिष्ट सूत्रों के अपने ज्ञान पर भरोसा करते थे। इस सूक्ष्म प्रक्रिया के लिए गणित, खगोल विज्ञान और वैदिक ज्योतिष ग्रंथों में विशेषज्ञता की आवश्यकता थी। हालाँकि, प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ, इन गणनाओं को स्वचालित करने के लिए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम विकसित किए गए हैं, जिससे ज्योतिषियों के लिए कुंडली बनाना आसान हो गया है।

सटीकता को प्रभावित करने वाले कारक: प्रौद्योगिकी की मदद के बावजूद, कई कारक किसी कुंडली की सटीकता को प्रभावित कर सकते हैं।

जन्म का समय: सटीक कुंडली मिलान और कुंडली बनाने के लिए जन्म का सही समय महत्वपूर्ण है। यहां तक ​​कि रिकॉर्ड किए गए समय में थोड़ी सी भी विसंगति ग्रहों की स्थिति और परिणामस्वरूप, व्याख्याओं को प्रभावित कर सकती है।

जन्म स्थान: जन्म का भौगोलिक स्थान उस समय आकाश में दिखाई देने वाले विशिष्ट नक्षत्रों को निर्धारित करता है। एक सटीक जन्म कुंडली बनाने के लिए सटीक अक्षांश और देशांतर को जानना आवश्यक है।

ज्योतिषी की विशेषज्ञता: ज्योतिषी का अनुभव और कौशल कुंडली की व्याख्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वैदिक सिद्धांतों की गहरी समझ रखने वाला एक अनुभवी ज्योतिषी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है।

अलगअलग ज्योतिषी अलगअलग भविष्यवाणियाँ क्यों करते हैं?

कुंडली स्वयं खगोलीय स्थितियों का एक निश्चित प्रतिनिधित्व है, ज्योतिषी के दृष्टिकोण और कौशल के आधार पर व्याख्याएं अलग-अलग होती हैं। यहीं पर मानवीय व्यक्तिपरकता आती है। वैदिक ज्योतिष के भीतर विचार के विभिन्न स्कूल कुंडली के विभिन्न पहलुओं पर जोर देते हैं, जिससे व्याख्याओं और भविष्यवाणियों में भिन्नता आती है। इसके अतिरिक्त, ज्योतिषी का अनुभव और अंतर्ज्ञान भी प्रभावित करता है कि वे विभिन्न ग्रहों की स्थिति और उनकी बातचीत की व्याख्या कैसे करते हैं।

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ऐसे कई कारण हैं जो ज्योतिषीय भविष्यवाणियों में विभिन्नता दर्शाते हैं

अधूरी या गलत जन्म जानकारी: जन्म समय या स्थान में थोड़ा सा बदलाव कुंडली और उसके बाद की भविष्यवाणियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

ज्योतिष के विभिन्न विद्यालय: वैदिक ज्योतिष, पश्चिमी ज्योतिष, चीनी ज्योतिष, और कई अन्य विद्यालय मौजूद हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने अलग नियम और व्याख्याएं हैं।

ज्योतिषी का अनुभव और विशेषज्ञता: एक कुशल और अनुभवी ज्योतिषी कुंडली की बारीकियों की अधिक सटीक व्याख्या कर सकता है, जिससे अधिक सटीक भविष्यवाणियां हो सकती हैं।

व्यक्तिगत पूर्वाग्रह और व्यक्तिगत व्याख्याएँ: आख़िरकार, ज्योतिषी अपने स्वयं के पूर्वाग्रहों और दृष्टिकोणों वाले मनुष्य हैं, जो उनकी व्याख्याओं को प्रभावित कर सकते हैं।

जीवन की अंतर्निहित अप्रत्याशितता: जबकि ज्योतिष मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जीवन स्वाभाविक रूप से अप्रत्याशित है और केवल ग्रहों की स्थिति से परे विभिन्न कारकों से प्रभावित होता है।

निःशुल्क कुंडली ऑनलाइन बनाएं

वैदिक ज्योतिष का व्यापक ज्ञान रखने वाले प्रसिद्ध ज्योतिषी डॉ. विनय बजरंगी अपनी वेबसाइट पर मुफ्त ऑनलाइन कुंडली निर्माण सेवा प्रदान करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म आपको सटीक जानकारी के आधार पर अपनी व्यक्तिगत जन्म कुंडली बनाने की अनुमति देता है।

डॉ. बजरंगी का दृष्टिकोण आपकी कुंडली की समग्र समझ प्रदान करने, ग्रहों की स्थिति, उनका आपसी तालमेल और आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर उनके संभावित प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर देता है। उनका मानना ​​है कि ज्योतिष व्यक्तियों को उनकी ताकत, कमजोरियों और विकास के अवसरों के बारे में जानकारी देकर सशक्त बना सकता है।

जबकि Free ऑनलाइन कुंडली एक मूल्यवान प्रारंभिक बिंदु प्रदान करती है, डॉ. बजरंगी गहन विश्लेषण और मार्गदर्शन के लिए व्यक्तिगत परामर्श भी प्रदान करते हैं। वह व्यक्तियों को आत्म-खोज और व्यक्तिगत विकास के एक उपकरण के रूप में ज्योतिष की विशाल क्षमता का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

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सभी राशियों के लिए दैनिक ज्योतिष भविष्यवाणी प्राप्त करें https://kundlihindi.com/blog/daily-astrology-prediction/ https://kundlihindi.com/blog/daily-astrology-prediction/#respond Sat, 02 Dec 2023 07:54:54 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2477 जब भी हम एक नए दिन की शुरुआत करते हैं, तो हमारे मन में अक्सर ऐसे सवाल आते हैं कि आज का दिन हमारे लिए कैसा रहेगा? क्या हमें सफलता मिलेगी या हमें किसी तरह की चुनौती का सामना करना पड़ेगा? इसी समय में, दैनिक ज्योतिष भविष्यवाणी एक महत्वपूर्ण साधन बन जाती है। हर सुबह,...

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जब भी हम एक नए दिन की शुरुआत करते हैं, तो हमारे मन में अक्सर ऐसे सवाल आते हैं कि आज का दिन हमारे लिए कैसा रहेगा? क्या हमें सफलता मिलेगी या हमें किसी तरह की चुनौती का सामना करना पड़ेगा? इसी समय में, दैनिक ज्योतिष भविष्यवाणी एक महत्वपूर्ण साधन बन जाती है। हर सुबह, हम देखते हैं कि हजारों लोग सबसे पहले अपने न्यूज पेपर के राशिफल पेज पर जाते हैं ताकि यह जान सकें कि उनका दैनिक राशिफल उनके दिन के बारे में क्या कहता है। राशिफल को लेकर हर किसी के मन में जिज्ञासा रहती है कि आज का दिन कैसा रहेगा।

यह ज्योतिष और उसकी भविष्यवाणियों में लोगों की लोकप्रियता और विश्वास का एक आदर्श उदाहरण है। ज्योतिष एक ऐसा विज्ञान है जो हमें आने वाले समय के बारे में सूचित करने में मदद कर सकता है। दैनिक राशिफल/Daily Horoscope से जुड़ी भविष्यवाणी हमें नए दिन को एक सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने का अवसर प्रदान करती है और हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में मार्गदर्शन करती है।

कई लोग ज्योतिष को केवल एक विश्वास का विषय मानते हैं, लेकिन इसमें विज्ञान का भी एक अंश है। ज्योतिष नक्षत्रों, ग्रहों, और चंद्रमा के स्थिति के आधार पर आगामी कार्यों का अनुमान लगाती है। यह समझाता है कि हमारी जन्म कुंडली में स्थित ग्रहों की स्थिति हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती है। इसमें विज्ञान की तकनीक भी शामिल है, जिससे भविष्यवाणी की गई जाती है।

दैनिक ज्योतिष भविष्यवाणी आपको बताती है कि ग्रह नक्षत्र हमारे व्यक्तित्व, जीवन की घटनाओं और दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं। एक अनुभवी ज्योतिषी भविष्य में होने वाली घटनाओं की सही भविष्यवाणी कर सकता है, बशर्ते उसकी विषय पर अच्छी पकड़ हो।

क्या राशिफल आपका भविष्य बता सकता है?

क्या हमारा भविष्य हमारी राशि के छोटे से अक्षरों में छिपा हुआ है? क्या आकाशगंगा में चल रहे ग्रहों की स्थिति हमें हमारे भविष्य के बारे में सटीक जानकारी प्रदान कर सकती है? ये सवाल आज भी हमारे मन में बैठे हैं और हम अपने भविष्य को लेकर जानकारी प्राप्त करने के लिए राशिफलों की ओर मुड़ते हैं। इसका समर्थन और खंडन हमें हमेशा मिलता है, लेकिन क्या राशिफल हमारे जीवन की गहराइयों को स्पष्टता से बता सकता है, या यह केवल एक रहस्य है?

राशिफल का अर्थ:

राशिफल एक ऐसा ज्योतिषीय उपाय है जिसमें आकाशगंगा के विभिन्न स्थानों पर स्थित ग्रहों की स्थिति का अध्ययन किया जाता है और उसके आधार पर भविष्य की भविष्यवाणी की जाती है। यह विशेष रूप से राशि और नक्षत्रों के साथ जुड़ा होता है।

राशि और नक्षत्र:

12 राशियाँ और 27 नक्षत्रों का विवरण विभिन्न ग्रहों की स्थिति के आधार पर किया जाता है। राशिफल हर व्यक्ति की जन्म कुंडली के आधार पर तैयार किया जाता है, जिसमें उसकी जन्म की तारीख, समय, और स्थान शामिल होते हैं।

दैनिक राशिफल से हमें क्या पता चल सकता है?

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सभी चाहते हैं कि हमें आने वाले हर दिन के लिए तैयारी हो, ताकि हम अगले कदमों को सावधानीपूर्वक और सफलता के साथ बढ़ा सकें। इस में हमारे जीवन का एक छोटा सा सहारा हो सकता है – दैनिक राशिफल or varshik rashifal 2024 | यह हमें आने वाले दिन की चुनौतियों, अवसरों, और संघर्षों के बारे में जानकारी प्रदान करके हमारे भविष्य को सूचित करने का प्रयास करता है।

दैनिक राशिफल का महत्व:

संघर्षों का सामना: दैनिक राशिफल हमें यह बता सकता है कि आज के दिन किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करना होगा और हमें कैसे इनसे निबटना चाहिए। यह हमें सावधानी और तैयारी में रखने में मदद कर सकता है।

अवसरों का समय: राशिफल अवसरों को पहचानने में मदद कर सकता है जो हमारे जीवन में आ सकते हैं। यह बता सकता है कि किस क्षेत्र में हमें नए और सकारात्मक अवसर मिल सकते हैं।

स्वास्थ्य का ध्यान: दैनिक राशिफल स्वास्थ्य के मामले में सावधानी बरतने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है। यह बता सकता है कि किस प्रकार के स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और कैसे उनसे बचा जा सकता है।

लव लाइफ़ – दैनिक राशिफल हमें रिश्तों और उनसे जुड़ी जटिलताओं को भी समझने में मदद करता है। इसके अलावा यह अपने रिश्तों में मजबूती बढ़ाने के उपाय और समाधान भी बताता है।

प्रेरणा और संगीत: कई बार दैनिक राशिफल हमें प्रेरित कर सकता है और जीवन में नए और उत्कृष्ट क्षेत्रों की ओर आगे बढ़ने के लिए हमें प्रेरित कर सकता है।

राशिफल का सही उपयोग कैसे करें:

सही स्रोत का चयन: राशिफल को सही स्रोत से प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। प्रमुख ज्योतिषीय साइट्स और अख़बारों से ही आपको सटीक और विश्वसनीय जानकारी मिल सकती है। इसमें डॉक्टर विनय बजरंगी वेबसाइट सबसे विश्वसनीय और सटीक ज्योतिष भविष्यवाणी प्रदान करती है।

व्यक्तिगत समझ: राशिफल को सामान्य रूप से लेना या उसे हर किसी के लिए यथारूप से मानना सही नहीं है। यह व्यक्तिगत समझ के साथ ही सही होता है।

कर्मों में मेहनत: राशिफल की सिफारिश के बावजूद, सफलता के लिए हमें अपने कर्मों में मेहनत करना चाहिए। यह हमारी मेहनत और प्रयास का महत्व बढ़ाता है।

सकारात्मक दृष्टिकोण: राशिफल का सही उपयोग करने से हमें सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने में मदद मिलती है। यह हमें हर स्थिति को सकारात्मकता के साथ देखने में मदद कर सकता है।

दैनिक राशिफल हमें जीवन के रोजमर्रा के चुनौतियों और सुख-दुख से अवगत कराकर हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर सकता है। हालांकि, हमें इसे समझने में यह याद रखना चाहिए कि यह एक मात्र एक उपाय है और हमें अपनी मेहनत, समर्पण, और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए काम करना चाहिए।

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ज्योतिष शास्त्र से अपने भावी जीवनसाथी के बारे में जानें https://kundlihindi.com/blog/future-partner-prediction-in-hindi/ https://kundlihindi.com/blog/future-partner-prediction-in-hindi/#respond Mon, 27 Nov 2023 10:44:01 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2213 विवाह की उम्र होते ही कुंवारे लड़के-लड़कियां अपने भावी हमसफ़र को लेकर सपने बुनने लगते हैं। हर किसी के मन में यह कशमकश रहती है कि उसका भावी जीवनसाथी कैसा होगा। वो दिखने में कैसा होगा, उसका व्यवहार कैसा होगा और इसके अलावा न जाने कितने अनगिनत ख्वाब मन में छुपे होते हैं। अगर आपके...

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विवाह की उम्र होते ही कुंवारे लड़के-लड़कियां अपने भावी हमसफ़र को लेकर सपने बुनने लगते हैं। हर किसी के मन में यह कशमकश रहती है कि उसका भावी जीवनसाथी कैसा होगा। वो दिखने में कैसा होगा, उसका व्यवहार कैसा होगा और इसके अलावा न जाने कितने अनगिनत ख्वाब मन में छुपे होते हैं। अगर आपके मन में भी अपने सपनों के हमसफ़र को लेकर उत्सुकता है, तो ज्योतिष शास्त्र इसमें आपके लिए बेहद ही मददगार साबित हो सकता है। ज्योतिष आपके भावी जीवन साथी के बारे में बहुत ही मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है।

ज्योतिष शास्त्र में आपकी जन्म कुंडली बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कुंडली के अलग-अलग भाव आपके भावी जीवनसाथी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रकट कर सकते हैं, जैसे कि उनका व्यक्तित्व, रूप, करियर, स्वभाव, अनुकूलता, स्वास्थ्य और वे आपके परिवार से कैसे संबंधित हैं।

किसी ज्योतिषी से सलाह लेकर आप यह जान सकते हैं कि आपके भावी जीवनसाथी की जीवन में प्राथमिकताएं क्या होंगी और वह विवाह के बाद आपको कितना महत्व दे सकते हैं। एक अनुभवी ज्योतिषी आपको उस व्यक्ति के गुणों और विशेषताओं के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है।

भावी जीवन साथी की भविष्यवाणी

जन्म कुंडली के गहन विश्लेषण से किसी भी व्यक्ति के भावी जीवनसाथी की विशेषताओं, गुणों, उसकी पसंद और उसकी नापसंद से जुड़ी विशिष्ट जानकारी प्राप्त हो सकती। यह बेहद ही रोचक प्रक्रिया होती है और यह अलग अलग तरीकों से काम करती है:

जन्म कुंडली विश्लेषण:

आपकी जन्म कुंडली, आपके जन्म के समय के ग्रह नक्षत्रों के मैप की तरह होती है। इसे विभिन्न वर्गों में विभाजित किया गया है जिन्हें घर या भाव कहा जाता है, प्रत्येक भाव आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है।

सप्तम भाव का विश्लेषण:

भावी जीवनसाथी की भविष्यवाणी करते समय ज्योतिषी जन्म कुंडली के सप्तम भाव पर विशेष ध्यान देते हैं। कुंडली का सप्तम भाव विवाह और साझेदारी से जुड़ा हुआ होता है।

ग्रहों के प्रभाव को समझना:

सप्तम भाव में स्थित ग्रह और अन्य ग्रहों पर उनकी दृष्टि आपके संभावित जीवन साथी के गुणों और विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, सप्तम भाव में प्रेम और रोमांस के कारक ग्रह शुक्र की स्थिति का अक्सर रिश्तों की प्रकृति की अंतर्दृष्टि के लिए विश्लेषण किया जाता है।

अन्य कारकों पर विचार:

ज्योतिषी अन्य ग्रहों की स्थिति, ग्रहों के बीच के पहलुओं और सप्तम भाव को प्रभावित करने वाली राशियों को भी देख सकते हैं। प्रत्येक ग्रह और राशि में विशिष्ट गुण होते हैं जो भावी जीवनसाथी के बारे में अतिरिक्त विवरण प्रदान कर सकते हैं।

दशा और गोचर का समय:

आपके जीवन में विवाह और साझेदारी से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाएँ कब घटित हो सकती हैं, इसकी भविष्यवाणी करने के लिए ज्योतिषी ग्रहों की दशा (ग्रहों की अवधि) और पारगमन (ग्रहों की वर्तमान स्थिति) का उपयोग कर सकते हैं।

किसी ज्योतिषी से परामर्श:

सबसे व्यक्तिगत और सटीक भविष्यवाणियां अक्सर एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करने से आती हैं। वे आपकी कुंडली की जटिलताओं की व्याख्या कर सकते हैं और आपके भावी जीवनसाथी के संभावित गुणों, विशेषताओं और समय के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

जन्म कुंडली से भावी जीवनसाथी की भविष्यवाणी

भावी जीवनसाथी के पहलुओं, जैसे उनकी वित्तीय स्थिति, करियर और अनुकूलता की भविष्यवाणी करने में व्यक्ति की जन्म कुंडली का विस्तृत विश्लेषण शामिल होता है। जन्म कुंडली एक ब्रह्मांडीय मानचित्र के रूप में कार्य करती है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

वित्तीय संकेतक : कुंडली का दूसरा भाव धन भाव कहलाता है। किसी भी व्यक्ति के संभावित जीवन साथी की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए ज्योतिषी दूसरे भाव की जांच करते हैं, जो धन और वित्त से जुड़ा होता है। इस भाव में बृहस्पति और शुक्र जैसे ग्रहों की स्थिति और उनकी दृष्टि समृद्धि और वित्तीय स्थिरता के बारे में संकेत दे सकती है। इसके अलावा इससे किसी भी व्यक्ति के भावी जीवनसाथी की आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाता है।

करियर अंतर्दृष्टि : भावी जीवन साथी के करियर की संभावनाओं को समझने के लिए दशम भाव की जांच की जाती है। यह भाव व्यक्ति के पेशेवर जीवन और उपलब्धियों को दर्शाता है। दशम भाव में शनि, सूर्य और चंद्रमा जैसे प्रभावशाली ग्रह और दशाओं और ट्रांजिट से व्यक्ति के करियर पथ, महत्वाकांक्षाओं और पेशेवर क्षेत्र में संभावित सफलता के बारे में जानकारी मिल सकती है।

अनुकूलता संबंधी विचार : जन्म कुंडली के सप्तम भाव का विश्लेषण, विशेष रूप से साझेदारी और विवाह से संबंधित, अनुकूलता का आकलन करने में मदद करता है। शुक्र और मंगल जैसे ग्रह, अपने पहलुओं के साथ, किसी व्यक्ति के जीवन के रोमांटिक और संबंधपरक पहलुओं को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त, समग्र चार्ट की जांच, जो दोनों व्यक्तियों की जन्म कुंडली को जोड़ती है, भागीदारों के बीच गतिशीलता और अनुकूलता की अधिक व्यापक समझ प्रदान कर सकती है।

विवाह के लिए कुंडली मिलान

कुंडली मिलान विवाह का एक अभिन्न हिस्सा माना जाता है। वर और वधू के विवाह से पहले, उनके माता-पिता अक्सर “कुंडली मिलान” करते हैं। कुंडली मिलान के माध्यम से भावी वर और वधू की आपस में अनुकूलता की जांच करने के लिए ज्योतिषियों से परामर्श किया जाता है।

विवाह के लिए कुंडली मिलान के पीछे यह विचार होता है कि भावी साथी एक-दूसरे के लिए कितने उपयुक्त हैं और भविष्य में इनका आपस में किस तरह का तालमेल बनेगा। ऐसा माना जाता है कि यह उनके भावी जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। आज भी भारतीय संस्कृति में विवाह के लिए कुंडली मिलान को प्राथमिकता दी जाती है।

जन्म कुंडली में प्रमुख तत्व:

जन्म कुंडली में 12 भावों में अलग अलग ग्रह शामिल होते हैं, जिनमें सूर्य, चंद्रमा, ग्रहों की स्थिति और लग्न (उदय राशि) जैसे विशिष्ट बिंदु शामिल हैं। विभिन्न घरों में स्थित ग्रह जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

गुण मिलानअष्टकूट अनुकूलता:

कुंडली मिलान में सबसे अधिक महत्वपूर्ण अष्टकूट मिलान या गुण मिलान होता है। इसमें विभिन्न विशेषताओं या “कूटों” को अंक देना शामिल है, जैसे वर्ण (जाति), वश्य (प्रभुत्व), तारा (अनुकूलता), योनि (प्रकृति), ग्रह मैत्री (दोस्ती), गण (स्वभाव), भकूट (संबंध), और नाडी (स्वास्थ्य)।

स्कोरिंग और अनुकूलता:

प्रत्येक कूट को एक निश्चित संख्या में अंक दिए गए हैं, और कुल अंक दोनों चार्ट्स के बीच संगतता के स्तर को दर्शाते हैं। आमतौर पर सौहार्दपूर्ण विवाह के लिए उच्च अंक अधिक अनुकूल माने जाते हैं।

नाड़ी दोष और अन्य विचार:

कुंडली मिलान में विशिष्ट संयोजनों पर विचार किया जाता है, जिन्हें दोष के नाम से जाना जाता है। उदाहरण के लिए, नाड़ी दोष तब उत्पन्न होता है जब दोनों व्यक्तियों की नाड़ी (नाड़ी) एक समान होती है। इसे अशुभ माना जाता है और इसके निवारण के लिए ज्योतिष में कई अचूक उपाय सुझाए जा सकते हैं।

उपाय एवं मार्गदर्शन:

यदि कुंडली मिलान में अष्टकूट मिलान कम अंक आते हैं, तो ज्योतिषी संभावित चुनौतियों को कम करने के लिए उपाय या अनुष्ठान सुझा सकते हैं। इन उपायों में अनुकूलता बढ़ाने के लिए रत्न संबंधी सिफारिशें, प्रार्थनाएं या अनुष्ठान शामिल हो सकते हैं।

इसके बारे में और पढ़ें: Rashifal 2024 | Daily Horoscope in Hindi | Child Prediction

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विवाह के लिए क्यों जरूरी है कुंडली मिलान https://kundlihindi.com/blog/vivah-ke-liye-kyu-jaruri-hai-kundli-milan/ https://kundlihindi.com/blog/vivah-ke-liye-kyu-jaruri-hai-kundli-milan/#respond Tue, 21 Nov 2023 11:14:07 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2160 भारतीय परंपरा में कुंडली मिलान विवाह का एक अभिन्न हिस्सा माना जाता है। वर और वधू के विवाह से पहले, उनके माता-पिता अक्सर “कुंडली मिलान” करते हैं। कुंडली मिलान के माध्यम से भावी वर और वधू की आपस में अनुकूलता की जांच करने के लिए ज्योतिषियों से परामर्श किया जाता है। विवाह के लिए कुंडली...

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भारतीय परंपरा में कुंडली मिलान विवाह का एक अभिन्न हिस्सा माना जाता है। वर और वधू के विवाह से पहले, उनके माता-पिता अक्सर “कुंडली मिलान” करते हैं। कुंडली मिलान के माध्यम से भावी वर और वधू की आपस में अनुकूलता की जांच करने के लिए ज्योतिषियों से परामर्श किया जाता है।

विवाह के लिए कुंडली मिलान के पीछे यह विचार होता है कि भावी साथी एक-दूसरे के लिए कितने उपयुक्त हैं और भविष्य में इनका आपस में किस तरह का तालमेल बनेगा। ऐसा माना जाता है कि यह उनके भावी जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जैसे:

अनुकूलता: कुंडली मिलान का उद्देश्य यह आकलन करना है कि भावी जोड़े के व्यक्तित्व और जीवन लक्ष्य कितने मेल खाते हैं। इससे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि क्या वे एक अच्छे जीवन साथी बन पाएंगे या नहीं और जीवन में सौहार्दपूर्ण ढंग से साथ रह सकेंगे या नहीं।

आपसी समझ: ऐसा माना जाता है कि कुंडली मिलान से जोड़े के बीच समझ और संचार के स्तर का अनुमान लगाया जा सकता है। एक अच्छे मैच से एक गहरा और अधिक संतुष्टिदायक संबंध होने की उम्मीद की जाती है।

संतान सुख : कुंडली मिलान से दंपत्ति की संतान प्राप्ति की क्षमता और उनकी भावी संतानों के भविष्य के बारे में भी जानकारी मिल सकती है।

स्वास्थ्य: ऐसा माना जाता है कि यह जोड़े की स्वास्थ्य संभावनाओं को इंगित करता है, जिससे उन्हें संभावित स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के लिए तैयार होने में मदद मिलती है।

भाग्य और अनुकूलता: माना जाता है कि यह प्रक्रिया इस बात पर प्रकाश डालती है कि जोड़े एक-दूसरे के लिए कितने भाग्यशाली हैं, और यह सुझाव देते हैं कि क्या वे एक-दूसरे के जीवन में सौभाग्य लाएंगे।

समायोजन: कुंडली मिलान से यह भी पता चल सकता है कि युगल जीवन में आने वाली विभिन्न परिस्थितियों और चुनौतियों से कितनी अच्छी तरह तालमेल बिठाएंगे, जिससे उन्हें एक साथ अपनी यात्रा के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी।

ऐसा माना जाता है कि अच्छी तरह किया हुआ तो कुंडली मिलान एक खुशहाल और सफल विवाह में योगदान देता है। यह जोड़े की अनुकूलता के विभिन्न पहलुओं में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जिससे उन्हें अपने जीवन के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कुंडली मिलान भारतीय परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा है जो विश्वास और संस्कृति में निहित है, और इसकी सटीकता और प्रभावशीलता ज्योतिषी की प्रभावकारिता और विशेषज्ञता पर अत्यधिक निर्भर है।

विवाह के लिए कुंडली मिलान का महत्व

कुंडली मिलान जिसे कुंडली अनुकूलता विश्लेषण के रूप में भी जाना जाता है, कई लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है, खासकर उन संस्कृतियों में जहां ज्योतिष विवाह में प्रमुख भूमिका निभाता है। कुंडली मिलान को विवाह के लिए कई तरह से महत्वपूर्ण माना जाता है:

अनुकूलता का आकलन: कुंडली मिलान भावी वर और वधू के बीच अनुकूलता का मूल्यांकन करता है। विवाह के लिए ज्योतिषीय ऑनलाइन रिपोर्ट यह निर्धारित करने के लिए उनकी जन्म कुंडली का विश्लेषण करती है कि उनके व्यक्तित्व, मूल्य और जीवन लक्ष्य कितने मेल खाते हैं। ऐसा माना जाता है कि एक अच्छे जोड़े से सौहार्दपूर्ण और सफल विवाह की संभावना अधिक होती है।

सांस्कृतिक और परंपरा: कई संस्कृतियों में, जैसे कि भारतीय, वैदिक और कुछ पूर्वी एशियाई समाजों में, कुंडली मिलान उनकी परंपरा का हिस्सा है। यह विवाह प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग है, और कई परिवार एक सफल मिलन सुनिश्चित करने के लिए इसे आवश्यक मानते हैं।

अनुकूलता कारकों की भविष्यवाणी: कुंडली मिलान स्वभाव, पारिवारिक पृष्ठभूमि, वित्तीय अनुकूलता और समग्र जीवन संभावनाओं सहित विभिन्न अनुकूलता कारकों में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है। यह जानकारी जोड़े और उनके परिवारों को विवाह के बारे में जानकारीपूर्ण निर्णय लेने में मदद कर सकती है।

संभावित मुद्दों को कम करना: कुंडली का विश्लेषण करके, ज्योतिषियों का लक्ष्य विवाह में उत्पन्न होने वाली संभावित चुनौतियों और मुद्दों की पहचान करना है। इस जानकारी का उपयोग निवारक उपाय करने या किसी भी कठिनाई के लिए तैयारी करने के लिए किया जा सकता है।

ज्योतिष में विश्वास: जो लोग ज्योतिष में विश्वास करते हैं, उनके लिए कुंडली मिलान को आकाशीय मार्गदर्शन प्राप्त करने और किसी के जीवन को ब्रह्मांडीय शक्तियों के साथ संरेखित करने के एक तरीके के रूप में देखा जाता है। यह अनिश्चित दुनिया में नियंत्रण और समझ की भावना प्रदान करता है।

पारिवारिक स्वीकृति: कभी-कभी, परिवार के सदस्य यह सुनिश्चित करने के लिए कुंडली मिलान पर जोर दे सकते हैं कि युगल एक अच्छा मेल है। इससे विस्तारित परिवार की स्वीकृति और समर्थन प्राप्त करने में मदद मिल सकती है, जो कई संस्कृतियों में महत्वपूर्ण है।

तलाक की दर को कम करना: कुंडली मिलान के समर्थकों का तर्क है कि यह आवेगपूर्ण विकल्पों के बजाय अनुकूलता और साझा मूल्यों पर आधारित विवाह को बढ़ावा देकर तलाक की दर को कम कर सकता है।

क्या लवलाइफ़ में राशिफल मायने रखता है?

यदि आप प्रेम विवाह करना चाहते हैं तो आपकी कुंडली मिलान में एक विशेष योग “प्रेम विवाह योग” का होना आवश्यक है। यह अनूठा पहलू जोड़े को अपने रिश्ते के रोमांटिक पक्ष से परे देखने और निष्ठा, प्रजनन क्षमता, स्वास्थ्य और यहां तक ​​कि जीवनकाल जैसे अन्य महत्वपूर्ण जीवन पहलुओं में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने की अनुमति देता है। प्रेम विवाह के लिए कुंडली मिलान में, ज्योतिषी  प्रेम विवाह योग की उपस्थिति की भविष्यवाणी करने के लिए चार विशिष्ट घरों (5वें, 7वें, 8वें और 11वें घर) की बारीकी से जांच करते हैं।

वृश्चिक, कर्क और मीन जैसी कुछ राशियाँ, साथ ही मंगल, शुक्र, राहु, चंद्रमा और बुध जैसे ग्रह इसके प्रभाव को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जबकि लव पार्टनर पहले से ही अपनी भावनाओं, महत्वाकांक्षाओं और व्यक्तित्वों से अवगत होते हैं, कुंडली मिलान में प्रेम योग का अध्ययन करने से उन्हें संभावित चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने और नेविगेट करने में मदद मिलती है, जिससे कठिनाई के समय में भी अधिक सामंजस्यपूर्ण संबंध सुनिश्चित होता है।

इसके बारे में और पढ़ें: Varshik Rashifal 2024 | बाल ज्योतिष | विवाह की भविष्यवाणी | ज्योतिषी परामर्श

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