late marriage Archives - KundliHindi https://kundlihindi.com/tag/late-marriage/ My WordPress Blog Sat, 09 Nov 2024 07:27:54 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://i0.wp.com/kundlihindi.com/wp-content/uploads/2022/11/cropped-kundlihindi.png?fit=32%2C32&ssl=1 late marriage Archives - KundliHindi https://kundlihindi.com/tag/late-marriage/ 32 32 214685846 क्या आगे देवउठनी एकादशी आपके विवाह योग को बनाएं? https://kundlihindi.com/blog/marriage-yoga/ https://kundlihindi.com/blog/marriage-yoga/#respond Sat, 09 Nov 2024 07:27:54 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3163 देव उठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन को भगवान विष्णु के चार महीने के शयनकाल के समाप्त होने का संकेत माना जाता है। इसके बाद सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है, खासकर विवाह से जुड़े कार्यों की। ऐसे में यह सवाल उठता...

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देव उठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन को भगवान विष्णु के चार महीने के शयनकाल के समाप्त होने का संकेत माना जाता है। इसके बाद सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है, खासकर विवाह से जुड़े कार्यों की। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या देव उठनी एकादशी आपके विवाह योग को सशक्त बना सकती है? जो लोग विवाह में देरी का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि यह दिन आपके विवाह योग को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है।

देव उठनी एकादशी का महत्व

देव उठनी एकादशी का महत्व पौराणिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक है। इस दिन को भगवान विष्णु के जागरण का पर्व माना जाता है, जिसके बाद धार्मिक अनुष्ठान, विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो विवाह में देरी जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से कुंडली में विवाह से संबंधित दोषों को कम किया जा सकता है और विवाह योग को बल मिलता है।

कुंडली में विवाह योग कैसे बनता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की कुंडली में विवाह योग बनने के लिए कई कारक महत्वपूर्ण होते हैं। कुंडली के सातवें भाव, शुक्र ग्रह, गुरु ग्रह और दारकारमाण (दारा कारक) ग्रह का स्थान और उनके संबंध विवाह योग को प्रभावित करते हैं। यदि किसी की कुंडली में कुछ दोष होते हैं, तो उस व्यक्ति के विवाह में देरी हो सकती है। देव उठनी एकादशी पर व्रत और पूजा करना कुंडली में इन दोषों को शांत कर सकता है और विवाह योग को सशक्त बना सकता है।

देव उठनी एकादशी पर विवाह योग को सशक्त करने के उपाय

देव उठनी एकादशी के दिन किए गए कुछ विशेष उपाय आपके विवाह योग को सशक्त बनाने में सहायक हो सकते हैं। यहां कुछ आसान उपाय दिए गए हैं:

1.    भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा: इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और पीले फूल चढ़ाएं।

2.    व्रत और अनुष्ठान: इस दिन व्रत करने और विष्णु मंत्रों का जाप करने से कुंडली में विवाह से संबंधित दोषों का शमन होता है।

3.    दान और सेवा: गरीबों को दान देने से भी कुंडली के दोषों का प्रभाव कम होता है और विवाह योग मजबूत होता है। इस दिन अन्न, वस्त्र और धन का दान करने का विशेष महत्व है।

4.    मंत्र जाप: विवाह के योग को सशक्त बनाने के लिए इस दिन विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए, जैसे लक्ष्मीनारायणाय नमःका जाप। इससे कुंडली के दोषों में कमी आती है।

क्या इस एकादशी पर विवाह निश्चित हो सकता है?

ज्योतिष में मान्यता है कि देव उठनी एकादशी पर किए गए उपाय और पूजा विवाह के लिए शुभ फल प्रदान कर सकते हैं। इस दिन का व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा से कुंडली के दोष शांत हो सकते हैं, जिससे विवाह में आने वाली अड़चनों को दूर किया जा सकता है। हालांकि, सटीक परिणाम के लिए जन्म कुंडली का विश्लेषण आवश्यक है। इसलिए, कुंडली का अध्ययन करके व्यक्ति के विवाह योग को समझना और आवश्यक उपाय करना बेहतर होता है।

निष्कर्ष

देव उठनी एकादशी का पर्व विवाह योग के लिए अत्यंत शुभ अवसर माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से विवाह में रही देरी और अड़चनें दूर हो सकती हैं। अगर आप विवाह के लिए शुभ समय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो इस देवउठनी एकादशी का लाभ उठाएं। उचित उपाय और पूजा के माध्यम से विवाह योग को सशक्त बनाएं और अपने जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करें। विवाह में देरी के लिए ज्योतिष परामर्श |

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल वैवाहिक आनंद प्रदान करें।

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कुंडली से कैसे जानें, किस उम्र में होगी आपकी शादी और कैसा होगा जीवनसाथी? https://kundlihindi.com/blog/kaise-jane-kab-hogi-shadi/ https://kundlihindi.com/blog/kaise-jane-kab-hogi-shadi/#respond Sat, 28 Sep 2024 04:59:33 +0000 https://kundlihindi.com/?p=3086 शादी कब होगी इस प्रश्न का उत्तर ज्योतिष की सहायता से आसानी से जाना जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र अनुसार व्यक्ति के जीवन में होने वाली प्रत्येक घटना का संबंध ग्रह नक्षत्रों के प्रभाव एवं कर्मों की अवधारणा द्वारा ही संभव होती है। शादी विवाह से जुड़े प्रश्नों को जन्म कुंडली अनुसार समझा जा सकता...

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शादी कब होगी इस प्रश्न का उत्तर ज्योतिष की सहायता से आसानी से जाना जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र अनुसार व्यक्ति के जीवन में होने वाली प्रत्येक घटना का संबंध ग्रह नक्षत्रों के प्रभाव एवं कर्मों की अवधारणा द्वारा ही संभव होती है। शादी विवाह से जुड़े प्रश्नों को जन्म कुंडली अनुसार समझा जा सकता है जिसमें कुंडली के कुछ विशेष भावग्रह अपनी अग्रीण भूमिका में होते हैं। किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सातवां भाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन से संबंधित सुखों को बताता है। कुंडली में विवाह संबंधित भाव ग्रहों का विश्लेषण करके, ग्रह एवं दशा गोचर की स्थिति को देख कर शादी की उम्र के बारे में तो जान सकते ही हैं और साथ ही आपका जीवन साथी कैसे गुणों वाला होगा इन बातों को भी आसानी से जाना जा सकता है।

 और इस भाव को दारा भाव भी कहा जाता है अर्थात जीवनसाथी का भाव और इस भाव की शुभता अशुभता का प्रभाव विवाह के बारे में जानकारी देने वाला होता है। कुछ विद्वान शादी के बारे में जानकारी के लिए सातवें भाव का विश्लेषण करते हैं जो उचित है लेकिन इस भाव को ही निर्णय के लिए मुख्य मान लेना उचित नहीं होगा। विवाह के लिए सातवां भाव, पंचम भाव, दूसरा भाव, आठवां भाव, बारहवां भाव वर्ग कुंडलियों में नवमांश कुंडली, सप्तमांश कुंडली, षष्टियांश कुण्डली इत्यादि पर भी विचार करने की आवश्यकता होती है।

लग्न कुंडली के अलावा भी अन्य कुंडलियों का विश्लेषण करते हुए शादी के समय की भविष्यवाणी करना संभव होता है। शादी से संबंधित हर प्रकार का प्रश्न कि शादी में देर क्यों हो रही है, शादी शादी कब होगी, शादी में सुख कैसा रहेगा, शादी के पश्चात संतान सुख कैसा होगा, जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शादी कैसे आपको प्रभावित कर सकती है इस तरह के तमाम प्रश्नों के उत्तर ज्योतिषीय परामर्श द्वारा जाना जा सकता है।

कुंडली से कैसे जानें देर से शादी होने के कारण?

शादी में देरी के कई कारण हो सकते हैं जो ऊपरी रूप में तो हमें दिखाई देते हैं लेकिन उनका भीतरी पक्ष हम देख नहीं पाते हैं। जैसे कि कई बार नौकरीकरियर में अच्छे से स्थापित होने के बाद शादी करने का विचार देरी बना जाता है, रिश्ते का बार बार टूट जाना,  या फिर पसंद के अनुसार रिश्ता नहीं मिल पाना देरी बनाता चला जाता है या फिर इस तरह के तमाम उदाहरण देखने को मिल सकते हैं जिसके कारण विवाह में देरी होने लगती है। यह ऊपरी बातें तो दिखाई देती हैं लेकिन जब बात आती है इसके भीतर झांकने की तो इसका उत्तर हमें ज्योतिष में मिलता है क्योंकि  कई बार कुंडली में ऎसे योग बन रहे होते हैं जो शादी में देरी का कारण बन रहे होते हैं।

कुंडली में बनने वाले अशुभ योग, विवाह विलंब योग, मांगलिक योग, लग्न कुंडली में ग्रह अनुकूल लेकिन नवांश कुंडली में बलहीन, विवाह से संबंधित भावों की निर्बलता, पाप ग्रहों का प्रभाव इत्यादि बातें वो सूक्ष्म नजरिया है ज्योतिष का जो हमें बताता है की आखिर किन कारणों से हमारे विवाह में देरी/Late Marriage हो रही है।  

देर से शादी होने के कारण में लग्न कुंडली में सप्तम भाव की निर्बलता देरी बनाती है
कुंडली में सप्तम भाव और सप्तम भाव के स्वामी का अष्टम भाव से संबंध दूसरे भाव से संबंध अथवा बारहवें भाव से संबंध विवाह में देरी का संकेत देता है।

कुंडली में शादी के कारक ग्रह बृहस्पति और शुक्र का कमजोर या पाप प्रभाव में होना
विवाह भाव पर शनि जैसे पाप ग्रह का असर होना विवाह में विलंब का कारण बन सकता है।

नवांश कुंडली में सप्तम भाव और सप्तमेश का अष्टम भाव से संबंध अथवा पाप ग्रहों से प्रभावित होना। यह कुछ सामान्य बातें हैं जो शादी में होने वाली देरी को दिखाती हैं।

कैसे पता करें कि आपकी शादी किस उम्र में होगी और कब होगी?

जन्म कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति के द्वारा शादी की उम्र के बारे में जाना जा सकता है। इसके साथ साथ शादी की तिथि माह इत्यादि के बारे में भी जान पाना संभव होता है। एक सामान्य सिद्धांत के अनुसार लग्न और सप्तम भाव की ओर जब ग्रहों का जमावड़ा गोचर समय लग रहा होता है तो यह समय विवाह होने की संभावनाओं के लिए अनुकूल माना जाता है। ग्रहों के गोचर की स्थिति सप्तम भाव अथवा लग्न के पास या भाव पर ही बन रही होती है तो इससे संबंधित भाव घटनाएं घटित होती हैं।

शादी किस उम्र में होगी इसके लिए जरुरी है की लग्न कुंडली के सातवें भाव और सातवें भाव के स्वामी की स्थिति को देख कर इस बारे में जान सकते हैं। अगर सातवें भाव में गुरु शुभ रूप से दृष्टि दे रहा हो तो ऐसी स्थिति में विवाह जल्द होने की संभावनाएं होती हैं 21 वर्ष से 25 वर्ष के भीतर व्यक्ति का विवाह हो जाता है लेकिन ध्यान रखें की सप्तम भाव और उसका स्वामी भी अनुकूल स्थिति में हो और कोई पाप प्रभाव उसे पीड़ा दे रहा हो। सातवें भाव में शुक्र, चंद्र और बुध का होना विवाह को कम उम्र में देने वाली स्थिति को बनाता है।

कुंडली अगर सप्तमेश निर्बल हो, शनि की दृष्टि या स्थिति का प्रभाव हो। कोई अशुभ योग सातवें भाव में बन रहा है। मांगलिक योग प्रबल रूप से बना हो तब इस स्थिति के कारण विवाह तीस वर्ष के बाद की स्थिति का कारण बनता है। शादी में विलंब का योग बनता है।

मेरी जन्म कुंडली भावी जीवन साथी के बारे में क्या बताती है

आपकी जन्म कुंडली आपके जीवन साथी के बारे में सभी बातों की जानकारी देती है। आप कुंडली की मदद से जान सकते हैं कि आप का जीवन साथी कैसा होगा, उसकी पसंद नापसंद, आपके साथ उसके संबंध कैसे रहेंगे।आप दोनों अपने वैवाहिक जीवन का आनंद कैसे ले पाएंगे, आपके जीवन साथी का व्यवहार उसके गुण दोष सभी कुछ जन्म कुंडली विश्लेषण से जान पाना संभव है। लेकिन इन सभी बातों और भावी जीवन साथी की जानकारी आपको तभी हो सकती है जब आप सही ज्योतिषीय परामर्श लेते हैं। 

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल वैवाहिक आनंद प्रदान करें।

यह भी पढ़ें: चिकित्सा ज्योतिषी | जीवन काल भविष्यवाणी | कुंडली मिलान

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जानिए कुंडली द्वारा कब होगी आपकी शादी, क्यों हो रही है देरी और कारण https://kundlihindi.com/blog/kundli-dwara-jane-shadi-kab-hogi/ https://kundlihindi.com/blog/kundli-dwara-jane-shadi-kab-hogi/#respond Wed, 17 Jul 2024 06:45:31 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2681 शादी विवाह जीवन का वह पड़ाव है जहां से जीवन का अलग ही रंग दिखाई देने लगता है. शादी विवाह को लेकर हम सभी लोग काफी भागदौड़ भी करते हैं एक अच्छे रिश्ते की तलाश सभी को रहती है. ऎसे में विवाह ज्योतिष इस में हमारी बहुत मदद कर सकता है. विवाह ज्योतिष के द्वारा...

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शादी विवाह जीवन का वह पड़ाव है जहां से जीवन का अलग ही रंग दिखाई देने लगता है. शादी विवाह को लेकर हम सभी लोग काफी भागदौड़ भी करते हैं एक अच्छे रिश्ते की तलाश सभी को रहती है. ऎसे में विवाह ज्योतिष इस में हमारी बहुत मदद कर सकता है. विवाह ज्योतिष के द्वारा पता लगाया जा सकता है की शादी के लिए सबसे अच्छा समय कब होगा और कब हम अपने सोलमेट को पाने में सफल होंगे

 

किसी व्यक्ति की शादी कब होगी यह कोई ऐसी स्थिति नहीं जिसे हम सही से नहीं जान सकते हैं हमें बस आवश्यकता होती है एक सही मार्गदर्शन की जिसे अधिकांश लोग ले नहीं पाते हैं. शादी से जुड़े हर प्रश्न का उत्तर आपकी ही जन्म कुंडली में छुपा होता है, इसी कारण से इसके लिए विवाह ज्योतिष की भूमिका को गहनता से जान लेना बहुत जरूरी है और साथ ही एक योग्य ज्योतिषी की मदद लेना भी बहुत आवश्यक होता है

 

कुंडली के उचित विश्लेषण से ही आप अपनी शादी का निर्णय नहीं ले सकते हैं. आपके लिए जरूरी है कि आप अपनी कुंडली को अच्छे से जानें. आपकी कुंडली का हर भाव आपके विवाह के सुख को दिखाने वाला होता है. वहीं इनमें से कुछ भाव ऎसे हैं जो आपके विवाह के समय को बताने वाले होते हैं. तो चलिये आइये जान लेते हैं वह कुछ बातें जो बताती हैं कि आखिर शादी कब हो सकती है, विवाह में दिक्कत, देरी, परेशानी जैसी बातों के कारण क्या हैं :-

 

शादी में देरी के क्या कारण हैं?

 

कई बार रिश्ते की खोज में लगातार मिलने वाली निराशा इतना परेशान कर देती है कि यह सब बहुत ही थका देने वाला और निराशाजनक भी बन जाता है. ऐसे में मन में प्रश्न उठ सकता है कि आखिर शादी में देरी के क्या कारण हैं?, तो इस बात को आपकी कुंडली स्पष्ट रूप से बताती है. कुंडली में सातवां भाव विवाह का घर कहलाता है. जीवन साथी कैसा होगा इसकी जानकारी के लिए सप्तम भाव का सूक्ष्म विश्लेषण बहुत जरुरी होता है. सप्तम भाव का स्वामी, सप्तम भाव के स्वामी पर अन्य ग्रहों का प्रभाव. सातवें भाव पर ग्रहों की दृष्टि, सातवें भाव का स्वामी कुंडली में कहां बैठा हुआ है और वर्ग कुंडली में उसका क्या हाल है. यह बातें जान कर विवाह में देरी का कारण पता लगाया जाता है

 

उदाहरण के लिए अगर कुंडली में सातवें भाव का स्वामी आठवें भाव में बैठ जाए, बारहवें भाव छठे भाव या दूसरे भाव में चला जाए. इसी के साथ अष्टम भाव का स्वामी सप्तम भाव के साथ राशि परिवर्तन कर ले या फिर सप्तम भाव में ही बैठ जाए, या फिर शनि ग्रह सातवें भाव को देखता हो या उसमें विराजमान है तो ऎसे कुछ कारण विवाह में देरी के लिए जिम्मेदार होते हैं. इसी तरह नवम भाव की स्थिति भी देखी जाती है.

 

देर से विवाह के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?

 

विवाह में देरी तो हो रही है जिसे हमने भाव से समझा लेकिन अब बात आती है की आखिर वे कौन से ग्रह हैं जोदेर से विवाह के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?” तो ऐसे में सामान्य रूप सातवें भाव के स्वामी, पाप ग्रहों अथवा क्रूर ग्रहों की भूमिका को अधिक देखा जाता है. अब जब बात आती है इन ग्रहों की कौन है पाप ग्रह और कौन हैं क्रूर ग्रह तो विशेष रूप से शनि, राहु, केतु, मंगल और सूर्य जैसे ग्रहों का नाम इसमें आता है

 

अब यहां यह भी समझना जरूरी है कि पाप ग्रह से अर्थ यह नहीं की ये खराब ग्रह हैं बल्कि इनके भीतर जो एक उग्रता या निरसता का गुण होता है वहीं विवाह में देरी के लिए जिम्मेदार बन जाता है, लेकिन इसके अलावा कई बार शुभ ग्रह भी विवाह में देरी/Late Marriage दे जाते हैं इसलिए इस स्थिति में जरूरी है की उचित रूप से कुंडली अनुसार ये देखा जाए की आपकी कुंडली में कौन सा ग्रह विशेष रूप से देर से विवाह के लिए जिम्मेदार बन रहा है.

 

कुंडली में विवाह के योग कब बनते हैं?

 

अब बात आती है कुंडली में विवाह के योग कब बनते हैं? तो इस के लिए कुंडली के बल को देखना जरूरी है, कुंडली में विवाह भाव, विवाह भाव का स्वामी कितना उत्तम है. शुभ ग्रहों का प्रभाव सप्तम भाव को किस तरह से मजबूती दे पा रहा है. अन्य वर्ग चार्ट जैसे कि नवांश कुंडली में ग्रहों की स्थिति सप्तम भाव और लग्न के साथ उसकी स्थिति या लग्न का स्वामी नवांश में कैसे बैठा हुआ है, वर्तमान में चल रही दशा और ग्रहों के गोचर का असर ये सब बातें बताती हैं की आपका विवाह कब होगा. कुंडली/kundli में लग्न, द्वितीय भाव, पंचम भाव, सप्तम भाव, नवम भावों की दशाएं गोचर जैसी स्थितियां विवाह के होने का संकेत देने वाली होती है. कुंडली में आपके जन्म चंद्रमा की स्थिति के साथ दशा गोचर और योग को देखते हुए आपके विवाह होने की भविष्यवाणी की जाती है

 

इन कुछ ज्योतिषीय सूत्रों को ध्यान में रख कर अगर हम रिश्तों को जोड़ते हैं. विवाह जैसे महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं तब हम सही अर्थों में शादी का सुख भी पाते हैं, इसलिए एक योग्य ज्योतिषी का मार्गदर्शन लेना अत्यंत आवश्यक होता है जो आपको सही जानकारी दे साथ में जो योग निर्बल बन रहे हैं उन्हें मजबूत करने के विशेष उपाय बताए जिससे आप उस सुख को पाएं जिस पर आपका अधिकार है.

 

इसके बारे में भी पढ़ सकते हैं: शादी से पहले कुंडली मिलान, शादी के बाद स्वास्थ्य भविष्यवाणी, अपने जीवन काल को कैसे बढ़ाएं

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