आपके भाग्य को समझने में कितनी कारगर होती है कुंडली

आपके भाग्य को समझने में कितनी कारगर होती है कुंडली?

जीवन में सुख समृद्धि और खुशियों को भाग्य से जोड़कर देखा जाता है। कहते है भाग्य का लिखा हमसे कोई छीन नहीं सकता। जो हमारी किस्मत में लिखा है वो हमें मिल कर ही रहेगा और उसे हमसे कोई छीन नहीं सकता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारी जन्म कुंडली हमारे जीवन का सार मानी जाती है। कुंडली के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में पता लगाया जा सकता है।

आज भी जीवन के बड़े निर्णय लेने के लिए या अपने भविष्य के बारे में जानने के लिए हम कुंडली को ही एकमात्र सहारा मानते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म कुंडली का नवम भाव ही भाग्य स्थान कहलाता है। किसी व्यक्ति का भाग्योदय कब होगा यह इस भाव में बैठे ग्रहों पर निर्भर होता है। नवम भाव में बैठे हुए ग्रह बताते हैं कि हमारे जीवन में सुख और धन कब आएगा। नवम भाव में स्थित हर ग्रह का अपना एक अलग महत्व होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में भाग्य भाव अच्छा होता है वह व्यक्ति भाग्यशाली होता है। नवम भाव से किसी व्यक्ति के धार्मिक दृष्टिकोण के बारे में भी पता चलता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के नवम भाव में सूर्य स्थित होते हैं, तो ऐसा व्यक्ति स्वाभिमानी और बहुत महत्वकांक्षी माना जाता है। ऐसे लोग राजनीति और सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी होती है।

यदि किसी व्यक्ति की लग्न कुंडली/kundli के नवम भाव में चंद्रमा विराजमान हैं तो ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय कम उम्र में ही हो जाता है। ऐसे व्यक्ति दयालु प्रवृत्ति के होते हैं और यह अपने जन्म स्थान से दूर जाकर तरक्की करते हैं।

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के नवें घर या भाग्य स्थान पर मंगल विराजमान होते हैं तो ऐसा व्यक्ति भूमि से संबंधित कार्यों में सफलता पाता है।

किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह का नवम स्थान होना दर्शाता है कि इस व्यक्ति का भाग्य उदय 32वें वर्ष में होगा। ऐसे लोग कल्पनाशील और बहुत अच्छे लेखक माने जाते हैं। ऐसे लोगों को ज्योतिष शास्त्र, गणित और पर्यटन के क्षेत्र में काफी लाभ मिल सकता है और यह अपने जीवन में प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं।

नवम स्थान के स्वामी ग्रह देवगुरु बृहस्पति को माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की लग्न कुंडली में गुरु इस स्थान में है, तो यह सबसे उत्तम होता है। ऐसे व्यक्ति का भाग्य उदय 24 वर्ष में होना तय होता है। इन्हें धन संपत्ति के साथ इन्हें अपार मान सम्मान भी प्राप्त होता है।

यदि नवम भाव में शुक्र देव विराजमान हो तो ऐसा व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है। यह स्थिति सबसे शुभ मानी जाती है। ऐसा व्यक्ति कम उम्र में ही अच्छी सफलता हासिल करता है।

क्या कुंडली में लिखा सच होता है?

ज्योतिष शास्त्र सदियों से चली आ रही परंपरा है। प्राचीन काल से ही लोग इसमें अटूट विश्वास रखते आए हैं। आज भी विवाह के लिए कुंडली मिलान, करियर, आर्थिक भविष्य जानने के लिए सबसे पहले ज्योतिष पर ही विचार किया जाता है। विज्ञान की तरह ही ज्योतिष विज्ञान भी एक विज्ञान है। जिस तरह विज्ञान से हमें कई चीजों के लिए पूर्वानुमान लगा सकते है, ठीक वैसे ही ज्योतिष से हम अपने आने वाले समय का अनुमान लगा सकते हैं। ज्योतिष से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि भविष्य में हमें लाभ होगा या नहीं, करियर अच्छा रहेगा या नहीं और सेहत कैसी रहेगी। ज्योतिष जीवन में होने वाली अच्छी और बुरी बातों के बारे में बता सकता है। कई लोग ज्योतिष विज्ञान पर पूर्ण रूप से विश्वास नहीं करते हैं। कई लोग मानते हैं कि जीवन में होने वाली बातों की भविष्यवाणी महज एक संभावना है।

इन उपायों से जाग जाएगी आपकी किस्मत

अक्सर ऐसा होता है कि व्यक्ति अधिक मेहनत भी करता है लेकिन उसे सफलता प्राप्त नहीं होती है। बनते-बनते काम बिगड़ जाते हैं। इतना ही नहीं किसी भी काम को करने जाए तो उसमें अड़चन सबसे पहले आती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति की जब किस्मत रूठ जाती है, तो किसी भी काम में सफलता हासिल नहीं होती है। ऐसे में जीवन में किसी न किसी तरह से नकारात्मकता बनी रहती है। माना जाता है कि ऐसा कई बार ग्रहों की स्थिति खराब होने के कारण भी होता है। अगर आप भी इस दौर से गुजर रहे है तो कुछ खास उपाय अपना सकते हैं। इससे आपको अवश्य लाभ मिलेगा।

  • अपने भाग्य को जगाने के लिए बृहस्पति संबंधी उपाय अपना सकते हैं।
  • इसके लिए पीपल की जड़ में जल चढ़ाएं।
  • प्रत्येक गुरुवार भगवान विष्णु जी की पूजा करें, केले के पेड़ पर हल्दी मिला जल अर्पित करें, इसके साथ ही पीली वस्तुओं का दान करें।
  • रोजाना माथे में केसरिया चंदन लगाएं। ऐसा करने से किस्मत जाग जाती है।
  • प्रतिदिन सूर्य देव को कुमकुम मिश्रित जल अर्पित करें और गायत्री मंत्र का नियमित रूप से जाप करें।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दान करने से भी ग्रहों की स्थिति सही हो जाती है। इसलिए एक मुट्ठी चावल हथेली में लें और उसमें एक रुपए का सिक्का रखकर किसी मंदिर में जाकर कोने में रख आएं।
  • एक सफेद रुमाल में चावल और सुपारी रखकर गांठ बांध दें और किसी मंदिर में रख आएं।
  • रोजाना शाम के समय पूजा करते समय कपूर जलाएं। ऐसा करने से भी आपकी किस्मत जाग जाएगी।
  • रोजाना पानी में एक चुटकी नामक डालकर घर में पौछा लगाने से जीवन से नकारात्मकता खत्म होती है और सफलता के रास्ते खुलने लगते हैं।

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