नाम और जन्मतिथि के आधार पर निःशुल्क कुंडली मिलान!

नाम और जन्मतिथि के आधार पर निःशुल्क कुंडली मिलान!

भारतीय संस्कृति में विवाह को एक बहुत ही पवित्र रिश्ता माना जाता है। विवाह करने के लिए कुंडली मिलान को बेहद ही अहम माना जाता है कुंडली मिलान जिसे गुण मिलान या अष्टकूट मिलान भी कहा जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वर और वधू की कुंडली का मिलान किया जाता है। कुंडली मिलान को एक सुखी वैवाहिक जीवन की नींव माना जाता है। इसमें दोनों पक्षों के गुणों का मिलान होता है और उस आधार पर यह तय किया जाता है कि यह विवाह हो सकता है या नहीं?

आज भी जब विवाह की बात आती है तो कुंडली मिलान को ही प्राथमिकता दी जाती है। कुंडली मिलान को एक सुखी दांपत्य जीवन का आधार माना जाता है। यदि वर-वधू की कुंडली मिलती है तभी विवाह संपन्न किया जाता है क्योंकि विवाह के लिए कुंडली मिलान आवश्यक माना जाता है।

फ्री कुंडली मिलान

एक सफल वैवाहिक जीवन के लिए वर और वधू के बीच गुणों का मिलना बेहद ही जरूरी होता है। अष्टकूट के सभी गुणों को मिलाकर कुल 36 गुण बनते हैं।

इन सभी के अंको का कुल योग 36 होता है यदि इसमें से 18 या फिर उससे ज्यादा गुण मिलते हैं तभी विवाह शुभ माना जाता है।

  • 18 से अधिक गुण मिलने पर मिलान मध्यम माना जाता है।
  • 21 से अधिक गुण मिलना विवाह के लिए बेहद ही शुभ माना जाता है।
  • 18 से कम गुणों का मिलना ठीक नहीं माना जाता है।

यदि आप भी अपनी जन्म तिथि से निशुल्क कुंडली मिलान करना चाहते हैं, तो निशुल्क कुंडली मिलान कैलकुलेटर पर क्लिक करें। आपको अपनी और अपने पार्टनर की जन्म से जुड़ी जानकारी जैसे जन्म तिथि, जन्म स्थान, जन्म समय इसमें भरना होगा। कुंडली मिलान कैलकुलेटर आपको तुरंत आपका गुण मिलान स्कोर प्रदान कर देगा।

नाम और जन्मतिथि से कुंडली मिलान करना एक वैदिक ज्योतिषीय प्रक्रिया है। जन्मतिथि से कुंडली मिलान करने के लिए वर और वधू दोनों की जन्मतिथि, जन्म का सटीक समय और जन्म स्थान शामिल होता है। इस जानकारी का उपयोग करके जन्म कुंडली तैयार की जाती है। जन्मतिथि के अनुसार कुंडली मिलान करके वर और वधू के बीच की अनुकूलता और प्रतिस्पर्धा के बारे में पता लगाया जा सकता है। कुंडली मिलान का मुख्य उद्देश्य वर और वधू के बीच एक उत्तम वैवाहिक जीवन सुनिश्चित करना होता है।

कुंडली मिलान में, ज्योतिषी अनुकूलता का आकलन करने और एक सफल और सामंजस्यपूर्ण रिश्ते की संभावना का अनुमान लगाने के लिए कुंडली का विश्लेषण करते हैं। इस प्रक्रिया में व्यक्तित्व, करियर और पारिवारिक जीवन जैसे जीवन के पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए जन्म के समय सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की स्थिति जैसे विभिन्न कारकों की जांच की जाती है।

कुंडली मिलान में कितने गुणों का मिलान करना चाहिए?

कुंडली मिलान वर और वधू दोनों के कुंडली के आधार पर गुणों का मिलान होता है। कुंडली मिलान के आधार पर ही यह तय होता है कि विवाह होगा या नहीं होगा। ज्योतिष शास्त्र में विवाह के मिलान के लिए कुल 36 गुणों के बारे में बताया गया है। कुंडली मिलान को अष्टकूट गुण मिलान भी कहा जाता है। अष्टकूट मिलान 8 अलग-अलग कारकों या गुणों के आधार वर और वधू की अनुकूलता का आकलन करने के लिए किया जाता है। हर गुण का अपना एक अलग अंक होता है। इसके आधार पर ही यह तय किया जाता है कि कुल कितने गुण मिलते हैं। आइए जानते हैं क्या होते है वो अष्टकूट गुण और उनके कितने अंक दिए जाते हैं:

कूट –  अंक

वर्ण  – 1

वश्य – 2

तारा – 3

योनि – 4

ग्रह मैत्री  – 5

गण  – 6

भकूट – 7

नाड़ी – 8

यदि कुंडली मिलान में 18 से कम गुण आते हैं, तो विवाह नहीं करना चाहिए। ऐसे विवाह की अवधि बेहद ही कम होती है और इसमें कलह-क्लेश बना रहता है इसलिए विवाह से पहले कुंडली मिलान बेहद ही आवश्यक माना जाता है।

यदि कुंडली मिलान हो तो क्या होगा?

कुंडली मिलान में 18 से कम या अधिक स्कोर मिल सकता है लेकिन तुरंत निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। कुंडली मिलान/kundli matching एक विस्तृत प्रक्रिया है, और इसके लिए आगे की जांच की आवश्यकता होती है। मान लीजिए आपकी कुंडली मेल नहीं खाती; आपको अब क्या करना चाहिए? यहां, हम यह कहना चाहते हैं कि कम अंक का मतलब विवाह प्रस्ताव को “नहीं” कहना नहीं है। कुंडली में कई दोष ऐसे होते हैं जो रद्द हो सकते हैं, जिससे आपको अधिक अंक मिल सकते हैं। एक अनुभवी ज्योतिषी आपका वास्तविक स्कोर प्राप्त करने के लिए नक्षत्र स्तर पर जन्म कुंडली की जांच करता है!

आप अपनी कुंडली मिलान की स्पष्ट तस्वीर पाने के लिए डॉ. विनय बजरंगी से परामर्श ले सकते हैं। चाहे आपके गुण मिलान स्कोर अधिक हो या कम, वास्तविक सच्चाई जानने के लिए ज्योतिषीय परामर्श आवश्यक है।

कम अंक का यह मतलब नहीं है कि आपको विवाह के प्रस्ताव को अस्वीकार कर देना चाहिए। आपके गुणों की जाँच के बाद, अगले चरण में कुंडलियों का गहन विश्लेषण शामिल होता है। लग्न राशि, चंद्र राशि और संबंधित ग्रहों के नक्षत्र के आधार पर अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। एक अनुभवी ज्योतिषी विभिन्न दोषों का आकलन करके यह निर्धारित कर सकता है कि विवाह प्रस्ताव स्वीकार किया जाना चाहिए या नहीं।

भले ही गुना मिलान में आपका स्कोर अच्छा हो, फिर भी आगे की जांच करना महत्वपूर्ण है। कभी-कभी, कुंडली में छुपे हुए दोष उभर सकते हैं और यदि समय पर उनका समाधान नहीं किया गया तो विवाह को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे आपसी क्लेश, अलगाव या तलाक हो सकता है।

प्रेम विवाह में कुंडली मिलान की अहमियत:

कुंडली मिलान प्रेम विवाह में भी बहुत अहम भूमिका निभाता है। भले ही पार्टनर एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हों, यह विवाह के बाद प्यार के रिश्तों में बदलाव आ सकते हैं। ज्योतिषीय में, कुंडली का 5वां घर रोमांस का प्रतीक होता है, जबकि 7वां घर विवाह का प्रतिनिधित्व करता है। एक अच्छा 5वां घर एक अच्छे 7वें घर की गारंटी नहीं देता है, जिससे संभावित रूप विवाह में परेशानी आ सकती है। ऐसे में विवाह पूर्व और विवाह पश्चात परामर्श सहायक हो सकता है, जो सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रभावी उपाय और कर्मा करेक्शन प्रदान करता है।

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