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श्रवण नक्षत्र एक शुभ एवं अत्यंत प्रभावी नक्षत्र है. श्रवण नक्षत्र को नक्षत्र ज्योतिष में चलायमान नक्षत्रों की श्रेणी में रखा गया है जिसका अर्थ है चलते रहना. इसी कारण करियर ज्योतिष अनुसार इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति को अपने करियर में भी हमेशा गतिशीलता का गुण अधिक देखने को मिलता है. श्रवण नक्षत्र के कई विशेष गुण हैं जो व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में विभिन्न रूपों में प्रभावित करते हैं

श्रवण नक्षत्र का ग्रह स्वामी चंद्रमा है. श्रवण नक्षत्र के देवता विष्णु हैं और श्रवण नक्षत्र के राशि स्वामी शनि देव हैमकर राशि में श्रवण नक्षत्र के सभी चरण विराजमान होते हैं. श्रवण का एक अर्थ सुनने की शक्ति से भी है इसलिए इस नक्षत्र के व्यक्ति में यह गुण विशेष रूप से प्रभावित हो सकता है. नक्षत्र के शुभ या अशुभ किसी भी रूप में जातक की सुनने की क्षमता प्रभावित होती है. श्रवण नक्षत्र को देव तुल्य गण में स्थान मिलता है जिसके चलते करियर ज्योतिष अनुसार इस नक्षत्र का जातक उच्च पद प्राप्ति के साथ समाज में मानसम्मान को प्राप्त करता है. आइये जान लेते हैं श्रवण नक्षत्र करियर के विषय से जुड़ी कुछ विशेष बातें और विशेषताएं.

श्रवण नक्षत्र और करियर से जुड़ी खास बातें

करियर ज्योतिष अनुसार श्रवण नक्षत्र शनि और चंद्रमा से प्रभावित होता है. श्रवण नक्षत्र सुनने की क्षमता के गुण को बेहतर बना सकता है जो ऎसे करियर में जुड़ने में मदद करता है जिनका संबंध, लेखन, संचार, शोध से रहा हो. श्रवण नक्षत्र में जन्मा जातक आध्यात्मिक क्षेत्र मे भी करियर बना सकता हैजन्म कुंडली और दशमांश कुंडली में श्रवण नक्षत्र और दशम भाव का योग देता है करियर में सफलता के योग.

 

श्रवण नक्षत्र में जन्मा जातक जब अपने कार्यक्षेत्र चुनाव का रुझान दिखाता है तो यहां जन्म कुंडली में श्रवण नक्षत्र की स्थिति के साथ साथ वर्ग कुंडली में नक्षत्र का प्रभाव. श्रवण नक्षत्र के गुण इतने खास हैं कि यदि व्यक्ति अशिक्षित भी हो तब भी परिपक्वता का भाव उसमें देखने को मिलता है. बौद्धिक ज्ञान एवं अनुभव की क्षमता व्यक्ति को किसी भी रूप में उसे सफलता दिलाने के लिए सक्षम है. श्रवण नक्षत्र सलाहकार के गुण को विकसित करता है. किसी भी समस्या का समाधान खोज लेने की निपुणता इस नक्षत्र के खास गुणों द्वारा मिलती है. व्यक्तिगत हो या सामाजिक क्षेत्र में करियर के हर पक्ष में इस नक्षत्र से व्यक्ति को आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं

धनार्जन की अगर बात की जाए तो करियर ज्योतिष के अनुसार श्रवण नक्षत्र का जातक सामाजिक क्षेत्र में काम करते हुए पद प्राप्ति करता है. अगर व्यक्ति करियर के रूप में कारोबार को अगर अपनाना चाहे तो इस क्षेत्र में भी उसके पास कमाल की क्षमता होती है. सेवा और व्यापार दोनों ही पक्षों में वह अपना करियर बना सकता है और बल्कि उच्च स्थान एवं पद प्राप्ति को देख पाता है. इनमें से किसी भी क्षेत्र से सफलतापूर्वक धन कमाते हैं।

नौकरी योग में श्रवण नक्षत्र : इस नक्षत्र में व्यक्ति नौकरी के मामले में विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, डिजाइनिंग, शिक्षा के साथ साथ कला के क्षेत्रों में भाग्य आजमा सकता है. जन्म कुंडली/Kundali में श्रवण नक्षत्र दशम भाव में मंगल ग्रह के साथ संबंध बना रहा होव्यक्ति के लिए सेना के कमांडर, उच्च रक्षा स्त्रोत, कंस्ट्रक्शन के काम, सरकारी टेंडर में काम करने, चिकित्सा के क्षेत्र में नौकरी कर सकता है. लेकिन इस के दूसरे पक्ष में अगर यह राहु के साथ प्रभाव में हो तब उन कामों में भी शामिल होगा जो जोखिम की अधिकता के साथ साथ कठोर कर्म करने में शामिल कर सकते हैं. नौकरी उन गतिविधियों में शामिल हो सकता है जो तकनीक के साथ चल रही हो जिसमें कंप्यूटर से जुड़े काम जिसमें हैकिंग, सुरक्षा पर सेंध लगाना, इंजीनियरिंग, जासूसी से जुड़े काम इत्यादि में शामिल होने के मौके मिलते हैं.

व्यवसाय योग में श्रवण नक्षत्र :  श्रवण नक्षत्र के जन्मे जातक व्यवसाय योग होता है,  व्यवसाय का पक्ष भी काफी व्यापक रहेगा. व्यापार में आर्थिक मामलों को संभाल पाना इनके लिए बेहतर होता है क्योंकि ये धन को व्यर्थ में बर्बाद नहीं करते। कारोबार को कम धन से आरंभ करते हुए एक बड़े उद्योग में बदल सकते है. श्रवण नक्षत्र के जातक अपने सीधे और सरल व्यवहार के कारण समाज में प्रिय और सम्मानित होते हैं इसी कारण अपने कारोबार को दूर तक फैलाने में सफल होते हैं

श्रवण नक्षत्र चरण फल से करियर संभावनाएं 

श्रवण नक्षत्र पहला पद श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण में मंगल का स्वामित्व होता है. नक्षत्र करियर ज्योतिष/Career Astrology अनुसार करियर में मंगल, शनि, चन्द्र की विशेष भूमिका होगी. करियर में उन्नति के लिए प्रयास  सफल होते हैं लेकिन आजीविका के क्षेत्र में व्यक्ति ऎसे कामों जीविकार्जन करता है जहां वह गुप्त कामों में शामिल होगा. गलत कार्यों में आगे बढ़ते हुए काम कर सकता है. चिकित्सा विज्ञान में सर्जरी से जुड़े काम में करियर बना सकता है

 

श्रवण नक्षत्र दूसरा पद श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण का स्वामित्व शुक्र को मिलता है।  नक्षत्र करियर ज्योतिष अनुसार शुक्र, शनि, चंद्रमा का योग यहां परिणाम देगा. करियर में व्यक्ति के लिए व्यापार योग काफी फलित होता है. राजनीति के क्षेत्र में और उन कामों को करने में कूटनीति लाता है जो साधारणत: संभव नहीं हो पाते हैं

 

श्रवण नक्षत्र तीसरा पद श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामित्व बुध को मिलता है. नक्षत्र करियर में इस तीसरे चरण में जन्मा जातक बुध, शनि और चंद्रमा का योग विशेष परिणाम देगा. यहां व्यक्ति, रेडियो जॉकी, संपादक, लेखक अथवा मीडिया या संचार से जुड़े क्षेत्रों में करियर बना सकता है

श्रवण नक्षत्र चौथा पद श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामित्व चंद्रमा को मिलता है. अब यहां करियर पर चन्द्रमा और शनि मिलकर अपना असर देते हैं. इसका असर कुछ मामलों में नौकरी और व्यापार में संघर्ष की अधिकता को दिखाने वाला होता है.

ज्योतिष अनुसार जन्म कुंडली में श्रवण नक्षत्र प्रभाव, देखते हुए ही इस नक्षत्र में जन्मे जातक के करियर की भविष्यवाणी करना महत्वपूर्ण होता है. व्यक्तिगत ज्योतिष परामर्श से कुंडली में मौजूद करियर की संभावनाओं को तलाश कर पाना संभव होता है. ज्योतिष हमें हमारे कार्यक्षेत्र के चयन के साथ साथ जीवन में सफलता की ओर कदम बढ़ाने के लिए उचित समझ सलाह और उपाय देता हैकिसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

इसके बारे में और पढ़ेंस्वास्थ्य भविष्यवाणी | कुंडली मिलान | बाल ज्योतिष | Horoscope Matching

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उत्तराषाढ़ा नक्षत्र : सरकारी नौकरियों में मिलता है पहला स्थान https://kundlihindi.com/blog/uttarashada-nakshatra/ https://kundlihindi.com/blog/uttarashada-nakshatra/#respond Fri, 02 Aug 2024 08:05:40 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2739 “नक्षत्र ज्योतिष” में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र 21वां स्थान रखता है. उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र का स्वामी सूर्य होता है, सूर्य की चमक व्यक्ति विशेष को उसके कार्यक्षेत्र में बेहद अमूल्य अवसर देने वाली होती है इस बात को इस तथ्य से भी समझा जा सकता है कि ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रह आत्मा का प्रतिरूप बनता है उसी...

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नक्षत्र ज्योतिषमें उत्तराषाढ़ा नक्षत्र 21वां स्थान रखता है. उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र का स्वामी सूर्य होता है, सूर्य की चमक व्यक्ति विशेष को उसके कार्यक्षेत्र में बेहद अमूल्य अवसर देने वाली होती है इस बात को इस तथ्य से भी समझा जा सकता है कि ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रह आत्मा का प्रतिरूप बनता है उसी का प्रकाश हमें अपने जीवन में उचित चीजों को अपनाने में मदद करता है. इस नक्षत्र का राशि अधिपति गुरु और शनि दोनों बनते हैं क्योंकि उत्तराषाढ़ा के आरंभिक एक चरण में गुरु की राशि धनु आती है और उत्तराषाढ़ा के अंतिम तीन चरण मकर राशि में पड़ते हैं. इस कारण व्यक्ति अपने जीवन के अनेक क्षेत्रों पर इन तीन विशेष ग्रहों की भूमिका से प्रभावित होता है.

जब करियर की बात आती है तो इस नक्षत्र के विशेष गुणों का प्रभाव जातक को कदम कदम पर मार्गदर्शन करने वाला होता है और साथ में सही दिशा की ओर ले जाने वाला भी होता है. तो चलिये जानने की कोशिश करते हैं की आखिर इस उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का जातक अपने लिए कौन से काम को करने में आगे रहता है. कैसे विभिन्न क्षेत्रों में इनकी प्रगति होती है और कौन से ग्रह अपना असर इन नक्षत्र के साथ मिलकर देने में सक्षम होते हैं.

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और करियर चयन का फैसला

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में अगर आपका जन्म हुआ है या यह नक्षत्र आपकी जन्म कुंडली के लग्न भाव, छठे भाव, दशम भाव को प्रभावित कर रहा है तब इस स्थिति में व्यक्ति का रुझान उन कामों की ओर अधिक रहेगा जो इस नक्षत्र में आते होंगे. इसके अलावा यदिदशमांश वर्ग कुंडलीमें इस नक्षत्र की भूमिका दशम भाव और लग्न को प्रभावित करती है तब भी इस नक्षत्र से जुड़े कामों में व्यक्ति अवश्य शामिल होता देखा गया है. इस बात को हम इस तरह से समझ सकते हैं की किसी की कुंडली में लग्न भाव में इस नक्षत्र का योग बन रहा है और दशम भाव के साथ इसके ग्रह की युति है तब उस स्थिति में व्यक्ति की नौकरी या उसका कारोबार इस नक्षत्र के प्रभाव को अवश्य पाता है.

ज्योतिष शास्त्रअनुसार पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति की चार्ट में अगर मंगल और सूर्य अच्छी शुभ स्थिति में हों तो जातक को प्रशासक और अच्छा नेता बनने में मदद मिलती है. ऎसा इस कारन से है क्योंकि सूर्य इस नक्षत्र का स्वामी होता है तो वहीं मंगल का साहस इस को मिल जाने से व्यक्ति नेतृत्व का गुण पाता है. साहसिक कामों को करने में आगे रहेगा. व्यक्ति को अगर गुरु की राशि धनु में इन दोनों ग्रहों की स्थिति अगर मिल जाए तब ऎसे में सेना के क्षेत्र में व्यक्ति काफी उच्च स्तर की पद प्राप्ति करता है.

सरकारी नौकरीके मामले में भी इस नक्षत्र से प्रभावित जातकों को मिलती है सफलता. सूर्य मंगल गुरु जैसे ग्रहों का योग और शनि की शुभ स्थिति मिलने पर सरकार से लाभ, सरकार में उच्च पद प्राप्ति का योग जन्म लेता है.

करियर में कब मिलती है असफलता या अवसरों की कमी

अब जब हम बात कर रहे हैं इस नक्षत्र में जन्मे जातक के काम की तो कई लोग इस बात से पूर्ण रूप से सहमत नहीं हो पाएंगे, कि उन्हें इतने अच्छे काम की प्राप्ति हुई हो या वह सरकारी नौकरी में असफल रह गए हों. तो इस स्थिति में वो कारक काम करते हैं जिन्हें हमने नहीं समझा. करियर ज्योतिष में इसी बात को समझने पर अधिक जोर दिया जाता है की आखिर कैसे हम उन अवसरों को पाएं जो हमारे लिए बने हैं लेकिन हम उन की ओर अनदेखी जैसा रुख अपना लेते हैं.

तो इस प्रश्न का उत्तर कुंडली में मौजूद आपके नक्षत्र की स्थिति में छुपा होता है. कई बार इस नक्षत्र में अच्छे योग होने पर भी लोग अपने पसंद के करियर को नहीं चुन पाते हैं क्योंकि जन्म कुंडली में ग्रह दशा, ग्रह गोचर, और नक्षत्र की स्थिति कहीं कहीं कमजोर बन रही होती है. जन्म कुंडली में अगर नक्षत्रपाप ग्रहोंसे प्रभावित हो रहा हो, नक्षत्र का संबंध आठवें, बारहवें भाव के साथ नकारात्मक रूप से बन रहा हो तब ऐसी संभावनाएं पैदा होती हैं जिनके कारण व्यक्ति अपने बेहतर विकल्प देख नहीं पाता है. उसके हाथ से बेहतर मौके छूट जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि अपने अवसरों की मांग को हम समझे और यदि जीवन में ऐसी परिस्थिति आए तो कैसे उससे बचें इसके लिए ज्योतिष शास्त्र की कारगर उपाय भी बताता है.

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र इस फील्ड में होते हैं सफल 

इस नक्षत्र के लोगों को औद्योगिक रूप से जुड़े कामों में अच्छा अवसर मिलता है, आर्किटेक्ट, मैकेनिक, मानचित्र निर्माता, इंजीनियर या निर्माणकर्ता बन सकते हैं। अगर कुंडली में मंगल के साथ बृहस्पति या सूर्य की युति हो तो उसे राजनीति से जुड़े कार्यों में रुचि होती है। इसमें शिक्षक, विचारक, प्रोफेसर बन सकता है.

अगर दोनों ग्रह बुध के साथ स्थित हों तो व्यक्ति एक अच्छा लेखक बन सकता है। उसके पास एक अच्छे वक्ता के गुण भी होते हैं। यदि ऐसा व्यक्ति कानून के क्षेत्र में जाता है तो उसे अच्छी प्रसिद्धि और धन की प्राप्ति होती है। लेकिन, इस योग में ध्यान रखने वाली बात यह है कि कुंडली में सूर्य और बृहस्पति शुभ होने चाहिए।

आप भी अगर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से प्रभावित हैं तो अपने करियर के चयन के लिए कुंडली विश्लेषण को प्राथमिकता दें. कुंडली का सहीज्योतिषीय मार्गदर्शनही आपको अपने करियर चुनने की सही योग्यता और निर्णय लेने की क्षमता देता है. किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

आप इसके बारे में भी जान सकते हैं: कुंडली मिलान | जन्म कुंडली के अनुसार चिकित्सा भविष्यवाणी | जीवनकाल भविष्यवाणी

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पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र : करियर में सफलता के गढ़ सकते हैं नए आयाम https://kundlihindi.com/blog/purvashada-nakshatra/ https://kundlihindi.com/blog/purvashada-nakshatra/#respond Thu, 01 Aug 2024 09:00:34 +0000 https://kundlihindi.com/?p=2704 पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में एक चमकदार सितारा है जिसकी शुभता इसे काफी विशेष बनाती है. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र चक्र में 20वां स्थान पाता है. धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र आने से करियर के दृष्टिकोण से ये जातक को काफी बेहतर विकल्प दिलाने में सहायक होता है. इसके अलावा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह शुक्र है।...

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पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में एक चमकदार सितारा है जिसकी शुभता इसे काफी विशेष बनाती है. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र चक्र में 20वां स्थान पाता है. धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र आने से करियर के दृष्टिकोण से ये जातक को काफी बेहतर विकल्प दिलाने में सहायक होता है. इसके अलावा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह शुक्र है। करियर ज्योतिष अनुसार राशि स्वामी गुरु और नक्षत्र स्वामी शुक्र का योग व्यक्ति को “बिजनेस और नौकरी” दोनों में सफलता दिलाता है.  इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है तो “राशि स्वामी शुक्र” हैं और “करियर ज्योतिष” में इन दोनों ग्रहों की भूमिका व्यक्ति को उन मूलभूत बातों से जोड़ती है जो उसके कार्यक्षेत्र को बेहतर बनाने में उपयोगी होती हैं.  आइये जान लेते हैं नौकरी या व्यवसाय कौन से क्षेत्र में बना सकते हैं पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र वाले अपना करियर.

पूर्वाषाढ़ा  नक्षत्र में जन्मा जातक अपने करियर को लेकर कई बातें सोच सकता है लेकिन उसके लिए कौन सी बातें विशेष अहमियत रख सकती हैं और किन चीजों को ध्यान में रखते हुए वह अपने करियर को बेहतरीन बना सकता है. इन सभी बातों की पड़ताल जातक की “जन्म कुंडली” से होती है.

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आप कौन सी फील्ड चुन सकते हैं.

या क्या पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्म लेने के कारण मेरे लिए व्यापार करना सही होगा.

नौकरी का योग कब तक होगा.

मेरे लिए कौन सा क्षेत्र नेम फेम दिलाने वाला होगा.

कौन सा नाम मेरे बिजनेस के लिए बेस्ट होगा.

इन सभी बातों की जिज्ञासा को जन्म नक्षत्र की जन्म कुंडली में स्थिति से जान पाना संभव होता है.

जन्म कुंडली में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र से जानें जॉब योग / व्यवसाय योग

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र नौकरी योग या फिर व्यापार योग कहां ले जाएगी किस्मत, इन सभी बातों के लिए आपकी जन्म कुंडली में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के ग्रह स्थिति और “वर्ग कुंडली” में इसके प्रभाव को समझना होता है. उदाहरण के लिए जन्म कुंडली में दशम भाव में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी स्वराशिगत होकर विराजमान है “बृहस्पति” का संबंध दशम भाव और लग्न दोनों से बन रहा है और साथ में बुध का युति योग बन रहा है तो ऎसे में व्यक्ति अपना काम शुरू करता है. व्यक्ति किसी एजुकेशनल फर्म को शुरू कर सकता है, आयुर्वेद या एलोपेथी चिकित्सा पद्धति में अपने कारोबार को आरंभ करेगा.

गुरु और शुक्र में से कौन देता है नौकरी में अवसर

करियर ज्योतिष में पूर्वाषाढ़ा के व्यवसाय की बात करें तो इस में उच्च पद का आनंद लेते हैं। कारोबार में अच्छा धन अर्जित करते हैं. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का असर वित्त से संबंधित नौकरियों की ओर आकर्षित करता है. कानूनी सलाहकार के रुप में अपना काम अच्छा रहता है. शेयर मार्किट में अपना काम कर सकते हैं। इस नक्षत्र का प्रभाव मनोरंजन जगत से जोड़ता है. सलाहकार, शिक्षण, वक्तृत्व, दर्शन और मनोचिकित्सक से संबंधित क्षेत्रों में अपना अधिपत्य स्थापित कर सकते हैं. इस नक्षत्र के जातक रचनात्मक कार्यों में व्यवसाय की तलाश काफी अच्छी रहती है.

इस नक्षत्र में गुरु के साथ साथ शुक्र की विशेषताओं का असर नौकरी में दिखाई देता है. इनका करियर जब शुक्र से प्रभावित होती है. जन्म कुंडली में अगर शुक्र चंद्रमा का योग दशम भाव पर बन रहा हो तो सौंदर्य और मनोरंजन से संबंधित कामों की ओर ले जाने वाला होगा. वस्त्र, फूड, या पानी से जुड़े उद्योग में अच्छा करता है. होटल, नर्सिंग और चिकित्सा से संबंधित क्षेत्रों में भी नौकरी मिलती है. अगर बृहस्पति कुंडली में अनुकूल स्थिति में है तो महत्वाकांक्षी होकर काम करता है. नौसेना, समुद्री जीव विज्ञान विशेषज्ञ, मछली पालन, निर्माण के लिए उपयुक्त होते हैं. इन क्षेत्रों में इनके अच्छे पैसे कमाने की संभावना होती है।

अब गुरु या शुक्र कौन देगा अवसर तो इसका निर्णय कुंडली में इन ग्रहों की दशम भाव से स्थिति से ही पता चल पाता है. इसके अलावा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र इन ग्रहों के साथ संबंध प्रबल रूप में बना रहा है तो व्यक्ति के लिए इन क्षेत्रों में काम करना अधिक बेहतर होता है.

नक्षत्र चरण पद का करियर चयन पर प्रभाव

“पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पहला चरण” प्रथम चरण का स्वामी सूर्य है और इस चरण में बृहस्पति, शुक्र दोनों का सहयोग भी मिलता है. इस कारण से दवाओं के क्षेत्र में करियर बन सकता है, मार्केटिंग से लेकर लीडरशिप अच्छी होती है.

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र दूसरा चरण” द्वितीय चरण का स्वामी बुध है और अब गुरु, शुक्र यहां अपना प्रभाव दिखाते हैं इसके चलते ऎसे कला से जुड़े अधिकांश क्षेत्रों में प्रतिष्ठा मिलती है. संचार, अध्ययन,  कवि, कहानीकार या अपनी बातों से व्यक्ति धनार्जन करता है.

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र तीसरा चरण” तृतीय चरण का स्वामी शुक्र है, अब इस स्थान पर गुरु का सहयोग होने से  व्यक्ति को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, एग्रीकल्चर, डिजाइनिंग, फैशन, मीडिया इन सभी में पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है.

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र चौथा चरण” चतुर्थ चरण का स्वामी मंगल है और यहां गुरु, शुक्र का प्रभाव व्यक्ति को रोमांच और जोखिम भरे कामों से जोड़ देता है.  एनजीओ, सुरक्षा सेना प्रमुख, अंतर्राष्ट्रीय  स्तर के कामों में भागीदारी, विशेषज्ञ होने का गुण भी मिलता है.

इस तरह से पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के भीतर बहुत सी ऐसी बातें और जो आपके करियर के लिए खास बनती हैं आपके रुझान को पैदा करती हैं. अगर आप पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र से प्रभावित हैं और जानना चाहते हैं की कौन सी नौकरी आपके लिए सबसे अच्छे अवसर देने में सहयोग करेगी तो इसके लिए जरूरी है कि जन्म कुंडली का विश्लेषण किया जाए और उसके अनुसार अपने कार्यक्षेत्र को चुना जाए. “करियर चयन” के लिए आवश्यक है एक योग्य “ज्योतिषी मार्गदर्शन” जो देता है आपको अपने करियर से जुड़े हर प्रश्न का उत्तर और योग्य सलाह.

किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।

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